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भारत की न्याय व्यवस्था की विडंबना को समझाने के लिए दो उदाहरण काफी हैं। पहला मामला न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके आवास से नोटों का जला हुआ ढेर बरामद हुआ, लेकिन इसके बावजूद उनके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और वे फिलहाल हाई कोर्ट में न्यायाधीश पद पर आसीन हैं।
न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ जब ऐसे गंभीर आरोप लगते हैं और फिर भी व्यवस्था मौन रहती है, तो यह आम आदमी के मन में न्याय प्रणाली के प्रति अविश्वास पैदा करता है। न्यायपालिका लोकतंत्र का स्तंभ मानी जाती है, लेकिन जब उसके भीतर ही पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठते हैं तो पूरा तंत्र कमजोर होता है।
दूसरी ओर, एक साधारण नागरिक जगेश्वर प्रसाद अवस्थी की कहानी है। उन पर केवल सौ रुपये की रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगाया गया था। इस मामूली आरोप में उन्हें न्याय पाने के लिए पूरे 39 साल तक इंतजार करना पड़ा। तीन दशक से अधिक का यह इंतजार किसी भी व्यक्ति के जीवन के सबसे कीमती समय को छीन लेने जैसा है। जब अदालत ने अंततः उन्हें बरी किया, तब तक उनकी जवानी बीत चुकी थी और जीवन का एक बड़ा हिस्सा निरर्थक प्रतीक्षा में बीत गया।
सोचिए, मात्र सौ रुपये की रिश्वत का आरोप साबित करने या न करने में भारतीय न्याय व्यवस्था को चार दशक लग गए। यह केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे तंत्र का आइना है।
इन दोनों उदाहरणों को एक साथ देखने पर साफ होता है कि जहां बड़े और प्रभावशाली पद पर बैठे लोगों के मामले को दबा दिया जाता है, वहीं आम नागरिक को मामूली आरोप में जिंदगी बर्बाद कर दी जाती है। यह तुलना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या न्याय सबके लिए समान है या फिर ताकत और पद ही इसका निर्धारण करते हैं।
यशवंत वर्मा और जगेश्वर प्रसाद अवस्थी के ये दो मामले हमारी न्याय व्यवस्था की जटिलता, असमानता और धीमी गति के सबसे स्पष्ट उदाहरण हैं। यह हमें मजबूर करता है कि हम इस व्यवस्था में सुधार की मांग करें ताकि भविष्य में किसी निर्दोष को इतना लंबा इंतजार न करना पड़े और किसी प्रभावशाली को कानून से ऊपर न माना जाए । #😜पॉलिटिकल मीम्स😅 #📢 ताज़ा खबर 🗞️ #🔴 क्राइम अपडेट #✍️ जीवन में बदलाव #☝आज का ज्ञान
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यह साउथ इंडियन ब्रेकफास्ट डिश है जो बाहर से हल्की कुरकुरी और अंदर से नरम, स्पंजी होती है। इसे ज़्यादातर नारियल की चटनी, सांभर या सब्ज़ी के साथ खाया जाता है। यहाँ इसकी डिटेल और रेसिपी हिंदी में दी गई है:
अप्पम रेसिपी (Appam Recipe)
सामग्री:
चावल – 2 कप
उरद दाल – ½ कप
मेथी दाना – ½ चम्मच
नारियल का टुकड़ा (या नारियल दूध) – ½ कप
नमक – स्वाद अनुसार
पानी – जरूरत अनुसार
तेल – सेंकने के लिए
बनाने की विधि:
1. भिगोना – चावल, उरद दाल और मेथी दाना को अच्छे से धोकर 5-6 घंटे पानी में भिगो दें।
2. पीसना – भीगी हुई सामग्री को नारियल के टुकड़े/नारियल दूध के साथ मिक्सी में डालकर चिकना बैटर तैयार करें।
3. फर्मेंटेशन – बैटर को ढककर 8-10 घंटे (या रातभर) गर्म जगह पर रख दें ताकि यह खमीर उठ जाए।
4. बैटर तैयार करना – खमीर उठने के बाद बैटर में नमक डालें और जरुरत अनुसार पानी डालकर इसे हल्का गाढ़ा रखें।
5. पकाना – अप्पम पैन/नॉनस्टिक तवा गरम करें, हल्का तेल लगाएँ। बैटर का एक बड़ा चम्मच पैन में डालें और ढककर धीमी आंच पर सेंकें।
6. तैयार – जब ऊपर से स्पंजी और नीचे से हल्का सुनहरा हो जाए तो अप्पम उतार लें।
परोसने का तरीका:
गरमागरम अप्पम को नारियल चटनी, सांभर या टमाटर की चटनी के साथ परोसें।
यह डिश खासतौर पर कॉफी/फिल्टर कॉफी के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है।
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