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#Ishwar bhakti
Ishwar bhakti - जिस प्रकार  से गिरा हुआ " आकाश जल किसी न किसी रॉास्ते से होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है रसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से।की गई फिसी की 'মনা আাসোথনা" किसी न किसी रास्ते से ईश्वर तक पहुँच ही जाती है। जिस प्रकार  से गिरा हुआ " आकाश जल किसी न किसी रॉास्ते से होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है रसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से।की गई फिसी की 'মনা আাসোথনা" किसी न किसी रास्ते से ईश्वर तक पहुँच ही जाती है। - ShareChat