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#सच कहा है #स्त्री
सच कहा - 66 सच कहा है कि॰स्त्री का प्रेम पानी की धार है, जिस ओर ढाल पाता है॰ उधर ही बह जाता है। सोना ज्यादा गरम होकर पिघल जाता है। प्रेमचंद प्रेमचंद @সুংী  IuunshiPvemchand 66 सच कहा है कि॰स्त्री का प्रेम पानी की धार है, जिस ओर ढाल पाता है॰ उधर ही बह जाता है। सोना ज्यादा गरम होकर पिघल जाता है। प्रेमचंद प्रेमचंद @সুংী  IuunshiPvemchand - ShareChat