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#☝ मेरे विचार #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰Express Emotion #❤️जीवन की सीख
☝ मेरे विचार - अज्ञानी राम ~ चैत्र मास की नवमीं तिथि के दिन जब विष्णु  कौशल्या अपने कक्ष में बैठ भगवान বরা  feg थध्यान कर रहीं थीं तब भगवान चतुर्भुज रूप  में उनके सामने प्रकट हुए।   मुस्कुराते   हुए सदा  की॰ भांति   मंद मंद विष्णु ने कोशल्या से कहा- आप ओर भगवान आपके पति ने पिछले जन्म में तपस्या कीथी। आप दोनों की इच्छा पूरी करते हुए मैंने वरदान  दिया था कि अगले जन्म में मैं आपके घर पुत्र बनकर आऊँगा। अपना वचन निभाते हुए मैं आ "೯I  गया से कहा - मैंने तो सुना कौशल्या ने भगवान था कि भगवान हमेशा सत्य बोलते हें लेकिन आज जाना कि भगवान झूठ भी बोलते हैं।' भगवान ने जताया - मैने आपसे क्या झूठ बोला ? आश्चर्य  कौशल्या ने बड़ा मधुर जवाब दिया- आपने तो कहा था कि आप मेरे घर पुत्र के रूप में आयेंगे। लेकिन ये जो चतुर्भुज रूप लेकर आये हैं ये क्या पुत्र का रूप है ? ये तो परमपिता का रूप है। मतलब कि आप झूठे हें। भगवान को बड़ा आनन्द आया। वो समझ गये कि कौशल्या क्या चाहती हैं। বী বুৎল शिशु  रूप धारण कर कोशल्या की गोद में बैठ गये ओर हमेशा की हुए कौशल्या का आनन्द बढ़ाने लगे। मुस्कुराते 76 तभी कौशल्या ने कहा - मैंने तो सुना था कि भगवान को हर चीज  बिल्कुल  का ज्ञान होता है लेकिन आज जाना कि भगवान अज्ञानी होते हैं। ने पूछा - ये आप कैसे कह सकती हो ? भगवान मुस्कुरा रहे हैं। इसी से पता " माता कोशल्या बोलीं - आप इस समय चलता है कि आपको इतना भी ज्ञान नहीं कि बच्चा जब जन्म लेता है तो हंसता नर्हीं बल्कि रोता हे। ನ भगवान ने जान लिया कि माता क्या चाहती हैं और वो तुरन्त रो पडे़े।  তম ৪ী যাস স্সীতী ক্রী বতো মনা [ अज्ञानी राम ~ चैत्र मास की नवमीं तिथि के दिन जब विष्णु  कौशल्या अपने कक्ष में बैठ भगवान বরা  feg थध्यान कर रहीं थीं तब भगवान चतुर्भुज रूप  में उनके सामने प्रकट हुए।   मुस्कुराते   हुए सदा  की॰ भांति   मंद मंद विष्णु ने कोशल्या से कहा- आप ओर भगवान आपके पति ने पिछले जन्म में तपस्या कीथी। आप दोनों की इच्छा पूरी करते हुए मैंने वरदान  दिया था कि अगले जन्म में मैं आपके घर पुत्र बनकर आऊँगा। अपना वचन निभाते हुए मैं आ "೯I  गया से कहा - मैंने तो सुना कौशल्या ने भगवान था कि भगवान हमेशा सत्य बोलते हें लेकिन आज जाना कि भगवान झूठ भी बोलते हैं।' भगवान ने जताया - मैने आपसे क्या झूठ बोला ? आश्चर्य  कौशल्या ने बड़ा मधुर जवाब दिया- आपने तो कहा था कि आप मेरे घर पुत्र के रूप में आयेंगे। लेकिन ये जो चतुर्भुज रूप लेकर आये हैं ये क्या पुत्र का रूप है ? ये तो परमपिता का रूप है। मतलब कि आप झूठे हें। भगवान को बड़ा आनन्द आया। वो समझ गये कि कौशल्या क्या चाहती हैं। বী বুৎল शिशु  रूप धारण कर कोशल्या की गोद में बैठ गये ओर हमेशा की हुए कौशल्या का आनन्द बढ़ाने लगे। मुस्कुराते 76 तभी कौशल्या ने कहा - मैंने तो सुना था कि भगवान को हर चीज  बिल्कुल  का ज्ञान होता है लेकिन आज जाना कि भगवान अज्ञानी होते हैं। ने पूछा - ये आप कैसे कह सकती हो ? भगवान मुस्कुरा रहे हैं। इसी से पता " माता कोशल्या बोलीं - आप इस समय चलता है कि आपको इतना भी ज्ञान नहीं कि बच्चा जब जन्म लेता है तो हंसता नर्हीं बल्कि रोता हे। ನ भगवान ने जान लिया कि माता क्या चाहती हैं और वो तुरन्त रो पडे़े।  তম ৪ী যাস স্সীতী ক্রী বতো মনা [ - ShareChat