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#हिंदी शायरी #कविता #new video
हिंदी शायरी - अच्छी थी॰ पगडंडी अपनी जाम बहुत है!! सड़कों पर तो, फुर्र हो गई अब तो, ক্তুমন;  काम बहुत है!! सबक पास नहीं जरूरत बूढ़ों की 316 हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है!! सब बाग बगीचे उजड़   गए दो गमलों में शान बहुत है!! मट्ठा, दही, नहीं खाते हें గగగ గ్గీ; ज़ुकाम बहुत हे!! जब चाय, तब कहीं, पीते हैं कहते हैं, आराम बहुत है!! কী Tই) বি৪্ী   পন্সী; बंद पर, पैगाम बहुत है!! व्हाट्सएप झुके झुके , बच्चे स्कूली बस्तों में सामान बहुत है!! नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़ ऐंठ अहसान बहुत है!! gfqer3if 4T,8 எ 8 4I7. पर इंसान, परेशान बहुत है!! अच्छी थी॰ पगडंडी अपनी जाम बहुत है!! सड़कों पर तो, फुर्र हो गई अब तो, ক্তুমন;  काम बहुत है!! सबक पास नहीं जरूरत बूढ़ों की 316 हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है!! सब बाग बगीचे उजड़   गए दो गमलों में शान बहुत है!! मट्ठा, दही, नहीं खाते हें గగగ గ్గీ; ज़ुकाम बहुत हे!! जब चाय, तब कहीं, पीते हैं कहते हैं, आराम बहुत है!! কী Tই) বি৪্ী   পন্সী; बंद पर, पैगाम बहुत है!! व्हाट्सएप झुके झुके , बच्चे स्कूली बस्तों में सामान बहुत है!! नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़ ऐंठ अहसान बहुत है!! gfqer3if 4T,8 எ 8 4I7. पर इंसान, परेशान बहुत है!! - ShareChat