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#🖋शेरो-शायरी #दिल के अल्फाज़ #✍️ साहित्य एवं शायरी #📝 अधूरे अल्फाज़ #Ehsaas
🖋शेरो-शायरी - हम किसी की ज़रूसत हो सकते हैं आदत हो सकते हैं लेकिन हक़ीक़त में हम किसी लिए ಹ उतनें ज़रूरी भीं नहीं होते Saloni जितना हम समझ लेते हैं॰॰० Meta Al हम किसी की ज़रूसत हो सकते हैं आदत हो सकते हैं लेकिन हक़ीक़त में हम किसी लिए ಹ उतनें ज़रूरी भीं नहीं होते Saloni जितना हम समझ लेते हैं॰॰० Meta Al - ShareChat