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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - कितनी अजीब होती है ना इंसान की फितरत भी निशानियों को महफूज़ रखता है , और शख्स को खो देता है ...!! कितनी अजीब होती है ना इंसान की फितरत भी निशानियों को महफूज़ रखता है , और शख्स को खो देता है ...!! - ShareChat