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#योग और प्राणायाम #प्राणायाम करने के फायदे #प्राणायाम
योग और प्राणायाम - कपालभाति प्राणायाम धरती की संजीवनी कहलाता है कपाल कहते हॅ मस्तिष्क के अग्र भाग को, भाति कहते हैॅ ज्योति को, कांति को, तेज कोः कपालभाति प्राणायाम लगातार करने से चेहरे का लावण्य बढ़ता कपालभाति प्राणायाम करते समय मूलाधार चक्र केंद्रित करना होता है इससे मलाधार चक्र परथ्यान कुंडलिनी शक्ति जागृत होने में मदद  जाग्रत होकर होती है सुखासन , सिद्धासन , पद्यासन , वज्रासन में बैठें और सॉँस को बाहर फेँकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है॰ इसमें सिर्फ साँस को छोड़ते रहना है। दो साँसों के बीच अपने आप साँस अंदर चली जाएगी , जान- बूझकर साँस को अंदर नहीं लेना है। लाश a बालों की सारी समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। सभी प्रकार की चर्म समस्या मिट जाती है। गैस्ट्रिक  कब्ज , एसिडिटी  जैसी पेट को सभी समस्याएँ मिट जाती है। डायबिटीज ठोक हा जाती है। कपालभाति प्राणायाम धरती की संजीवनी कहलाता है कपाल कहते हॅ मस्तिष्क के अग्र भाग को, भाति कहते हैॅ ज्योति को, कांति को, तेज कोः कपालभाति प्राणायाम लगातार करने से चेहरे का लावण्य बढ़ता कपालभाति प्राणायाम करते समय मूलाधार चक्र केंद्रित करना होता है इससे मलाधार चक्र परथ्यान कुंडलिनी शक्ति जागृत होने में मदद  जाग्रत होकर होती है सुखासन , सिद्धासन , पद्यासन , वज्रासन में बैठें और सॉँस को बाहर फेँकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है॰ इसमें सिर्फ साँस को छोड़ते रहना है। दो साँसों के बीच अपने आप साँस अंदर चली जाएगी , जान- बूझकर साँस को अंदर नहीं लेना है। लाश a बालों की सारी समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। सभी प्रकार की चर्म समस्या मिट जाती है। गैस्ट्रिक  कब्ज , एसिडिटी  जैसी पेट को सभी समस्याएँ मिट जाती है। डायबिटीज ठोक हा जाती है। - ShareChat