मुक्तिबोध संदेश
ShareChat
click to see wallet page
@3329064190
3329064190
मुक्तिबोध संदेश
@3329064190
मुझे ShareChat पर फॉलो करें!
The sacred wisdom in our scriptures can shatter the walls of bitterness and resentment in human life, when heard through the divine speech of a Complete Saint. Jagatguru Tatvdarshi Sant Rampal Ji Maharaj narrates an impactful incident from the life of an awful mother-in-law Bhateri and how her first interaction with satsang transformed her. Through the unmatched teachings of the Sukshma Veda and the sacred verses of Sant Garibdas Ji Maharaj, Sant Rampal Ji sheds light on the consequences a woman faces if she doesn't seek the satsang of a True Saint. Explore this intriguing article and discover the danger of falling prey to misconceptions propelled by an ignorant society: https://bit.ly/42LrHjU #santrampaljimaharaj #satlokashram #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🎙सामाजिक समस्या #🙏गुरु महिमा😇
santrampaljimaharaj - DSCORD IN FAMILY Way 01 Living ENDS WITH SATSANG wwwjagatgururampaljiorg DSCORD IN FAMILY Way 01 Living ENDS WITH SATSANG wwwjagatgururampaljiorg - ShareChat
श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुईं बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने कहा कि केवल एक ही जाति है, मानवता की जाति। केवल एक ही धर्म है, प्रेम का धर्म। केवल एक ही भाषा है, हृदय की भाषा और केवल एक ही ईश्वर है और वह सर्वव्यापी है। जय हिंद। #SANewsRajasthan #SatlokAshram #AishwaryaRaiBachchan #ShriSathyaSaiBaba #AndhraPradesh #India #SANewsChannel #🌐 राष्ट्रीय अपडेट #❤️फेवरेट फिल्मी जोड़ी👩‍❤️‍👨 #🤲खुदा और मोहब्बत💕 #satlokashram #santrampaljimaharaj
🌐 राष्ट्रीय अपडेट - INDIAv indiatvnews com केवल एक ही जाति है, मानवता की जाति। केवल एक ही धर्म है, प्रेम का धर्म। केवल एक ही भाषा है, हृदय की भाषा और केवल एक ही ईश्वर है और वह सर्वव्यापी है। जय हिंद। ८८ ऐश्वर्या राय बच्चन बॉलीवुड अभिनेत्री INDIAv indiatvnews com केवल एक ही जाति है, मानवता की जाति। केवल एक ही धर्म है, प्रेम का धर्म। केवल एक ही भाषा है, हृदय की भाषा और केवल एक ही ईश्वर है और वह सर्वव्यापी है। जय हिंद। ८८ ऐश्वर्या राय बच्चन बॉलीवुड अभिनेत्री - ShareChat
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार ! तो भी बराबर है नहीं, कहे कबीर विचार!! राडी के बालाजी मंदिर प्रांगण राजनगर, कोटा राजस्थान दिनांक 23-11-2025 वार :- रविवार समय :- 10.00 AM से 03.00 PM तक #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #satlokashram #santrampaljimaharaj #🙏गुरु महिमा😇 #📖जीवन का लक्ष्य🤔
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - भजन करो उस ख काजो दाता है कुल सब का जगतगुर् तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में डेराबस्सी सत्संग समारोह निःशुल्क नामदीक्षा भी दी जाएगी सत्संग के बाद GRR মময दिन-23-11-2025 सुबह १०:०० बजे से रविवार DAY दोपहर ०१:०० बजे तक SUNDAY राडी के बालाजी मंदिर प्रांगण , राजनगर, कोटा (राज॰| सचजो आप , SA NEWS 6 ٥١٥٥١٦١٤٨٤ राजस्थान     भजन करो उस ख काजो दाता है कुल सब का जगतगुर् तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में डेराबस्सी सत्संग समारोह निःशुल्क नामदीक्षा भी दी जाएगी सत्संग के बाद GRR মময दिन-23-11-2025 सुबह १०:०० बजे से रविवार DAY दोपहर ०१:०० बजे तक SUNDAY राडी के बालाजी मंदिर प्रांगण , राजनगर, कोटा (राज॰| सचजो आप , SA NEWS 6 ٥١٥٥١٦١٤٨٤ राजस्थान - ShareChat
"दुनिया को अब बताना है संत रामपाल जी महाराज जी ही भगवान है" संत रामपाल जी महाराज भगवान क्यों हैं ? जरूर देखे ये वीडियो⤵️ https://youtu.be/KEr3MtmHFbI?si=KOF5-VUzRzkv2jS7 #santrampaljimaharaj #satlokashram #sant #🙏गुरु महिमा😇 #📖जीवन का लक्ष्य🤔 🔼 यह उन लाखों लोगों की गवाही है जिन्होंने भगवान को अपनी आँखों से चमत्कार करते देखा है 🌊 300+ डूबते गाँवों को बचाया 🏡 अनेकों गरीबों को "सुदामा का महल" बना कर दिया 🔥 कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियाँ जड़ से खत्म कीं 💰 भयंकर गरीबी और कर्ज़ से लोगों को उबारा ✨ यहाँ तक कि मरे हुओं को ज़िंदा किया दुनिया वाले क्या जानें उस भगवान की महिमा, जो आज जेल में बैठकर भी पूरी सृष्टि का संचालन कर रहे हैं!
santrampaljimaharaj - 2cন 2112 2cন 2112 - ShareChat
🙏अपना न्याय आप करूँगा, ✍️ सब के सिर पर हाथ धरूँगा । ✋ बारह वर्ष कटे वनवासा, एकै झंडा एकै भाषा ।।…🏳️🏳️📚❤️💐😥📚 #satlokashram #santrampaljimaharaj #🙏गुरु महिमा😇 #🎙सामाजिक समस्या #📖जीवन का लक्ष्य🤔
satlokashram - ShareChat
देखा देखी भक्ति का, कबहुॅं न चढ़सी रंग। विपती पड़े यों छांड़सी, ज्यों केंचुली तजत भुजॅंग।। साहब कबीर कहते हैं - जरा ठहरो! रुको और अपने भीतर झाँको। यह जो तुम कर रहे हो, जिसे तुम 'भक्ति' कहते हो... क्या यह सच में भक्ति है? या यह केवल 'देखा-देखी' है? तुम तीर्थ जाते हो—पर क्या कभी अपने भीतर की यात्रा की? तुम माला फेरते हो—पर क्या कभी मन को टटोला है? तुम शास्त्र पढ़ते हो—पर क्या कभी अपने भीतर की पुस्तक खोली है? साहब कबीर कहते—“दूसरों की आँखों से देखोगे, तो तुम कभी देख नहीं पाओगे।” यह सब उधार है, नकल है! यह तुम्हारा अपना नहीं है। यह केवल एक सामाजिकता है, एक औपचारिकता है। इसमें प्राण कहाँ? यह देखा-देखी की भक्ति ऊपर-ऊपर का रंग है। सतही। अस्थायी। जैसे शरीर पर लगाया हुआ रंग—जो बारिश की एक बूंद में बह जाता है। रंग वह है जो भीतर से फूटता है—जैसे फूल का रंग, जो उसकी आत्मा है, जिसे कोई धो नहीं सकता। और जो उधार है, जो केवल नकल है, उसका रंग कभी नहीं चढ़ सकता। रंग तो केवल उसका चढ़ता है जो तुम्हारे भीतर से उगता है, जो तुम्हारा अपना अनुभव बनता है। तुम ऊपर से रंग पोत सकते हो, लेकिन वह तुम्हारी त्वचा बन जाएगा क्या? नहीं। वह एक मुखौटा रहेगा। तो प्रश्न यह नहीं है कि तुम पूजा करते हो या नहीं। प्रश्न यह है कि क्या तुम्हारी पूजा तुम्हारी है? क्या तुम्हारी प्रार्थना तुम्हारे आँसुओं से जन्मी है या केवल किसी की नकल है? तुमने परमात्मा का नाम तो रट लिया, लेकिन परमात्मा का स्वाद तुम्हें नहीं मिला। तुमने शास्त्र तो पढ़ लिए, लेकिन सत्य की एक किरण भी तुम्हें नहीं छू पाई। क्यों? क्योंकि यह सब 'देखा-देखी' है। यह ज्ञान है, बोध नहीं। और यह मुखौटा, यह उधार की भक्ति कब तक तुम्हारा साथ देगी? अद्भुत! क्या गहरी चोट की है साहब कबीर ने! जब तक जीवन सुख से चल रहा है, सब ठीक है। तुम्हारा पाखंड बड़े आराम से चलता रहता है। तुम मुस्कुराते हुए भजन गाते हो, क्योंकि गाने में कोई हर्ज नहीं। लेकिन... 'विपती पड़े'... जैसे ही जीवन में कोई वास्तविक संकट आता है—कोई प्रियजन को खो देते हो, व्यापार डूब जाता है, शरीर को कोई गंभीर बीमारी पकड़ लेती है—बस, उसी क्षण तुम्हारा यह सारा धर्म, तुम्हारी यह सारी भक्ति... छू-मंतर! तुम परमात्मा को गालियाँ देने लगते हो। तुम शिकायत करने लगते हो। तुम कहते हो, "मैंने इतनी पूजा की, इतना दान दिया, फिर भी मेरे साथ ऐसा हुआ!" तुम्हारा सारा विश्वास एक ही पल में ढह जाता है। क्यों? क्योंकि वह विश्वास था ही नहीं, वह केवल एक धारणा थी। वह भक्ति थी ही नहीं, वह केवल एक व्यवहार था। और जैसे ही उस व्यवहार पर संकट आया, तुमने उसे ऐसे उतार फेंका, "ज्यों केंचुली तजत भुजॅंग।" साँप अपनी केंचुली को छोड़ देता है। क्यों? क्योंकि वह केंचुली मृत है। वह कभी उसका हिस्सा थी, पर अब नहीं है। वह एक खोल है, जिसमें जीवन नहीं है। तुम्हारी 'देखा-देखी' भक्ति भी ठीक वैसी ही केंचुली है। वह धर्म जैसी दिखती है, पर उसमें धर्म का कोई स्पंदन नहीं है। वह एक खोल है जिसे तुम ओढ़े घूम रहे हो। जैसे ही विपत्ति की गर्मी पड़ती है, तुम इस खोल को उतार फेंकते हो और तुम्हारा असली, नंगा, भयभीत, काँपता हुआ रूप सामने आ जाता है। तो फिर मार्ग क्या है? जागो! इस उधार को छोड़ो। भीड़ का हिस्सा मत बनो। सत्य को स्वयं खोजो। अगर प्रार्थना करनी है, तो वह तुम्हारे हृदय से उठे, तुम्हारे आँसुओं से भीगे। अगर ध्यान करना है, तो वह तुम्हारा अपना हो, किसी किताब से चुराई हुई विधि नहीं। जिस दिन तुम्हारी भक्ति 'देखा-देखी' नहीं, 'स्व-अनुभव' की होगी, उस दिन रंग चढ़ेगा। और वह रंग ऐसा पक्का चढ़ेगा कि विपत्ति आए या मृत्यु भी सामने खड़ी हो, वह उतर नहीं सकता। वह तुम्हारी आत्मा का हिस्सा बन जाएगा। उस उधार केंचुली को तुम खुद ही उतार फेंको, इससे पहले कि कोई विपत्ति तुम्हें ज़बरदस्ती नंगा कर दे। #🙏गुरु महिमा😇 #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #santrampaljimaharaj #satlokashram
🙏गुरु महिमा😇 - देखा देखी भक्ति का॰ कबहुँ न चढ़सी रंग। विपती पडे़े यों छांड़सी, ज्यों केंचुली तजत भुजँग। | कबार ddd देखा देखी भक्ति का॰ कबहुँ न चढ़सी रंग। विपती पडे़े यों छांड़सी, ज्यों केंचुली तजत भुजँग। | कबार ddd - ShareChat
उजला कपड़ा पहिरि करि, पान सुपारी खाये। एकै हरि के नाम बिन, बाँधे जमपुरि जाये।। साहब कबीर कहते हैं— तुमने उजले, आधुनिक, कलात्मक और कीमती वस्त्र धारण कर लिए हैं! क्योंकि तुम दुनिया को दिखाना चाहते हो कि तुम कितने पवित्र, सात्विक, धनवान और श्रेष्ठ हो। यह सफेद वस्त्र तुम्हारी आंतरिक निर्मलता का नहीं, तुम्हारे गहरे अहंकार का प्रतीक बन गया है। तुम घोषणा कर रहे हो— “देखो, मैं कितना शुद्ध हूँ!” तुम पान चबा रहे हो, महफिलों में बैठे हो, स्वयं को 'प्रतिष्ठित' और 'रईस' समझ रहे हो। पर यह सब क्या है? यह सब बाहरी सजावट है—व्यक्तित्व को सजाने का प्रयास, अस्तित्व को नहीं। तुम अपने मुखौटे को चमका रहे हो, आत्मा को नहीं। साहब कबीर कहते हैं—यह सब व्यर्थ है, यह सब माया का जाल है। सच्ची साधना का अर्थ है, हरि के नाम में डूबना—परंतु नाम जपना तोते की तरह नहीं, बल्कि पूर्ण जागरूकता और चेतना के साथ। ‘हरि के नाम’ का अर्थ है—अपने अंतर में उस परम सत्ता का सुमिरन करना, उसे अनुभव करना, उसी में विलीन हो जाना। तुम भले ही सफेद वस्त्र पहन लो, किंतु यदि भीतर क्रोध, लोभ और वासना की ज्वालाएँ सुलग रही हैं, तो वह वस्त्र तुम्हें शुद्ध नहीं कर सकते। तुम पान चबाते हुए भी भीतर नर्क की पीड़ा में जल सकते हो। तुम्हारी यह बाहरी चमक तुम्हारे भीतर के अंधकार को तनिक भी कम नहीं कर सकती। और याद रखो—यमपुरी कोई स्थान नहीं है, जहाँ तुम मृत्यु के बाद जाओगे। तुम तो अभी वहीं हो। जो व्यक्ति अचेतन है, जो स्वयं में जागा नहीं है—वह इसी क्षण नर्क में जी रहा है। चिंता, भय, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा—यही यमपुरी है। तुम अपने ही मन के बंधनों में बँधे हो; वही तुम्हारा यम है, वही तुम्हारा कारागार। तुम्हारे मंहगे वस्त्र, तुम्हारी सामाजिक प्रतिष्ठा, तुम्हारे पद—इनमें से कोई भी तुम्हें इस भीतरी नर्क से मुक्त नहीं कर सकता। मुक्ति का मार्ग बाहरी आडंबर में नहीं, आंतरिक जागृति में है। जिस क्षण तुम यह सारा दिखावा, यह सजी हुई झूठी छवि छोड़कर अपने भीतर के परमात्मा के प्रति जागरूक हो जाते हो— उसी क्षण ‘हरि के नाम’ का फूल खिलता है, उसी क्षण रूपांतरण घटित होता है। अन्यथा, तुम बस एक सुंदर सजा हुआ मुखौटा हो, जो यमपुरी की ओर अग्रसर है। जागो! इस पाखंड से, इस नींद से, इस भ्रम से— जागो! #santrampaljimaharaj #sant #satlokashram
santrampaljimaharaj - उजला कपडा पहिरि करि, पान सुपारी खाये। एकै हरि के नाम बिन, बाँधे जमपुरि जाये।। उजला कपडा पहिरि करि, पान सुपारी खाये। एकै हरि के नाम बिन, बाँधे जमपुरि जाये।। - ShareChat
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🎙सामाजिक समस्या #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🌐 राष्ट्रीय अपडेट #🙏गुरु महिमा😇
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - माया तो ठगनी भई, ठगत फिरै सब देश। जा ठग ने ठगनी ठगी , ता ठग को आदेश। | माया तो ठगनी भई, ठगत फिरै सब देश। जा ठग ने ठगनी ठगी , ता ठग को आदेश। | - ShareChat
त रामपाल जी महाराज को धनाना रत्न सम्मान गाँव धनाना (सोनीपत) की 36 बिरादरी द्वारा, 8 नवंबर को, जगत उद्धारक तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को धनाना रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। #🙏गीता ज्ञान🛕 #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🎙सामाजिक समस्या
🙏गीता ज्ञान🛕 - जगत उद्धारक तत्वदर्शी SA NEWS [  संत रामपाल जी महाराज को मिला धनना रत्न सम्मन HE संत रामपाल जी महाराज பolol गान्यापणागया गाद 7 गलालिक कायामि उनक भनल ಹanu जगत 3u8o धनान Cre ालक सोनीपत ) की ३६ बिरादरी भेंट कर्ता गाव धनाना जगत उद्धारक तत्वदर्शी SA NEWS [  संत रामपाल जी महाराज को मिला धनना रत्न सम्मन HE संत रामपाल जी महाराज பolol गान्यापणागया गाद 7 गलालिक कायामि उनक भनल ಹanu जगत 3u8o धनान Cre ालक सोनीपत ) की ३६ बिरादरी भेंट कर्ता गाव धनाना - ShareChat
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏गुरु महिमा😇 #🌐 राष्ट्रीय अपडेट #📖जीवन का लक्ष्य🤔
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - இணீ @శ @0R रक्त श्री सम्मात सुरक्षित रक्तदान के लिए इन बातों शिविर रक्तदान कारखारगान ceeeneeu999%8 సస ఫాళా  েবব্রান ম সঙী कतदान सतलोक आश्रम उड़दन +0 बैतूल ( मध्यप्रदेश) रतलव वैतूल ( मध्यण्रर ঐরনুল] (मध्यप्रदेश ) सतलोक आश्रम இணீ @శ @0R रक्त श्री सम्मात सुरक्षित रक्तदान के लिए इन बातों शिविर रक्तदान कारखारगान ceeeneeu999%8 సస ఫాళా  েবব্রান ম সঙী कतदान सतलोक आश्रम उड़दन +0 बैतूल ( मध्यप्रदेश) रतलव वैतूल ( मध्यण्रर ঐরনুল] (मध्यप्रदेश ) सतलोक आश्रम - ShareChat