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#अनसुनी शायरी 😔💔 #✍️ अनसुनी शायरी
अनसुनी शायरी 😔💔 - मेरी सोच थोड़ी अलग है, इस समाज के साथ नहींमिलती। है, विवाह जरुरी है। সসাতা কমনা #aea& क्या मजबूरी है१ समाज कहता है, अकेले रह नहीं पाओगे। मैं कहती हूं॰ कैसे पता चलेगा  नहीं आजमाओगे। जबतक समाज कहता है, ये हमारी सीमाएं हैं। मैं कहती हूं॰ मेरीभी कुछ इच्छाएं हैं। बस यही कारण हैकि मेरी सोच समाज से नहींमिलती। @san I Ihlbapall] मेरी सोच थोड़ी अलग है, इस समाज के साथ नहींमिलती। है, विवाह जरुरी है। সসাতা কমনা #aea& क्या मजबूरी है१ समाज कहता है, अकेले रह नहीं पाओगे। मैं कहती हूं॰ कैसे पता चलेगा  नहीं आजमाओगे। जबतक समाज कहता है, ये हमारी सीमाएं हैं। मैं कहती हूं॰ मेरीभी कुछ इच्छाएं हैं। बस यही कारण हैकि मेरी सोच समाज से नहींमिलती। @san I Ihlbapall] - ShareChat