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#gk gs #history #study point GK gs
gk gs - ६२९ ईस्वी में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया और यह २६ वर्ष  भारत रहा | २. इसने नालंया से बौद्ध शिक्षा प्राप्त की थी | प्रसिद्ध पुस्तक सी यु की लिखी | २. इसने कांचीपुरम  ३. भारत में अपनी यात्रा के दौरान इसने गुजरात के लखपत और दक्षिण भारत में की भी यात्रा की हर्षवर्धन का दरबारी कवि बाणभट्ट ( हर्षचरित और बादम्बरी) पुस्तक लिखी हर्षवर्धन ने नादानन्द, रत्नावली , प्रियदर्शिका लिखी थी | मृत्यु हो गयी थी | ६४७ ईस्वी में इसकी ४गुर्जर प्रतिहार वंश॰ पुलकेशिन  ।। के ऐहोल अभिलेख से मिला है | इस वंश का सबसे पहला उल्लेख इस वंश का संस्थापक हरिचन्द्र था | लेकिन इसका वास्तविक नागभट्ट - | हुआ | ग्वालियर अभिलेख (संस्कृत) में इसकी तुलना रूद्र से इसने हुणों का अंत भारत से किया की गई | इस वंश का पहला शासक वत्स्राज हुआ | इसने बंगाल के पाल वंश के शासक धर्मपाल को पराजित किया इसका उत्तराधिकारी इसका पुत्र नागभट्ट हुआ | मिहिरभोज (८३६ मगर इस वंश का महान शासक 885) 47 इसने आदिवरहा और प्रभास की उपाधि धारण की 1l अनुयायी था | यह वैष्णव धर्म का इस वंश का अंतिम महान शासक महिपाल था इसी के शासनकाल में बाग्दाद् का प्रसिद्ध यात्री अलमसूदी भारत आया IlI से पराजित हुआ जो की राष्ट्रकूट वंश का शासक था | यह कृष्णा इस वंश का अंतिम शासक यशपाल था ६२९ ईस्वी में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया और यह २६ वर्ष  भारत रहा | २. इसने नालंया से बौद्ध शिक्षा प्राप्त की थी | प्रसिद्ध पुस्तक सी यु की लिखी | २. इसने कांचीपुरम  ३. भारत में अपनी यात्रा के दौरान इसने गुजरात के लखपत और दक्षिण भारत में की भी यात्रा की हर्षवर्धन का दरबारी कवि बाणभट्ट ( हर्षचरित और बादम्बरी) पुस्तक लिखी हर्षवर्धन ने नादानन्द, रत्नावली , प्रियदर्शिका लिखी थी | मृत्यु हो गयी थी | ६४७ ईस्वी में इसकी ४गुर्जर प्रतिहार वंश॰ पुलकेशिन  ।। के ऐहोल अभिलेख से मिला है | इस वंश का सबसे पहला उल्लेख इस वंश का संस्थापक हरिचन्द्र था | लेकिन इसका वास्तविक नागभट्ट - | हुआ | ग्वालियर अभिलेख (संस्कृत) में इसकी तुलना रूद्र से इसने हुणों का अंत भारत से किया की गई | इस वंश का पहला शासक वत्स्राज हुआ | इसने बंगाल के पाल वंश के शासक धर्मपाल को पराजित किया इसका उत्तराधिकारी इसका पुत्र नागभट्ट हुआ | मिहिरभोज (८३६ मगर इस वंश का महान शासक 885) 47 इसने आदिवरहा और प्रभास की उपाधि धारण की 1l अनुयायी था | यह वैष्णव धर्म का इस वंश का अंतिम महान शासक महिपाल था इसी के शासनकाल में बाग्दाद् का प्रसिद्ध यात्री अलमसूदी भारत आया IlI से पराजित हुआ जो की राष्ट्रकूट वंश का शासक था | यह कृष्णा इस वंश का अंतिम शासक यशपाल था - ShareChat