Santanu Sahu
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#MessiahOf_TheFarmers बाढ़ पीड़ित गाँव धीरनवास (पहली बार में) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से 2,000 फीट (8 इंची)पाइप + 2 बड़ी मोटर दी गयी। (दूसरी बार demand पर) 3,000 फीट (8 इंची) पाइप + 1 विशाल मोटर दी गयी। Sant RampalJi Maharaj #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏
🙏गीता ज्ञान🛕 - किसानोंका সর্মীমা बाढ़ पीड़ित गाँव धीरनवास ( पहली बार में ) संत रामपालजी महाराज की तरफ से २००० फीट (८ इंची )पाइप + २ बड़ी मोटर दी गयी। (दूसरी बार demand पर ) ३,००० फीट (8 इंची ) पाइप + १ विशाल मोटर दी गयी। गांव धीटणवास ने Erudumziml बताया ' कलयग का भगवन AnnaPurna Muhim YouTube Youubd Channel @AnnapurnaMuhimoticial किसानोंका সর্মীমা बाढ़ पीड़ित गाँव धीरनवास ( पहली बार में ) संत रामपालजी महाराज की तरफ से २००० फीट (८ इंची )पाइप + २ बड़ी मोटर दी गयी। (दूसरी बार demand पर ) ३,००० फीट (8 इंची ) पाइप + १ विशाल मोटर दी गयी। गांव धीटणवास ने Erudumziml बताया ' कलयग का भगवन AnnaPurna Muhim YouTube Youubd Channel @AnnapurnaMuhimoticial - ShareChat
काल द्वारा माया दुर्गा से उत्पन्न विष्णु, ब्रह्मा और शिव अनेक अवतारों में जन्म ले चुके हैं। पृथ्वी के जीव उन्हें कर्ता मानते हैं, परंतु अवतार काल पूरा होने पर वे भी कर्म फल अनुसार जन्म-मरण के चक्र में बंधकर आते-जाते हैं। जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏गीता ज्ञान🛕
🧘सदगुरु जी🙏 - गरीब , अनन्त कोटि अवतार है, माया के गोविंद। कर्ता हो हो कर अवतरे , बहुर पडे़ जम फन्द II भावार्थ काल द्वारा माया यानि दुर्गा से उत्पन्न विष्णु , श्री श्री ब्रह्मा तथा शिव जी uIfaగT असँख्यों अवतार रूप में जन्म ले चुके हैं। रूपी गोविंद ऊपर भोले जीव उनको सर्व के कर्ता मानते हैं। परंतु वे अपना पृथ्वी " अवतार समय पूरा करके कर्मों के अनुसार जन्म-्मरण  चक्र में बँधकर जन्मते - मरते हैं। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALIIM SUPREMEGOD ORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ गरीब , अनन्त कोटि अवतार है, माया के गोविंद। कर्ता हो हो कर अवतरे , बहुर पडे़ जम फन्द II भावार्थ काल द्वारा माया यानि दुर्गा से उत्पन्न विष्णु , श्री श्री ब्रह्मा तथा शिव जी uIfaగT असँख्यों अवतार रूप में जन्म ले चुके हैं। रूपी गोविंद ऊपर भोले जीव उनको सर्व के कर्ता मानते हैं। परंतु वे अपना पृथ्वी " अवतार समय पूरा करके कर्मों के अनुसार जन्म-्मरण  चक्र में बँधकर जन्मते - मरते हैं। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALIIM SUPREMEGOD ORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ - ShareChat
#GodMorningFriday गीता ज्ञान दाता ने.. गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म-मरण के चक में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन ! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके है। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏
🙏गीता ज्ञान🛕 - गीता ज्ञान दाता ने 44 ब्सत संदेश गीता अध्याय 2 श्लोक १२ अध्याय 4 श्लोक 5 अध्याय १० श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म मरण के चक में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके है। तू नही ডলন; # ডলনা जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI 9٥ 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORC MAHARAJ SaNT RAMPAL गीता ज्ञान दाता ने 44 ब्सत संदेश गीता अध्याय 2 श्लोक १२ अध्याय 4 श्लोक 5 अध्याय १० श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म मरण के चक में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके है। तू नही ডলন; # ডলনা जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI 9٥ 0 @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORC MAHARAJ SaNT RAMPAL - ShareChat
#गीता_जयंती_पर_असली_गीतासार गीता अध्याय 18 श्लोक 62 इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने अर्जुन को अपने से अन्य परमेश्वर की शरण में सर्व भाव से जाने के लिए कहा है। हे भारत ! तू सब प्रकार से उस परमेश्वर की शरण में जा। #GodMorningThursday Tattvadarshi Sant Rampal Ji #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गीता ज्ञान🛕
🧘सदगुरु जी🙏 - गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने अर्जुून को अपने से अन्य परमेश्वर की शरण में सर्व মান য সান ক লিভ কমা ইl हे भारत! तू सब प्रकार सेउस परमेश्वर की शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से (ही शांति को (तथा ) सनातन परम धाम र्याा परम सत्यलोक (अमर स्थान) को प्राप्त होगा SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALIM SUPREMEGOD ORG SAINT RAMPAL J MAHARA गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने अर्जुून को अपने से अन्य परमेश्वर की शरण में सर्व মান য সান ক লিভ কমা ইl हे भारत! तू सब प्रकार सेउस परमेश्वर की शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से (ही शांति को (तथा ) सनातन परम धाम र्याा परम सत्यलोक (अमर स्थान) को प्राप्त होगा SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL J @SAINTRAMPALIM SUPREMEGOD ORG SAINT RAMPAL J MAHARA - ShareChat
#GodMorningWednesday कबीर साहेब जी कहते हैं कि साधु का दर्शन बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है। उस समय अगर सूली पर टांगने की सजा भी मिले, तो वह भी एक छोटे से कांटे की चुभन का आभास मात्र देकर टल जाती है। जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🧘सदगुरु जी🙏
🙏गीता ज्ञान🛕 - कबीर दर्शन साधु का, 45 भाग दरशाय जो होवै মুলী सजा , कांटे ई टरि जाय कबीर साहेब जी कहने ह्ैं कि साधु का दर्शन बड़े ही सौभाग्य सै प्राप्त होना है। डस स्मय अगर सूली पर टांगने की सजा भी मिले , तो बह भी एक छोटे से कांटे की चुभन मात्र देकर ক 3ঙ CT எளி81 जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज  Satlok Ashram Betul @Satlok_Ashram_Betull @SatlokBetul = कबीर दर्शन साधु का, 45 भाग दरशाय जो होवै মুলী सजा , कांटे ई टरि जाय कबीर साहेब जी कहने ह्ैं कि साधु का दर्शन बड़े ही सौभाग्य सै प्राप्त होना है। डस स्मय अगर सूली पर टांगने की सजा भी मिले , तो बह भी एक छोटे से कांटे की चुभन मात्र देकर ক 3ঙ CT எளி81 जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज  Satlok Ashram Betul @Satlok_Ashram_Betull @SatlokBetul = - ShareChat
"परमात्मा का विधान" ________ गुरु धारण किए बिना यदि नाम जाप की माला फिराते हैं और दान देते हैं, वे दोनों व्यर्थ हैं। यदि आप जी को संदेह हो तो अपने वेदों तथा पुराणों में प्रमाण देखें। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज #🙏कर्म क्या है❓ #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गीता ज्ञान🛕
🙏कर्म क्या है❓ - परमात्मा का विधान गुरू बिन माला फेरते , कबीर, गुरू बिन देते दान। बिन दोंनो निष्फल है, ಶತ್ a೯ gRTuTI|  गुरू धारण किए बिना यदि नाम जाप की माला फिराते हैं और दान देते हैं॰ वे दोनों व्यर्थ हैं। यदि आप जी को संदेह हाे तो अपने वेदों तथा में प्रमाण देखें। पुराणों बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महारांजं SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALIIM  SANT RAMPAL SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ परमात्मा का विधान गुरू बिन माला फेरते , कबीर, गुरू बिन देते दान। बिन दोंनो निष्फल है, ಶತ್ a೯ gRTuTI|  गुरू धारण किए बिना यदि नाम जाप की माला फिराते हैं और दान देते हैं॰ वे दोनों व्यर्थ हैं। यदि आप जी को संदेह हाे तो अपने वेदों तथा में प्रमाण देखें। पुराणों बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महारांजं SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALIIM  SANT RAMPAL SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ - ShareChat
#गीता_जयंती_पर_असली_गीताहार 🌷🌷🙏 गीता ज्ञान दाता ने __________🌺🌺🌺 🌷🙏 गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म- मरण के चक्र में सदा रहने वाला बताया है ।कहा है कि हे अर्जुन ! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं ।तू नहीं जानता , मैं जानता हूंँ।🌷🙏 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏कर्म क्या है❓
🙏गीता ज्ञान🛕 - गीता ज्ञान दाता ने % 2^ सत गीता अध्याय 2 श्लोक १२ अध्याय 4 अध्याय १० श्लोक 2 में 961|$ 5, अपने को नाशवान यानि जन्म ्मरण के चक में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और चुके है। मेरे बहुत जन्म हो নুলমী जानता , मै जानता हूँl जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज RAMPAL Jl SPIRITUAL LEADER SANT 9 sUPRENECOD.ORG 7@00 @SAINTRAMPALJIM SNNT RAMPAL JI MAHARAJ गीता ज्ञान दाता ने % 2^ सत गीता अध्याय 2 श्लोक १२ अध्याय 4 अध्याय १० श्लोक 2 में 961|$ 5, अपने को नाशवान यानि जन्म ्मरण के चक में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और चुके है। मेरे बहुत जन्म हो নুলমী जानता , मै जानता हूँl जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज RAMPAL Jl SPIRITUAL LEADER SANT 9 sUPRENECOD.ORG 7@00 @SAINTRAMPALJIM SNNT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
गीता_जयंती_पर_असली_गीतासार गीता अध्याय 18, श्लोक 66 गीता ज्ञान दाता काल कहता है, " मेरी सभी धार्मिक पूजाओं को मुझमें त्याग कर, तू केवल उस एक पूर्ण परमात्मा की शरण में जा। मैं तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा; तू शोक मत कर। Tattvadarshi Sant Rampal Ji ⤵️ https://youtu.be/9QO0sPIFGjc?si=HMcu4BsZT7xP079L #🙏कर्म क्या है❓ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🧘सदगुरु जी🙏
🧘सदगुरु जी🙏 - गीता के रहस्यों का महाखुलासा अन्थ गीता अनुवाद कर्ताओं ने शब्द का अर्थ आना किथा है व्रज do अर्थ 8 अनुचित जा থম ফরা ಲon 0 चला जाना आदि हाता है। अध्याय १८ का श्लोक ६६ सर्वधर्मान् , परित्यज्य , माम् , एकम् , शरणम् , व्रज, अहम् , त्वा, सर्वपापेभ्यः, मोक्षयिष्यामि , मा, शुचःIl६६११ (माम् ) मुझ में (परित्यज्य ) मेरी ( सर्वधर्मान् ) सम्पूर्ण पूजाओंको त्यागकर तू केवल (एकम् ) एक उस अद्वितीय अर्थात् पूर्ण परमात्मा की (शरणम् ) शरणमें (व्रज ) जा। ((अहम् ) मैं (त्वा ) तुझे ( सर्वपापेभ्यः ) सम्पूर्ण पापोंसे (मोक्षयिष्यामि ) छुड़वा दूँगा तू (मा,शुचः ) शोक मत कर। निःशूल्क पायें এনিম্ন দুমেন্ধ अपना নান যায়া +91 7496801823 SANT RAMPAL JI SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALJIM  SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ गीता के रहस्यों का महाखुलासा अन्थ गीता अनुवाद कर्ताओं ने शब्द का अर्थ आना किथा है व्रज do अर्थ 8 अनुचित जा থম ফরা ಲon 0 चला जाना आदि हाता है। अध्याय १८ का श्लोक ६६ सर्वधर्मान् , परित्यज्य , माम् , एकम् , शरणम् , व्रज, अहम् , त्वा, सर्वपापेभ्यः, मोक्षयिष्यामि , मा, शुचःIl६६११ (माम् ) मुझ में (परित्यज्य ) मेरी ( सर्वधर्मान् ) सम्पूर्ण पूजाओंको त्यागकर तू केवल (एकम् ) एक उस अद्वितीय अर्थात् पूर्ण परमात्मा की (शरणम् ) शरणमें (व्रज ) जा। ((अहम् ) मैं (त्वा ) तुझे ( सर्वपापेभ्यः ) सम्पूर्ण पापोंसे (मोक्षयिष्यामि ) छुड़वा दूँगा तू (मा,शुचः ) शोक मत कर। निःशूल्क पायें এনিম্ন দুমেন্ধ अपना নান যায়া +91 7496801823 SANT RAMPAL JI SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALJIM  SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#GodMorningSunday #यथार्थ_गीता_ज्ञान गीता अध्याय 18, श्लोक 66 गीता ज्ञान दाता काल कहता है, " मेरी सभी धार्मिक पूजाओं को मुझमें त्याग कर, तू केवल उस एक पूर्ण परमात्मा की शरण में जा। मैं तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा; तू शोक मत कर। Sant Rampal Ji Maharaj #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🧘सदगुरु जी🙏
🙏गीता ज्ञान🛕 - गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्म अविनाशी है या जन्मतान्भरता है? उत्तरः- जन्मता-मरता है। अव्याय 4काश्लाक 5 प्रमाण के लिए देखें- মণান ওণা4]  बहनिःने य्यतीतानि णन्गानि तवप अर्णन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२ எ 56 44  aாப = =171 1~1411511` गीता अध्याय 4 श्लोक 5 triu (3ತd) ತತa (ಬ) आनुवाय (परन्तप गेरे (प) ओर (नव) तेरे (यरूनि ) यह्ुत से (जन्मानि) गीता अध्याय १० श्लोक 2 जन्म (व्यतीतानि) ठो चुके ह। (ानि) उन (सर्वाणि  মনকী (লদূ] বু ন] ন্ম (ঐশ] লাননা কিব में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम) मे (वेद ) जानता ह। (५)  मेरी भी जन्म व मृत्यु होती है॰ मैं अविनाशी नहीं हूँ। तिन्दीः 7 परन्तप अर्जन। मेरे ओर तेरे यढ्ुतःसे जिन्ग तूनही  तो चुके ७। उन सबको  जानता मितु म जानता  संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा এনিম্ন তুলেন্ধ निःशुल्क पायें अपना नाम परःपता मल ज्ञान गगा 491 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL X @SAINTRAMPALJIM  SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्म अविनाशी है या जन्मतान्भरता है? उत्तरः- जन्मता-मरता है। अव्याय 4काश्लाक 5 प्रमाण के लिए देखें- মণান ওণা4]  बहनिःने य्यतीतानि णन्गानि तवप अर्णन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२ எ 56 44  aாப = =171 1~1411511` गीता अध्याय 4 श्लोक 5 triu (3ತd) ತತa (ಬ) आनुवाय (परन्तप गेरे (प) ओर (नव) तेरे (यरूनि ) यह्ुत से (जन्मानि) गीता अध्याय १० श्लोक 2 जन्म (व्यतीतानि) ठो चुके ह। (ानि) उन (सर्वाणि  মনকী (লদূ] বু ন] ন্ম (ঐশ] লাননা কিব में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम) मे (वेद ) जानता ह। (५)  मेरी भी जन्म व मृत्यु होती है॰ मैं अविनाशी नहीं हूँ। तिन्दीः 7 परन्तप अर्जन। मेरे ओर तेरे यढ्ुतःसे जिन्ग तूनही  तो चुके ७। उन सबको  जानता मितु म जानता  संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा এনিম্ন তুলেন্ধ निःशुल्क पायें अपना नाम परःपता मल ज्ञान गगा 491 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL X @SAINTRAMPALJIM  SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ - ShareChat
यथार्थ_गीता_ज्ञान जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।' जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत हुआ हूॅ। #🧘सदगुरु जी🙏 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏गीता ज्ञान🛕
🧘सदगुरु जी🙏 - *गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा  :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते जब समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ` अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व লীকী কী স্ত্রান ক लिए प्रकट हुआ हूँ।  जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत ण्मपालु जी महाराज Tc iuici ai Ttini Ji ಸ Sant Kampal Ji Mahaaj वनिःशुल्क App Download tfhu নিঃযুক্নাসলামা Tfre' PIE u114 [114 #1uuಛ {7:' +9|7496801823 *गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा  :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते जब समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ` अर्जुन मैं बढा हुआ काल हूँ। अब सर्व লীকী কী স্ত্রান ক लिए प्रकट हुआ हूँ।  जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत ण्मपालु जी महाराज Tc iuici ai Ttini Ji ಸ Sant Kampal Ji Mahaaj वनिःशुल्क App Download tfhu নিঃযুক্নাসলামা Tfre' PIE u114 [114 #1uuಛ {7:' +9|7496801823 - ShareChat