बीएन राउ की ज़िन्दगी से एक धारदार सन्देश: विलक्षण विधिक सूझ-बूझ वाले इस न्यायविद ने 1946-47 में दुनिया भर के संवैधानिक मॉडल पढ़कर भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई, बाद में बर्मा के संविधान पर भी काम किया और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ICJ तक पहुँचे — यह दर्शाता है कि गहन शोध और तुलनात्मक अध्ययन किसी राष्ट्र के लोकतांत्रिक ढाँचे की नींव कैसे मज़बूत कर सकते हैं; उनका दृष्टिकोण दर्शाता है कि संविधान निर्माण सिर्फ कानूनी ड्राफ्ट नहीं बल्कि ऐतिहासिक, सामाजिक और न्यायिक तर्कों का समवाय होता है 📜⚖️🇮🇳 — एक रोचक तथ्य: राउ ने समान कानूनों की बाध्यता से बचने के लिए 'due process' को सीधे अपनाने का विरोध किया और विभिन्न देशों के अनुभवों को परखकर ही सुझाव दिए, जिससे आज भी संवैधानिक डिज़ाइन पर शोधकर्ता बहस करते हैं 🔍📚 — याद दिलाने के लिए एक असरदार वाक्य: संयमित तर्क और व्यापक संदर्भ का मेल ही स्थायी संस्थागत संरचना बनाता है — नई बहसों में वर्तमान में उनकी मूर्तियों और स्मारकों पर उठ रहे विवाद भी देखने को मिल रहे हैं, जो बताता है कि इतिहास पर समकालीन राजनीतिक और सामाजिक व्याख्याएँ कैसे प्रभाव डालती हैं 🗳️🗣️🔥 #BNRau #ConstitutionMaker #LegalHistory #India 🇮🇳 @B.Bharath BN @Mahesh bn @Rajesh bn @BN Reddy @मधु #bn yadav# शिवा #BN राउ #बम - बम भोले #viral #shree vishnu ji Mata laxmi ji 🙏 #🚗🧗🏻भारत भ्रमण व सफर प्रेमी🚂⛰


