तिरछी नजरिया,पतली कमरिया
हवा के संग उड़े मेरी चुनरिया।
खनकें चूड़ियां,बजे पायलिया
रुनझुन बोले,मन की गलरिया।
बरसे बदरिया,गीली डगरिया
फिसली तो टूट जाए न गगरिया।
चढ़कर बैठा,अटरिया संवरिया
ना छेड़ो बलम,अभी बाली उमरिया।
हीय प्रीत उमरे,सुन कान्हा की मुरलिया
भागती इत-उत,बनके बावरिया #❤️Love You ज़िंदगी ❤️