Prashant sahu
ShareChat
click to see wallet page
@300977029
300977029
Prashant sahu
@300977029
मुझे ShareChat पर फॉलो करें!
#AnnapurnaMuhim_बनी_वरदान संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम बनी किसानों के लिए वरदान। संत रामपाल जी महाराज जी ने पाना महराणा, मिर्ज़ापुर (हिसार) गाँव में बाढ़ पीड़ितों के लिए 12000 फीट (8 इंची)पाइप, 2 (20 हॉर्स पावर की) शक्ति🔥🔥शाली मोटरें भेजी। #🔥🔥 Sa News YtChannel
🔥🔥 - [ a अन्नपूर्णा मुहिम किसानों के लिए वरदान। गांव वाले पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी का करं रहे कोटि कोटि धन्यवाद। संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ पीड़ित गांव हिन्दवान (हिसार, हरियाणा) 9 को दिया अद्भुत तोहफा १२००० फीट (8 इंची ) "IEAIHSIIIHIINY हॉर्स पावर की) पाइप + २ (२० मोटर + Full Set भेंट किया।   7 SA News Channel YOUTUBE SANEIE ^5"5u  9 CHANNEL 171 subscribars   90 [ a अन्नपूर्णा मुहिम किसानों के लिए वरदान। गांव वाले पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी का करं रहे कोटि कोटि धन्यवाद। संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ पीड़ित गांव हिन्दवान (हिसार, हरियाणा) 9 को दिया अद्भुत तोहफा १२००० फीट (8 इंची ) "IEAIHSIIIHIINY हॉर्स पावर की) पाइप + २ (२० मोटर + Full Set भेंट किया।   7 SA News Channel YOUTUBE SANEIE ^5"5u  9 CHANNEL 171 subscribars   90 - ShareChat
मोक्ष का मार्ग या पितर लोक का? गीता अध्याय 9 श्लोक 25 के अनुसार पितरों को पूजने वाले पितरों को ही प्राप्त होते हैं, परमात्मा को नहीं। यानी श्राद्ध से मुक्ति नहीं बल्कि श्राद्ध करने वाला स्वयं पितर बनता है। #भूतपूजेंगे_वो_भूतबनेंगे गीतामेंप्रमाणहै #SantRampalJiMaharaj #श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि #FactfulDebatesYtChannel #श्राद्ध_की_श्रेष्ठ_विधि_जोदेतीहै_हजारगुनालाभ #FactfulDebatesYouTubeChannel #🔥🔥 #sanatani #sanatandharma #bhagavadgita #Shradh #ancestorworship #pinddaan ↪️⛲अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" फ्री में ऑर्डर करे ⤵️ https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeWyoUZ5x6KexaDTRItkF44Wv-5mZsEdNpsJOS0LEedSIAgcw/viewform?usp=sf_link या अपना नाम ,पूरा पता, पिन कोड ,मोबाइल नंबर हमें Whatsapp करें +91 7496801825 पुस्तक और डिलीवरी चार्ज बिल्कुल निःशुल्क (फ्री) है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य डाउनलोड करें *SANT RAMPAL JI MAHARAJ* app play store से 🫴🏻 अब संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन प्रतिदिन सुनिए.... 🏵️ ईश्वर टी.वी. पर सुबह 6:00​ से 7:00​ तक 🏵️ श्रद्धा MH ONE टी. वी. पर दोपहर 2:00​ से 3:00​ तक 🏵️ साधना टी. वी. पर शाम 7:30​ से 8:30​ तक 📣 Visit 👉 Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel.
🔥🔥 - श्राद्ध- पिण्डदान गीता अनुसार कैसा है? हमे श्राद्ध क्यों সীসব্রয়ননীনা करना चाहिएट श्राद्घ कैस करना चाहिए Sant Rampal Ji Maharaj Bhaishri Rameshbai Oza मेरे अजनीज हिंदुओं पित्तरों का ऋण स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ है हम सभी पर। गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में कहा है हमें तर्पण करना किजो पित्तरों की पूजा करते हैं, वे पित्तर चाहिए। योनि प्राप्त करेंगे , मोक्ष नहीं होगा। जो भूत पूजते हैं ೩೫್೯೯ बनेंगे। श्राद्ध करना पित्तर पूजा तथा भूत पूजा है। मां बाप की मृत्यु हो जाये याान्त  देवान्पिनन्यान्ति   पिनृचना E सूतान रसान्न भतेन्या यान्न माजिगोर्छप माम।। २५ / श्रीमद्धगवद्गीता  टव ियून यान्ति॰ ितृवताः  ப1+1 HHII1, =II=T பர=T 41# ஈ = মাদ 1 74 11 | ٢  চচড স্ঢ নিব্রস চ14 - দহসাক] तो श्राद्ध करें। पप्ठ ढात ঔণল্ণl:  ಗf-1 ' (a7) ' Ti देयान  यगाभया Tura पयगालन प्राप्न ढोने ह ठानयल भवन [ দিবক Iurrr. দননতল पितन  ப7ப்11 पनत (@ನ 51 FrT ப=ப1+ VI পবোকা দবনমা গুমাদ্ী  Fಚ |  फ्री बुक PDF पाएन हिन्दू साहेबान! नहीं समझे SUBSCRIBE गीतार u: ತelul मैसेज करें FOMARRRAJ Factful Debates Download PDFfrom, 7496801822 Crilune SANTRAMPAL , श्राद्ध- पिण्डदान गीता अनुसार कैसा है? हमे श्राद्ध क्यों সীসব্রয়ননীনা करना चाहिएट श्राद्घ कैस करना चाहिए Sant Rampal Ji Maharaj Bhaishri Rameshbai Oza मेरे अजनीज हिंदुओं पित्तरों का ऋण स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ है हम सभी पर। गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में कहा है हमें तर्पण करना किजो पित्तरों की पूजा करते हैं, वे पित्तर चाहिए। योनि प्राप्त करेंगे , मोक्ष नहीं होगा। जो भूत पूजते हैं ೩೫್೯೯ बनेंगे। श्राद्ध करना पित्तर पूजा तथा भूत पूजा है। मां बाप की मृत्यु हो जाये याान्त  देवान्पिनन्यान्ति   पिनृचना E सूतान रसान्न भतेन्या यान्न माजिगोर्छप माम।। २५ / श्रीमद्धगवद्गीता  टव ियून यान्ति॰ ितृवताः  ப1+1 HHII1, =II=T பர=T 41# ஈ = মাদ 1 74 11 | ٢  চচড স্ঢ নিব্রস চ14 - দহসাক] तो श्राद्ध करें। पप्ठ ढात ঔণল্ণl:  ಗf-1 ' (a7) ' Ti देयान  यगाभया Tura पयगालन प्राप्न ढोने ह ठानयल भवन [ দিবক Iurrr. দননতল पितन  ப7ப்11 पनत (@ನ 51 FrT ப=ப1+ VI পবোকা দবনমা গুমাদ্ী  Fಚ |  फ्री बुक PDF पाएन हिन्दू साहेबान! नहीं समझे SUBSCRIBE गीतार u: ತelul मैसेज करें FOMARRRAJ Factful Debates Download PDFfrom, 7496801822 Crilune SANTRAMPAL , - ShareChat
#🔥🔥 अधूरा ज्ञान खतरनाक क्या आपके धर्म गुरु जानते हैं कि विष्णु पुराण के तृतीय अंश, अध्याय 15 श्लोक 55-56 के अनुसार एक योगी (शास्त्र अनुकूल भक्ति करने वाला साधक) को भोजन कराना हज़ार ब्राह्मणों के श्राद्ध भोज से उत्तम है। Factful Debates YtChannel https://youtu.be/X4fn1GUPwoU?si=t_04Vb0aWc5QBVk0
youtube-preview
#🔥🔥 योगी की खोज करें, पितरों का उद्धार करें। विष्णु पुराण के तृतीय अंश, अध्याय 15 श्लोक 55-56 कहता है कि एक योगी (शास्त्रानुकूल साधक) यजमान और पितरों सबका उद्धार कर सकता है। Factful Debates YtChannel https://youtu.be/X4fn1GUPwoU?si=t_04Vb0aWc5QBVk0
🔥🔥 - Hatd Im चित्राणि दार्ठिय्ः कुतपस्तिलाः | ভাচিব   (লঙকীকা कतप   (िनकी लदका )  সনণী  तिस-सेतोन तपा चोदीका दान 5ad) T दानं कथासंकीर्तनादिकम ।। ५२ 3mcl irraid' গাডকালদ    फना  शरा कोथोउख्वगमन त्पर।  पविप्न माने गपे 6l५२ ऐ रनेन्द। नरकतकि तिप उतानतापन = पे तीन आार्त चनित  काप मागगमन ओर T न्यमेतनन সাম্পেন I1 43 नद्म भोजन फेवलोको भौ॰हन तोनोफा पितरस्तथा नप। मातामहा  n7 1 Biar +66044/ ते पुंसा सर्व श्राद्धं प्रकुर्वताम् । ५४ " 74! ஈ ர fr वर्तमान में f मातामर तया कटम्यीजन - मभी सन्तपर गते योगापारशच चन्दमाः Idururl ` Fயா47+ர 147 M. fmk नयौगम्तु तर्मासूपाल शस्यते I१ ५५  एमतपे गरम पोगिसनको মাHাা শাবা  सत जी महाराज रामपाल निपक काना अति ठतम C। ५५ Iऐ रनन। यद भारभार m विपाणा  चत्पुग्तः स्थितः | ஈ எபர் ஈப ஈ5 ஈரி 17்7  के सभी शिष्य योगी हैं तारयति यजमान  तथा  नप।। ५६  मनमानफे सरित ठन सनका उखार कादेता ४।५६।  परौचिष्पणण 7437 7~1.773117;` 140 अनुकूल भक्ति जा शास्त्र साधना करते हैं। विष्णु पुराण के तीसरे श्री संत रामपाल जी के सानिध्य में अंश के अध्याय १५ श्लोक महीने में भंडारे होते 55 - 56 हर 2 3 पर लिखा है कि श्राद्ध के भोज हैं जहाँ सभी योगिजन भंडारा में यदि एक योगी यानि खाते हैं जो व्यक्ति उस भंडारे में शास्त्रोक्त साधक को भोजन दान करता है उससे उनके सभी करवाया जाए तो वह योगी पितरों का उद्धार हा जाता है। श्राद्ध भोज में आए हजार अतः श्राद्ध करने की शास्त्र ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे अनुकूल विधि जानने के लिए परिवार सहित तथा सर्व पितरों देखिए का उद्धार कर देता है। Sant Rampal Ji Maharaj YouTubel  و Channel లITIIT: Aaa 4]01 SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALJIM  SANT RAMPAL Jl SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI Hatd Im चित्राणि दार्ठिय्ः कुतपस्तिलाः | ভাচিব   (লঙকীকা कतप   (िनकी लदका )  সনণী  तिस-सेतोन तपा चोदीका दान 5ad) T दानं कथासंकीर्तनादिकम ।। ५२ 3mcl irraid' গাডকালদ    फना  शरा कोथोउख्वगमन त्पर।  पविप्न माने गपे 6l५२ ऐ रनेन्द। नरकतकि तिप उतानतापन = पे तीन आार्त चनित  काप मागगमन ओर T न्यमेतनन সাম্পেন I1 43 नद्म भोजन फेवलोको भौ॰हन तोनोफा पितरस्तथा नप। मातामहा  n7 1 Biar +66044/ ते पुंसा सर्व श्राद्धं प्रकुर्वताम् । ५४ " 74! ஈ ர fr वर्तमान में f मातामर तया कटम्यीजन - मभी सन्तपर गते योगापारशच चन्दमाः Idururl ` Fயா47+ர 147 M. fmk नयौगम्तु तर्मासूपाल शस्यते I१ ५५  एमतपे गरम पोगिसनको মাHাা শাবা  सत जी महाराज रामपाल निपक काना अति ठतम C। ५५ Iऐ रनन। यद भारभार m विपाणा  चत्पुग्तः स्थितः | ஈ எபர் ஈப ஈ5 ஈரி 17்7  के सभी शिष्य योगी हैं तारयति यजमान  तथा  नप।। ५६  मनमानफे सरित ठन सनका उखार कादेता ४।५६।  परौचिष्पणण 7437 7~1.773117;` 140 अनुकूल भक्ति जा शास्त्र साधना करते हैं। विष्णु पुराण के तीसरे श्री संत रामपाल जी के सानिध्य में अंश के अध्याय १५ श्लोक महीने में भंडारे होते 55 - 56 हर 2 3 पर लिखा है कि श्राद्ध के भोज हैं जहाँ सभी योगिजन भंडारा में यदि एक योगी यानि खाते हैं जो व्यक्ति उस भंडारे में शास्त्रोक्त साधक को भोजन दान करता है उससे उनके सभी करवाया जाए तो वह योगी पितरों का उद्धार हा जाता है। श्राद्ध भोज में आए हजार अतः श्राद्ध करने की शास्त्र ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे अनुकूल विधि जानने के लिए परिवार सहित तथा सर्व पितरों देखिए का उद्धार कर देता है। Sant Rampal Ji Maharaj YouTubel  و Channel లITIIT: Aaa 4]01 SPIRITUAL LEADER X @SAINTRAMPALJIM  SANT RAMPAL Jl SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAI - ShareChat
*✰जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 75वें अवतरण दिवस के अवसर पर दिनांक 6, 7 व 8 सितम्बर 2025 को आयोजित विशाल भंडारे में आप सभी सपरिवार सादर आमंत्रित हैं✰* आयोजन स्थल का पता है :- #🔥🔥 सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली) सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम इन्दौर (मध्य प्रदेश), सतलोक आश्रम धवलपुरी (महाराष्ट्र) सतलोक आश्रम जनकपुर (नेपाल देश)
🔥🔥 - ShareChat
01:01
#🔥 देखिये आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा! "कबीर बड़ा या कृष्ण"- खास वीडियो Only on Factful Debates YouTube Channel Visit Factful Debates You/youtu.be/euXrZIzv7Sk?si=GxNWkle_r2elkQfB
youtube-preview
#🔥🔥 ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
🔥🔥 - का श्लोक 9 अध्याय दिच्यम 44-4 एवम यः चेत्ति तत्वतः  خط देहम, पनः, जन्म  एति माम एति सः अर्जन।।  त्ट अनुवादः ( अर्जुन।  अर्जुन! (गे। गेरे । जन्ग। जन्म (च॰ कर्म (दिव्यम्) दिव्य भर्थात् मलोकिक ्हे॰ [ক4]  (यः) जो मनृष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे येत्ति)  (ar) 3 3_1 जान लेता है।सः ) बह ( देहम) शरीरको (त्यकचा) त्यागवर (पुनः) ।फिर ( जन्म। जन्मको (न एाते) प्राप्त न्हा हांता कितु जो मुडा काल को तत्य  नहीं जानते ( माम्। मुडो हो (एति।  प्राप्त तोता हे। (९)  हिन्यीः  अर्जुन। गैरे जन्म ओर कर्म दिव्य अर्थान् अलीकिक  इस प्रकार जो मनुष्य तत्यसे जान लेता ह यह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको माप्त नही ठोता कित जो काल को तत्व रा नर्ही जानते मुझ ही ग्राप्त हाता हे।  যীবা যীী ক্রা হান ক্রিমন ব্রীলা? श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म गीता अध्याय दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके श्री कृष्ण " कार्य करता है जैसे जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी के युद्ध कि मैं महाभारत में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नही उठाऊँगा | श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक अपना नाम, पूरा पता भेजें  নান যযা +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER  SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ का श्लोक 9 अध्याय दिच्यम 44-4 एवम यः चेत्ति तत्वतः  خط देहम, पनः, जन्म  एति माम एति सः अर्जन।।  त्ट अनुवादः ( अर्जुन।  अर्जुन! (गे। गेरे । जन्ग। जन्म (च॰ कर्म (दिव्यम्) दिव्य भर्थात् मलोकिक ्हे॰ [ক4]  (यः) जो मनृष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे येत्ति)  (ar) 3 3_1 जान लेता है।सः ) बह ( देहम) शरीरको (त्यकचा) त्यागवर (पुनः) ।फिर ( जन्म। जन्मको (न एाते) प्राप्त न्हा हांता कितु जो मुडा काल को तत्य  नहीं जानते ( माम्। मुडो हो (एति।  प्राप्त तोता हे। (९)  हिन्यीः  अर्जुन। गैरे जन्म ओर कर्म दिव्य अर्थान् अलीकिक  इस प्रकार जो मनुष्य तत्यसे जान लेता ह यह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको माप्त नही ठोता कित जो काल को तत्व रा नर्ही जानते मुझ ही ग्राप्त हाता हे।  যীবা যীী ক্রা হান ক্রিমন ব্রীলা? श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म गीता अध्याय दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके श्री कृष्ण " कार्य करता है जैसे जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी के युद्ध कि मैं महाभारत में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नही उठाऊँगा | श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक अपना नाम, पूरा पता भेजें  নান যযা +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER  SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat