लिखना है मुझे कुछ अपना सा...
कोई आधी अधूरी बात नही...
कोई सहमी हुई सी रात नही...
वो पल जो हम ठुकराए थे...
हम तन्हा तन्हा आए थे...
हां उन्ही खूबसूरत आंखो से....
आंसू बड़े बरसाए थे...
यूँ टूटे थे इश्क में जैसे कोई दफना सा...
लिखना है मुझे कुछ अपना सा....
रूह भी रोयी थी उस दिन...
तू मुझसे खोया था जिस दिन..
मैं जागी सारी रात थी...
तू चैन से सोया था उस दिन...
जिस्म को था एहसास हुआ होता क्या तड़पना सा..
लिखना है मुझे कुछ अपना सा...
गर लिख पाती इन हाथो से...
अपनी चाहत के किस्सों को...
चुन चुन के सुनाती दुनिया को..
अपने इश्क के हिस्सों को...
जाना दिल तोड़ने पर...
कोई माफी नही होती...
हम क्या करे माशूका है..
हमसे वादा खिलाफी नही होती...
तुझको ही देखे आंख मेरी है भले तू है सपना सा...
लिखना है मुझे कुछ अपना सा...
लिखना है मुझे कुछ अपना सा...
#💝 शायराना इश्क़
#Maahiya😢🥀