Sanjeev Vaswani
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#✨जय हनुमान🙏 #🙏 जय बजरंग बली #🌸जय बजरंग बली #👉 लोगों के लिए सीख #📝भक्ति संदेश🙏
✨जय हनुमान🙏 - श्रीमद श्रीक्षेत्र कारंजा में परमहंस परिव्राजकाचार्य वासुदेवानंदसरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज हनुमानजी के मंदिर में रुके थे। उस मंदिर के भक्तिभाव से पुजारी पूजा कर के श्री हनुमानजी को चढ़ाया हुआ भोग झट से खा लेते थे और पूजा समाप्त कर लेते थे। ऐसे करने से श्री हनुमानजी संतुष्ट हुआ करते थे। इस प्रकार भोग चढाने की प्रथा अनेक वर्षों से चल रही थी। भक्त और भगवान के बिच के प्यार का यह अनोखा व्यवहार था। श्री स्वामी महाराज वहां थे, इसलिए उनके सामने ऐसा पुजारीजी को ठीक नहीं लगा। झट से भोग खा लेना इसलिए तीव्र इच्छा होने पर भी पुजारीजी ने उनके सामने भोग भक्षण नहीं किया। उस दिन श्री स्वामी महाराज ध्यान लगाकर बैठे थे। उन्हें हमेशा की तरह श्री दत्तप्रभू के दर्शन नहीं हुए॰ बल्कि उनकी जगह श्री हनुमानजी के दर्शन हुए। श्री हनुमानजी की ओरदेखकर थी और वे कुछ उन्हें ऐसे लगा की उनको भूक लगी खाना चाहते थे क्योंकि हनुमानजी मूह खोलकर खड़े थे। इस दर्शन का राज़ श्री स्वामी महाराज को पता नहीं चला। उन्होंने पुजारीजी को इस बारे में पूछा। तब पुजारीजी ने रोज़ भोग चढाने के बाद फ़ौरन भोग का खाना खाने की अपनी आदत के बारे में श्री स्वामी महाराज को बताया। श्री स्वामी महाराज ने उनसे कहा, "भगवान अपने भक्तों से बहुत प्यार करते है। सच्चे भक्त का विपरीत उपचार भी भगवान को अच्छा लगता है और वे उसे स्वीकार करते है। आप किसी संकोच के श्री ढेंबे स्वामी महाराज कारण अपने नियमों में और भावना में बदलाव करे।" श्रीमद श्रीक्षेत्र कारंजा में परमहंस परिव्राजकाचार्य वासुदेवानंदसरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज हनुमानजी के मंदिर में रुके थे। उस मंदिर के भक्तिभाव से पुजारी पूजा कर के श्री हनुमानजी को चढ़ाया हुआ भोग झट से खा लेते थे और पूजा समाप्त कर लेते थे। ऐसे करने से श्री हनुमानजी संतुष्ट हुआ करते थे। इस प्रकार भोग चढाने की प्रथा अनेक वर्षों से चल रही थी। भक्त और भगवान के बिच के प्यार का यह अनोखा व्यवहार था। श्री स्वामी महाराज वहां थे, इसलिए उनके सामने ऐसा पुजारीजी को ठीक नहीं लगा। झट से भोग खा लेना इसलिए तीव्र इच्छा होने पर भी पुजारीजी ने उनके सामने भोग भक्षण नहीं किया। उस दिन श्री स्वामी महाराज ध्यान लगाकर बैठे थे। उन्हें हमेशा की तरह श्री दत्तप्रभू के दर्शन नहीं हुए॰ बल्कि उनकी जगह श्री हनुमानजी के दर्शन हुए। श्री हनुमानजी की ओरदेखकर थी और वे कुछ उन्हें ऐसे लगा की उनको भूक लगी खाना चाहते थे क्योंकि हनुमानजी मूह खोलकर खड़े थे। इस दर्शन का राज़ श्री स्वामी महाराज को पता नहीं चला। उन्होंने पुजारीजी को इस बारे में पूछा। तब पुजारीजी ने रोज़ भोग चढाने के बाद फ़ौरन भोग का खाना खाने की अपनी आदत के बारे में श्री स्वामी महाराज को बताया। श्री स्वामी महाराज ने उनसे कहा, "भगवान अपने भक्तों से बहुत प्यार करते है। सच्चे भक्त का विपरीत उपचार भी भगवान को अच्छा लगता है और वे उसे स्वीकार करते है। आप किसी संकोच के श्री ढेंबे स्वामी महाराज कारण अपने नियमों में और भावना में बदलाव करे।" - ShareChat
#☀ जय सूर्य देव #💮रविवार भक्ति स्पेशल💮 #🙏 धार्मिक स्टेटस #🙏भजन एवं आरती🎵 #🙏 भक्ति भजन 🎶
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प.प. वासुदेवानंद सरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज #टेंबे स्वामी महाराज #जय मां सरस्वती #📝भक्ति संदेश🙏 #👉 अनमोल वचन #🌼 सुविचार
टेंबे स्वामी महाराज - Paramhans Parivrajakacharya Shreemad {ಒ Vasudevanand Saraswati (Tembe) Swami Maharajs (1854-1914) Hand Writing:. A hundred year old Dattatreya Yantra and thel Hand written Shloka written by Tembe Maharaj or Sri Vasudevananda Saraswati; the author of Datta Stava The shloka was written and given  to the father of Sri Nilkantha Shastry in 1913. The shloka is on Goddess Saraswati and reads as नमस्ते शारदेदेवि सरस्वति मति प्रदे वस त्वं मम जिव्हाग्रे सर्व विद्या प्रदाभव !! NAMASTE SHARADE DEVI SARASWATI MATI PRADE VASATVA MAMA JIHVAGRE SARVA VIDYA PRADA BHAVA Y1717 177 It means: सरसति मतित्रट Salutations to Sharada Devil Goddess Saraswati the giver of intellect ( 4<1(=757<7 Live at the tip of my tongue FA4(zn1 527* Giver of all Knowledge This is indeed a very rare manuscript 16/4 Paramhans Parivrajakacharya Shreemad {ಒ Vasudevanand Saraswati (Tembe) Swami Maharajs (1854-1914) Hand Writing:. A hundred year old Dattatreya Yantra and thel Hand written Shloka written by Tembe Maharaj or Sri Vasudevananda Saraswati; the author of Datta Stava The shloka was written and given  to the father of Sri Nilkantha Shastry in 1913. The shloka is on Goddess Saraswati and reads as नमस्ते शारदेदेवि सरस्वति मति प्रदे वस त्वं मम जिव्हाग्रे सर्व विद्या प्रदाभव !! NAMASTE SHARADE DEVI SARASWATI MATI PRADE VASATVA MAMA JIHVAGRE SARVA VIDYA PRADA BHAVA Y1717 177 It means: सरसति मतित्रट Salutations to Sharada Devil Goddess Saraswati the giver of intellect ( 4<1(=757<7 Live at the tip of my tongue FA4(zn1 527* Giver of all Knowledge This is indeed a very rare manuscript 16/4 - ShareChat
प.प. वासुदेवानंद सरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज #टेंबे स्वामी महाराज #🙏सद्गुरु के विचार #📝भक्ति संदेश🙏 #🌸बेस्ट भक्ति स्टेटस #💮भक्ति वीडियो एडिट🎥
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#🙏हनुमान चालीसा📿 #🛕जय हनुमान🙏 #🙏जय बजरंग बली #🙏जय बजरंग बली #🌸बेस्ट भक्ति स्टेटस #💮भक्ति वीडियो एडिट🎥
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#🌻 शुभ रविवार #💐बधाई अर शुभकामनाएं #🌸बेस्ट भक्ति स्टेटस #सुप्रभात 🌅 #🙏🏻🌺जय सूर्य देव🌺🙏🏻
🌻 शुभ रविवार - सुप्रभात शुभ रविवार ১৫০০০১৫ श्री देंबे स्वामी महाराज सुप्रभात शुभ रविवार ১৫০০০১৫ श्री देंबे स्वामी महाराज - ShareChat
#🙏जय माता दी #🌻 शुभ रविवार #🥰हरे राम हरे कृष्णा🤩 #🥰हरे राम हरे कृष्णा🤩 #🙏जय श्री राम #🙏जय श्री राम #जय माता दी #शुभ नवरात्रि🙏🙏🙏🙏🙏
🙏जय माता दी - सुप्रभात शुभ नवरात्री शुभ रविवार २८]@९/२०२५ पप% वासुदेवार्नंद सरस्वती स्वामी महाराज सुप्रभात शुभ नवरात्री शुभ रविवार २८]@९/२०२५ पप% वासुदेवार्नंद सरस्वती स्वामी महाराज - ShareChat
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🌻 शुभ रविवार - gua| शुभ रविवार ৯৫lo২i০৫ श[[ नवरात्री श्री ढेंबे स्वामी थह्राज gua| शुभ रविवार ৯৫lo২i০৫ श[[ नवरात्री श्री ढेंबे स्वामी थह्राज - ShareChat
#🌻 शुभ रविवार #🌸बेस्ट भक्ति स्टेटस #सुप्रभात 🌅 #Good morning ## शुभ रविवार आपका दिन मंगलमय हो
🌻 शुभ रविवार - Good morning सुप्रभात शुभ रविवार २८]७९ २०२५ प.पू. आरनंदयोगेश्वर निळकंठ महाराज श्री टेंबे स्वामी महाराज Good morning सुप्रभात शुभ रविवार २८]७९ २०२५ प.पू. आरनंदयोगेश्वर निळकंठ महाराज श्री टेंबे स्वामी महाराज - ShareChat