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👉कन्यादान का महत्व👌 #बाप आणि लेक आणि कन्यादान #लग्न #मुलगी #लेक #बापलेक
बाप आणि लेक आणि कन्यादान - शिवभक्त एचःएन.टोंपे निलंगा  कन्यादान का महत्व hhbhhhhh5hnhhhhhh राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक जनक बारात का स्वागत किया, तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और कह्य महाराज आप बड़े है वरपक्ष वाले है ये उलटी गंगा कैसे बहा रहे है, जी ने बड़ी सुन्दर " बात कही, महाराज इस पर दशरथ  मैं तो याचक हूँ आप दाता है, कन्यादान कर रहे है, आपके द्वारा कन्या लेने आया हूँ, अब आप ही बताइएं दाता और याचक में कौन बड़ा है? यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से अश्रुधारा बह निकली, भाग्यशाली है वो जिनके घर होती है बेटियां, हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती। शिवभक्त हरिभाऊ नरसिंगराव टोपे निलंगा शिवभक्त एचःएन.टोंपे निलंगा  कन्यादान का महत्व hhbhhhhh5hnhhhhhh राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक जनक बारात का स्वागत किया, तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और कह्य महाराज आप बड़े है वरपक्ष वाले है ये उलटी गंगा कैसे बहा रहे है, जी ने बड़ी सुन्दर " बात कही, महाराज इस पर दशरथ  मैं तो याचक हूँ आप दाता है, कन्यादान कर रहे है, आपके द्वारा कन्या लेने आया हूँ, अब आप ही बताइएं दाता और याचक में कौन बड़ा है? यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से अश्रुधारा बह निकली, भाग्यशाली है वो जिनके घर होती है बेटियां, हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती। शिवभक्त हरिभाऊ नरसिंगराव टोपे निलंगा - ShareChat