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किसी की बुराई तलाश करने वाला इंसान... #jivan ki sikh
jivan ki sikh - शायरी संग्रह किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिशाल उस मक्खी की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर केवल जख्म पर ही बैठती हैं.. 700 शायरी संग्रह किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिशाल उस मक्खी की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर केवल जख्म पर ही बैठती हैं.. 700 - ShareChat