ShareChat
click to see wallet page
search
#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है" दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है" - ShareChat