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अधूरे ख़्वाब है कुछ... कुछ अधूरे हम हैं सुकून की चाहत में... ना जाने कितने गम है ज़ख्म भरे भी तो कैसे हम... कोई बताएं जरा ज़ख्म देने वाला ही.....जब मरहम है..!! #रोhitsingh
रोhitsingh - अधूरे ख़्चाब है कुछ...कुछ अधूरे हम हैं सुकून की चाहृत में..ना जाने कितने गम है ज़ख्म भरे भी तो कैसे हम...कोई बताएं जरा ज़ख्म देने वाला ही.....जब मरहम है..!! रोhit singh अधूरे ख़्चाब है कुछ...कुछ अधूरे हम हैं सुकून की चाहृत में..ना जाने कितने गम है ज़ख्म भरे भी तो कैसे हम...कोई बताएं जरा ज़ख्म देने वाला ही.....जब मरहम है..!! रोhit singh - ShareChat