ShareChat
click to see wallet page
search
हम दिल से बोलें या दिमाग से... क्या फ़र्क पड़ता है? सुनने वाला तो अपने हिसाब से ही समझेगा। लेकिन दौर 'दिमागी' है... दिमाग से ही बोला जाए तो ठीक होगा। FOLLOW US PLEASE #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #📗प्रेरक पुस्तकें📘 #✍मेरे पसंदीदा लेखक
sahitya_shabdkosh✍️ - हम दिल से बोलें या दिमाग से... क्या फ़र्क पडता है? वाला तो अपने हिसाब से স্তুনন ही समझेगा | लेकिन दौर 'दिमागी' है॰ दिमाग से ही सोचा और बोला जाए तो ठीक होगा| Writer Rahut Sahitya_Shabdkosh Like Il Comment Il Subscribe Il Share हम दिल से बोलें या दिमाग से... क्या फ़र्क पडता है? वाला तो अपने हिसाब से স্তুনন ही समझेगा | लेकिन दौर 'दिमागी' है॰ दिमाग से ही सोचा और बोला जाए तो ठीक होगा| Writer Rahut Sahitya_Shabdkosh Like Il Comment Il Subscribe Il Share - ShareChat