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#☝ मेरे विचार #💓 मोहब्बत दिल से #✍️ साहित्य एवं शायरी #💞दिल की धड़कन #❤️ प्यार की कहानियां
☝ मेरे विचार - कर ना सकूँ जिसे लफ़्ज़ों में बंया कोई ऐसी पोशीदा-सी बात थी वो सर्द चांदनी रात थी वो वो अप्सरा उतरी थी जब मेरी ज़मीं एक हल्की मेरे ख्वाब-ओ ख्यालों की मूर्त थी मेरे दिल के अरमाँ, जज़्बात थी वो कभी ऐसा उलझा हुआ सवालात थी वो সুলভ্সা না সব্ধা তী मुझसे मिला मैं उसे जिस रोज़ पहली दफा मेरी आखिरी दफा मुलाकात थी al नींद  का सपना थी वो सूरज मेरा तसव्वुर, मेरा अख्लाक थी वो कोई alex nawab कर ना सकूँ जिसे लफ़्ज़ों में बंया कोई ऐसी पोशीदा-सी बात थी वो सर्द चांदनी रात थी वो वो अप्सरा उतरी थी जब मेरी ज़मीं एक हल्की मेरे ख्वाब-ओ ख्यालों की मूर्त थी मेरे दिल के अरमाँ, जज़्बात थी वो कभी ऐसा उलझा हुआ सवालात थी वो সুলভ্সা না সব্ধা তী मुझसे मिला मैं उसे जिस रोज़ पहली दफा मेरी आखिरी दफा मुलाकात थी al नींद  का सपना थी वो सूरज मेरा तसव्वुर, मेरा अख्लाक थी वो कोई alex nawab - ShareChat