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#✍मेरे पसंदीदा लेखक #💔दर्द भरी कहानियां #🔴 क्राइम अपडेट
✍मेरे पसंदीदा लेखक - पहुँची। बिरादरीवाले लमही ख़बर लगे। जुटने अरथी बनी।  ग्यारह बजते बजते बीसनपचीस आदमी किसी गुमनाम आदमी की लाश लेकर मणिकर्णिका की ओर चले।  স বক্ধ " राह चलते ने से पूछा -के रहल ? रास्ते दूसरे ने जवाब दिया -कोई मास्टर था। दूसरे [क़लम का सिपाही , पृष्ठनसंख्या : ६१२ हंस प्रकाशन  इलाहाबाद , प्रथम संस्करण : प्रेमचंद स्मृति दिवस, १९६२, नवीन संस्करण : दिसंबर, १९७६] #MunshiPremchand R^TGOPAL पहुँची। बिरादरीवाले लमही ख़बर लगे। जुटने अरथी बनी।  ग्यारह बजते बजते बीसनपचीस आदमी किसी गुमनाम आदमी की लाश लेकर मणिकर्णिका की ओर चले।  স বক্ধ " राह चलते ने से पूछा -के रहल ? रास्ते दूसरे ने जवाब दिया -कोई मास्टर था। दूसरे [क़लम का सिपाही , पृष्ठनसंख्या : ६१२ हंस प्रकाशन  इलाहाबाद , प्रथम संस्करण : प्रेमचंद स्मृति दिवस, १९६२, नवीन संस्करण : दिसंबर, १९७६] #MunshiPremchand R^TGOPAL - ShareChat