Omprakash Dwivedi
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आपका दिन शुभ हो 🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - महापुरुषों द्वारा स्त्री से दूर रहने की सलाह देने के पीछे क्या कारण हो सकता है? क्या यह इसलिए है कि शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध जैसे पांच तत्व स्त्री में विद्यमान होते हैं जो मन को आकर्षित करते हैं? इसलिए वैरागी और fg साधू संतों के स्त्री से दूर रहने की सलाह देने का एक कारण हो सकता है? पुरुषों में ये तत्व एक साथ नहीं होते हैं 0 महापुरुषों द्वारा स्त्री से दूर रहने की सलाह देने के पीछे क्या कारण हो सकता है? क्या यह इसलिए है कि शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध जैसे पांच तत्व स्त्री में विद्यमान होते हैं जो मन को आकर्षित करते हैं? इसलिए वैरागी और fg साधू संतों के स्त्री से दूर रहने की सलाह देने का एक कारण हो सकता है? पुरुषों में ये तत्व एक साथ नहीं होते हैं 0 - ShareChat
आपका दिन शुभ हो 🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - सनातनी में एक नई पीढ़ी उभर रही है जो अपनी पारंपरिक जड़ों को समझने और उनका सम्मान करने के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास कर रही है। यह एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है जहां हम अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए भी आधुनिक विचारों को अपना सकते हैं। / OMeta Al ` सनातनी में एक नई पीढ़ी उभर रही है जो अपनी पारंपरिक जड़ों को समझने और उनका सम्मान करने के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास कर रही है। यह एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है जहां हम अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए भी आधुनिक विचारों को अपना सकते हैं। / OMeta Al ` - ShareChat
आपका दिन शुभ हो ।🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए हमें वर्तमान में अच्छे कर्म करते रहना चाहिए और भविष्य के प्रति सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। समाज के प्रति अपने दायित्व का बोध रखने से हमें विषम परिस्थितियों में सहयोग मिलेगा। साथ ही, हमें अपने रिश्तों में उदारता और विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए। OMtaAl व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए हमें वर्तमान में अच्छे कर्म करते रहना चाहिए और भविष्य के प्रति सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। समाज के प्रति अपने दायित्व का बोध रखने से हमें विषम परिस्थितियों में सहयोग मिलेगा। साथ ही, हमें अपने रिश्तों में उदारता और विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए। OMtaAl - ShareChat
सुप्रभात जी 🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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आपका दिन शुभ हो । #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - विज्ञान और धर्म के बीच स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को समझने से आपको दोनों के महत्व को समझने में मदद मिलेगी और यह आपको एक नए दृष्टिकोण से परिपूर्ण र वज्ञान ओर धर्म दोनों ही इस बधन के अतिक्रमण में हमारे ক্িন্তু विज्ञान की अपेक्षा धर्म प्राचीन है॰ ओर हमारा यक है। अंधविश्वास है॰कि बह विज्ञान की अपेक्षा पवित्र ह एक दृष्टि ননিব্ধনা  वह पवित्र ह॰भी॰ क्यांकि धम को अपना प्राणवान ক্িল্ f अंग समझता ह নমা নর্মী মসননা स्वामी विवेकानन्द 3 वि॰सा॰ ७ देववाणी  301 Onata' ान और धर्म दोनों ही हमारे इस न के अतिक्रमण में सहायक हैं। तु विज्ञान की अपेक्षा धर्म प्राचीन और हमारा यह अंधविश्वास है कि विज्ञान की अपेक्षा पवित्र है । एक से वह पवित्र है भी॰ क्योंकि धर्म कता को अपना प्राणवान अंग किन्तु  विज्ञान वैसा नहीं झता है, झता। वामी विवेकानन्द d विज्ञान और धर्म के बीच स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को समझने से आपको दोनों के महत्व को समझने में मदद मिलेगी और यह आपको एक नए दृष्टिकोण से परिपूर्ण र वज्ञान ओर धर्म दोनों ही इस बधन के अतिक्रमण में हमारे ক্িন্তু विज्ञान की अपेक्षा धर्म प्राचीन है॰ ओर हमारा यक है। अंधविश्वास है॰कि बह विज्ञान की अपेक्षा पवित्र ह एक दृष्टि ননিব্ধনা  वह पवित्र ह॰भी॰ क्यांकि धम को अपना प्राणवान ক্িল্ f अंग समझता ह নমা নর্মী মসননা स्वामी विवेकानन्द 3 वि॰सा॰ ७ देववाणी  301 Onata' ान और धर्म दोनों ही हमारे इस न के अतिक्रमण में सहायक हैं। तु विज्ञान की अपेक्षा धर्म प्राचीन और हमारा यह अंधविश्वास है कि विज्ञान की अपेक्षा पवित्र है । एक से वह पवित्र है भी॰ क्योंकि धर्म कता को अपना प्राणवान अंग किन्तु  विज्ञान वैसा नहीं झता है, झता। वामी विवेकानन्द d - ShareChat
सुप्रभात जी 🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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सुप्रभात जी 🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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आपका दिन शुभ हो ।🙏🙏 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - हमारा हृदय पवित्र हो तो ईश्वर के दर्शन की अनुभूति होती है। पवित्र हृदय ही सबके प्रति प्रेम , करुणा और दया का भाव पैदा करता है और हमें एक के साथ दूसरे का जुड़ने अवसर प्रदान करता है। जब हम सब मे एक ही आत्मा के दर्शन का भाव रखेंगे , तो कटुता स्वयं दूर हो जाएगी। की इस पवित्रता से ही ईश्वर का दर्शन हे गी समग्र संगीत में यह पवित्रता ध्वनित हे स्वामी विबेकानन्द ५ अगस्त , सोमवार} {an: @ देववाणी ٧٢ 343 11411 EVk  lril ' =5+1* G0oWOs YTIIYK OrySI ' इस पवित्रता से ही ईश्वर का दर्शन होगा। ोत में यह पवित्रता ध्वनित होती हैl...Sh हमारा हृदय पवित्र हो तो ईश्वर के दर्शन की अनुभूति होती है। पवित्र हृदय ही सबके प्रति प्रेम , करुणा और दया का भाव पैदा करता है और हमें एक के साथ दूसरे का जुड़ने अवसर प्रदान करता है। जब हम सब मे एक ही आत्मा के दर्शन का भाव रखेंगे , तो कटुता स्वयं दूर हो जाएगी। की इस पवित्रता से ही ईश्वर का दर्शन हे गी समग्र संगीत में यह पवित्रता ध्वनित हे स्वामी विबेकानन्द ५ अगस्त , सोमवार} {an: @ देववाणी ٧٢ 343 11411 EVk  lril ' =5+1* G0oWOs YTIIYK OrySI ' इस पवित्रता से ही ईश्वर का दर्शन होगा। ोत में यह पवित्रता ध्वनित होती हैl...Sh - ShareChat
किसी महापुरष को अपना आदर्श अवश्य बनाइये और उनका अनुकरण कीजिए । आपका दिन शुभ हो ।🌹🌹 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️Love You ज़िंदगी ❤️ - 5:30 PMO 0 a 5:30 PMO 0 a - ShareChat
भौतिक और अध्यात्म जगत ! जिसकी अनभूति हमें अपनी इंद्रियों से होती है वह सब कुछ भौतिक जगत कहलाता है । ये अस्थाई और नश्वर है । इसे साधारण व्यक्ति भी महसूस कर लेता है। अध्यात्मिक जगत इसके परे हमारी चेतना और आत्मा परमात्मा से जुड़ा है । असाधारण व्यक्तित्व के लोग ही इसकी अनुभूति कर पातें हैँ । ये शास्वत चिर और अविनाशी है । साधारण लोग इसी को लेकर तर्क बितर्क करतें रहतें हैं । #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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