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##बेहतरीन शायरी🌹 #बेहतरीन शायरी और मेरी सोच #बेहतरीन शायरी
#बेहतरीन शायरी🌹 - वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं, से लाएं लफ्ज़ जब हमको க் मिलते नहीं, दर्दकी ज़ुबान होती तो बता देते Cln शायद, वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं. वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं, से लाएं लफ्ज़ जब हमको க் मिलते नहीं, दर्दकी ज़ुबान होती तो बता देते Cln शायद, वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं. - ShareChat