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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 #✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #✍ आदर्श कोट्स #🎙️मशहूर शायरों की शायरी✍️
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - कोई मुझे किस नजरिये से देखता 8.. अब फर्क नहीं पडता अपने संघर्षों से मैं बेहतर बनने की राह परहूं बस यही स्वाभिमान है मेरा... | S. Mehra कोई मुझे किस नजरिये से देखता 8.. अब फर्क नहीं पडता अपने संघर्षों से मैं बेहतर बनने की राह परहूं बस यही स्वाभिमान है मेरा... | S. Mehra - ShareChat