सुनील जैन
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#☝ मेरे विचार
☝ मेरे विचार - आज का दिन इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे २००४. यूएन की ओर से इसकी शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाना था। आज का दिन इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे २००४. यूएन की ओर से इसकी शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाना था। - ShareChat
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☝ मेरे विचार - I9~1 সংপযাসং 9 ১০ 9া নাস লিখা वनपाल भर्तीः पेपरलीक का ५० हजार का इनामी मास्टरमाइंड गुजरात से गिरफ्तार , बोला प्रिंटिंग प्रेस से पेपर खरीदा, १ ५ करोड़ २५ लाख में में बेचा, सवाल ् माफिया प्रेस तक कैसे पहुंचा . वनपाल भर्ती परीक्षा २०२२ का पेपर प्रिंटिंग प्रेस जयपुर बोर्ड कर्मचारियों से मिलीभगत का शक से २५ लाख रुपए में खरीद कर १५ करोड़ रुपए में बेचा था। मुख्य सरगना ने उदयपुर के होटल लीक पेपर पढ़वाने वाले हीरालाल निवासी गुड़ामालानी  गीतांजलि में हल  किया हुआ  ने बांसवाडा में और कंवराराम निवासी गुड़ामालानी ने पेपर गुजरात के पालनपुर भेजा और अहमदाबाद से उद्यपुर में अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराया था। एसओजी ने वनपाल लीक कराया दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ T@FITT था किया कि भर्ती परीक्षा २०२२ के पेपर लीक मामले प्रश्नपत्र जबराराम ने उपलब्ध कराया था। इसके লান वह में ५० हजार के इनामी सस्पेंड सरकारी के रूप में चिह्नित हुआ।  मुख्य सरगना आरोपी जबराराम को   गुजरात अध्यापक शराब तस्कर भी शामिलः जाट ने किसी को संदेह न जबराराम जाट गिरफ्तार किया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने १३ हो, इसके लिए साथी शराब तस्कर कंवराराम को पालनपुर  नवंबर २०२२ को वनपाल भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। की होटल गीतांजलि में हल किया हुआ पेपर दिया था।  प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होना सामने आने के बाद अब बोर्ड उदयपुर में सरकारी शिक्षक हरीश सारण निवासी बाड़मेर के तत्कालीन अधिकारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। शेष | पेज 7 को अहमदाबाद में हल किए हुए प्रश्न पत्र सौंपे गए थे। I9~1 সংপযাসং 9 ১০ 9া নাস লিখা वनपाल भर्तीः पेपरलीक का ५० हजार का इनामी मास्टरमाइंड गुजरात से गिरफ्तार , बोला प्रिंटिंग प्रेस से पेपर खरीदा, १ ५ करोड़ २५ लाख में में बेचा, सवाल ् माफिया प्रेस तक कैसे पहुंचा . वनपाल भर्ती परीक्षा २०२२ का पेपर प्रिंटिंग प्रेस जयपुर बोर्ड कर्मचारियों से मिलीभगत का शक से २५ लाख रुपए में खरीद कर १५ करोड़ रुपए में बेचा था। मुख्य सरगना ने उदयपुर के होटल लीक पेपर पढ़वाने वाले हीरालाल निवासी गुड़ामालानी  गीतांजलि में हल  किया हुआ  ने बांसवाडा में और कंवराराम निवासी गुड़ामालानी ने पेपर गुजरात के पालनपुर भेजा और अहमदाबाद से उद्यपुर में अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध कराया था। एसओजी ने वनपाल लीक कराया दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ T@FITT था किया कि भर्ती परीक्षा २०२२ के पेपर लीक मामले प्रश्नपत्र जबराराम ने उपलब्ध कराया था। इसके লান वह में ५० हजार के इनामी सस्पेंड सरकारी के रूप में चिह्नित हुआ।  मुख्य सरगना आरोपी जबराराम को   गुजरात अध्यापक शराब तस्कर भी शामिलः जाट ने किसी को संदेह न जबराराम जाट गिरफ्तार किया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने १३ हो, इसके लिए साथी शराब तस्कर कंवराराम को पालनपुर  नवंबर २०२२ को वनपाल भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। की होटल गीतांजलि में हल किया हुआ पेपर दिया था।  प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होना सामने आने के बाद अब बोर्ड उदयपुर में सरकारी शिक्षक हरीश सारण निवासी बाड़मेर के तत्कालीन अधिकारी संदेह के घेरे में आ गए हैं। शेष | पेज 7 को अहमदाबाद में हल किए हुए प्रश्न पत्र सौंपे गए थे। - ShareChat
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☝ मेरे विचार - सिटीएकर एक दशक में पति-्पत्नी के क्लेश तेजी से बढ़े कोर्ट में रिश्तों का हिसाब; ५ साल में केस ६०० से बढ़कर १२०० हुए, बच्चों का सवाल - हमारा क्या कसूर? माता-पिता को बच्चों से प्यार, पर उनके लिए साथ नहीं रहना चाहते संजीव शर्मा | जयपुर पिछले दशक में पति-्पत्नी के कोर्ट नेपिता को बेटे से मिलाने को कहा, मां नहीं एक पारिवारिक विवाद तेजी से बढे हैं। इसका मिला रहीः एक बैंक मैनेजर ने अस्पताल में काम करने सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। शहर वाली पत्नी से तलाक का केस किया। 5 वर्षीय बेटे की की फैमिली कोर्ट में बच्चों की कस्टडी कस्टडी के लिए पिता की अर्जी पर कोर्ट ने मिलने की अनुमति दी, लेकिन पत्नी उसे और भरण ्पोषण के मामलों की संख्या মিলনা  नहीं रही। रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कह मां ने मांगी कस्टडीः पति-्पत्नी दोनों डॉक्टर हैं। १२ लगातार बढ चुका है कि पति-्पत्नी के बीच सामान्य साल का बेटा पिता के पास रह रहा है। मां चाहती है नोक ्झोंक कि बच्चा उसके साथ रहे। मामला कोर्ट में लंबित है। कारण   नहीं अलगाव का बननी चाहिए, क्योंकि इसका सबसे बड़ा दीपक चौहान, अधिवक्ता भारकर एक्सपर्ट खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है। मां की मौत, पिता ने नाना से मांगी बेटी की कस्टडी पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन अदालत बच्चों के सर्वोत्तम हित पर ध्यान देती है। चौमूं के दंपती के बीच विवाद चल रहा था। जयपुर के पूर्व अध्यक्ष डीएस शेखावत धारा २६ के तहत बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण से राजीनामे के बाद बच्ची मां के पास थी। मां की मौत जुड़े अंतरिम आदेश देती हैं। संभव होे तो माता पिता के अनुसार वर्ष २०२० में जहां कस्टडी बातचीत से विवाद सुलझाने चाहिए ताकि बच्चों हो गई, बच्ची नाना के पास चली गई। अब पिता ने केस ६०० थे, वहीं अब इनकी संख्या कस्टडी के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है। बढ़कर १२०० हो गई है। भविष्य प्रभावित न हो। नाना सिटीएकर एक दशक में पति-्पत्नी के क्लेश तेजी से बढ़े कोर्ट में रिश्तों का हिसाब; ५ साल में केस ६०० से बढ़कर १२०० हुए, बच्चों का सवाल - हमारा क्या कसूर? माता-पिता को बच्चों से प्यार, पर उनके लिए साथ नहीं रहना चाहते संजीव शर्मा | जयपुर पिछले दशक में पति-्पत्नी के कोर्ट नेपिता को बेटे से मिलाने को कहा, मां नहीं एक पारिवारिक विवाद तेजी से बढे हैं। इसका मिला रहीः एक बैंक मैनेजर ने अस्पताल में काम करने सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है। शहर वाली पत्नी से तलाक का केस किया। 5 वर्षीय बेटे की की फैमिली कोर्ट में बच्चों की कस्टडी कस्टडी के लिए पिता की अर्जी पर कोर्ट ने मिलने की अनुमति दी, लेकिन पत्नी उसे और भरण ्पोषण के मामलों की संख्या মিলনা  नहीं रही। रही है। सुप्रीम कोर्ट भी कह मां ने मांगी कस्टडीः पति-्पत्नी दोनों डॉक्टर हैं। १२ लगातार बढ चुका है कि पति-्पत्नी के बीच सामान्य साल का बेटा पिता के पास रह रहा है। मां चाहती है नोक ्झोंक कि बच्चा उसके साथ रहे। मामला कोर्ट में लंबित है। कारण   नहीं अलगाव का बननी चाहिए, क्योंकि इसका सबसे बड़ा दीपक चौहान, अधिवक्ता भारकर एक्सपर्ट खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है। मां की मौत, पिता ने नाना से मांगी बेटी की कस्टडी पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन अदालत बच्चों के सर्वोत्तम हित पर ध्यान देती है। चौमूं के दंपती के बीच विवाद चल रहा था। जयपुर के पूर्व अध्यक्ष डीएस शेखावत धारा २६ के तहत बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण से राजीनामे के बाद बच्ची मां के पास थी। मां की मौत जुड़े अंतरिम आदेश देती हैं। संभव होे तो माता पिता के अनुसार वर्ष २०२० में जहां कस्टडी बातचीत से विवाद सुलझाने चाहिए ताकि बच्चों हो गई, बच्ची नाना के पास चली गई। अब पिता ने केस ६०० थे, वहीं अब इनकी संख्या कस्टडी के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है। बढ़कर १२०० हो गई है। भविष्य प्रभावित न हो। नाना - ShareChat
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☝ मेरे विचार - QO ত্রীভা भास्कर सवालः यात्रियों की मानसिक कै हर्जाने का हक दिलाने वाला कानून क्यों नहीं? छ जवाब में ट्रांसपोर्ट मामलों की संसदीय समिति के सदस्यों में से 9 ने कहा - पैसेंजर राइट्स एक्ट बने सांसदों ने भास्कर से कहा.. यात्रियों के हित में सुजीत ठाकुर / एम. रियाज हाशमी | नई दिल्ली  कानून बने, ताकि कंपनियां मनमानी न करें इंडिगो संकट को 7 दिन बीत चुके हैं। T हर दिन हजारों यात्रियों ने मानसिक जो एक एयरलाइंस की मोनोपॉली है एक सेक्टर पर एक ही क्लास में दो पीडा भुगती। प्रारंभिक जांच में इंडिगो সলোৎল ক ক্িযব স নভা সন उसी की वजह से यह दिक्कत है। की ' गंभीर लापरवाही ' सामने आ चुकी इसे तोड़ने की जरूरत है, ताकि सामान्य दिनों में होता है, ऐसा क्यों ? है, लेकिन अब तक कंपनी के खिलाफ डीजीसीए के नियमों का पालन सख्ती से फ्लाइट रद्द हुई तो यात्रियों को तुरंत राहत न तो कोई जुर्माना जैसा कदम उठाया हो। ऐसा होने पर भविष्य में समस्या इस क्यों नहीं मिलती। हमें ऐसा ही नया सख्त गया और न ही पीड़ित यात्रियों को तरह की नहीं होगी। नया कानून बने तो पैसेंजर राइट्स कानून चाहिए, जो बड़ी हर्जाना दिलाने की बात हो रही, क्योकि अच्छा है। राहत दे सके। इमरान प्रतापगढ़ी , देश में यात्रियों के हक सुनिश्चित करने -डॉ. भीम सिंह, भाजपा सांसद कानून अभी नहीं है। दैनिक कांग्रेस सांसद :q | [517 वाला स्पष्ट के इसी दर्द को भास्कर ने यात्रियों एक्सपर्ट विराग गुप्ता, लेकर ट्रांसपोर्ट, पर्यटन और संस्कृति आरकर एडवोकेट,  सुप्रीम कोर्ट संबंधी मामलों की संसदीय समिति के ज्यादा किराया वसूली पर कोर्ट जा सकते हैं यात्री सदस्यों से सीधा सवाल पूछा। इस पर ३१ में से 9 सदस्यों ने एकसुर में कहा कि देश को एक सख्त पैसेंजर राइट्स - क्या किराये पर अंकुश संभव है ? सख्ती से अमल नहीं हो पा रहा। २०१५ में हां है। देश में अभी हवाई सेवा का प्रमुख कानून की जरूरत है, क्योंकि यात्री के इंडिगो के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की अधिकार अभी नागरिकों की जरूरतों रेगुलेटर डीजीसीए है। किराये की निगरानी शिकायत हुई, लेकिन सीसीआई ने कार्रवाई वही करता है, लेकिन कंपटीशन कमीशन के   लिए से॰  संचालित नहीं की थी। पीड़ित व्यवित सीसीआई की गाइडलाइन होते हैं न कि कानून से। नया कानून इंडिया ( सीसीआई ) के पास भी किराये पर वेबसाइट पर ऑनलाइन या दफ्तर में सीधे की गलती से टिकट कैंसिल अंकुश व कार्रवाई का अधिकार है। कंपटीशन होयरलबंगस्जकीिगलल त्या स्लेटलत फोस्पल शिकायत कर सकता है। पीडा 7 एक्ट २००२ की धारा 4 के तहत एकाधिकार की भरपाई कैसे ? मानसिक के दुरुपयोग की स्थिति यात्रियों के अधिकार सुरक्षित करेगा। या बाजार की शक्ति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम २०१९ #57 हर्जाने का जिक्र है। एक करोड़ तक के मामले में सीसीआई किसी भी एयरलाइन पर कार्रवाई कंपनियां भी इसका उल्लंघन नहीं कर जिला आयोग और दस करोड़ तक के मामले कर सकता हे। धारा २१ के तहत वह स्वतः पाएंगी। अभी भारत में उड़ान में 2 घंटे से ज्यादा देरी हो तो कंपनी को पूरा राज्य आयोग में दर्ज होते है। शेष | पेज 7 संज्ञान भी ले सकता है। लेकिन, इस पर पैसा रिफंड देना पडता है। शेष | पेज 7 QO ত্রীভা भास्कर सवालः यात्रियों की मानसिक कै हर्जाने का हक दिलाने वाला कानून क्यों नहीं? छ जवाब में ट्रांसपोर्ट मामलों की संसदीय समिति के सदस्यों में से 9 ने कहा - पैसेंजर राइट्स एक्ट बने सांसदों ने भास्कर से कहा.. यात्रियों के हित में सुजीत ठाकुर / एम. रियाज हाशमी | नई दिल्ली  कानून बने, ताकि कंपनियां मनमानी न करें इंडिगो संकट को 7 दिन बीत चुके हैं। T हर दिन हजारों यात्रियों ने मानसिक जो एक एयरलाइंस की मोनोपॉली है एक सेक्टर पर एक ही क्लास में दो पीडा भुगती। प्रारंभिक जांच में इंडिगो সলোৎল ক ক্িযব স নভা সন उसी की वजह से यह दिक्कत है। की ' गंभीर लापरवाही ' सामने आ चुकी इसे तोड़ने की जरूरत है, ताकि सामान्य दिनों में होता है, ऐसा क्यों ? है, लेकिन अब तक कंपनी के खिलाफ डीजीसीए के नियमों का पालन सख्ती से फ्लाइट रद्द हुई तो यात्रियों को तुरंत राहत न तो कोई जुर्माना जैसा कदम उठाया हो। ऐसा होने पर भविष्य में समस्या इस क्यों नहीं मिलती। हमें ऐसा ही नया सख्त गया और न ही पीड़ित यात्रियों को तरह की नहीं होगी। नया कानून बने तो पैसेंजर राइट्स कानून चाहिए, जो बड़ी हर्जाना दिलाने की बात हो रही, क्योकि अच्छा है। राहत दे सके। इमरान प्रतापगढ़ी , देश में यात्रियों के हक सुनिश्चित करने -डॉ. भीम सिंह, भाजपा सांसद कानून अभी नहीं है। दैनिक कांग्रेस सांसद :q | [517 वाला स्पष्ट के इसी दर्द को भास्कर ने यात्रियों एक्सपर्ट विराग गुप्ता, लेकर ट्रांसपोर्ट, पर्यटन और संस्कृति आरकर एडवोकेट,  सुप्रीम कोर्ट संबंधी मामलों की संसदीय समिति के ज्यादा किराया वसूली पर कोर्ट जा सकते हैं यात्री सदस्यों से सीधा सवाल पूछा। इस पर ३१ में से 9 सदस्यों ने एकसुर में कहा कि देश को एक सख्त पैसेंजर राइट्स - क्या किराये पर अंकुश संभव है ? सख्ती से अमल नहीं हो पा रहा। २०१५ में हां है। देश में अभी हवाई सेवा का प्रमुख कानून की जरूरत है, क्योंकि यात्री के इंडिगो के खिलाफ ज्यादा किराया वसूलने की अधिकार अभी नागरिकों की जरूरतों रेगुलेटर डीजीसीए है। किराये की निगरानी शिकायत हुई, लेकिन सीसीआई ने कार्रवाई वही करता है, लेकिन कंपटीशन कमीशन के   लिए से॰  संचालित नहीं की थी। पीड़ित व्यवित सीसीआई की गाइडलाइन होते हैं न कि कानून से। नया कानून इंडिया ( सीसीआई ) के पास भी किराये पर वेबसाइट पर ऑनलाइन या दफ्तर में सीधे की गलती से टिकट कैंसिल अंकुश व कार्रवाई का अधिकार है। कंपटीशन होयरलबंगस्जकीिगलल त्या स्लेटलत फोस्पल शिकायत कर सकता है। पीडा 7 एक्ट २००२ की धारा 4 के तहत एकाधिकार की भरपाई कैसे ? मानसिक के दुरुपयोग की स्थिति यात्रियों के अधिकार सुरक्षित करेगा। या बाजार की शक्ति उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम २०१९ #57 हर्जाने का जिक्र है। एक करोड़ तक के मामले में सीसीआई किसी भी एयरलाइन पर कार्रवाई कंपनियां भी इसका उल्लंघन नहीं कर जिला आयोग और दस करोड़ तक के मामले कर सकता हे। धारा २१ के तहत वह स्वतः पाएंगी। अभी भारत में उड़ान में 2 घंटे से ज्यादा देरी हो तो कंपनी को पूरा राज्य आयोग में दर्ज होते है। शेष | पेज 7 संज्ञान भी ले सकता है। लेकिन, इस पर पैसा रिफंड देना पडता है। शेष | पेज 7 - ShareChat
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☝ मेरे विचार - पौजिटित न्यूज ढुनिया का सबसे सस्ता बायोनिक हाथ बनाया हैदराबाद | इंजीनियर प्रणव वेम्पटी की काम के सिलसिले में एक ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हुई, जिसके हाथ उसीकी | परेशानियों के बारे में जानकर प्रणव नौकरी छोड़ दुनिया का सबसे सस्ता बायोनिक हाथ बनाने #ತ್ರ೯ गए। आखिर उनकी मेहनत कामयाब हुई। डॉ. कलाम के नाम पर रखा गया यह हाथ कलार्म' ३डी -प्रिंटेड है, १८ तरह की ग्रिप देता है, इएमजी सेंसर से चलता है और 8 किलो तक वजन उठा सकता | कीमत सिर्फ ४-६ इसकी लाख रु. है। विदेशों में ऐसे 6% 25-60 6|95.ஈ$ होते हैं। जल्द ही वे २ ५ लाख रुपए कीमत वाला ' कलार्म' लॉन्च करने वाले हैं। 5- 4 पौजिटित न्यूज ढुनिया का सबसे सस्ता बायोनिक हाथ बनाया हैदराबाद | इंजीनियर प्रणव वेम्पटी की काम के सिलसिले में एक ऐसे व्यक्ति से मुलाकात हुई, जिसके हाथ उसीकी | परेशानियों के बारे में जानकर प्रणव नौकरी छोड़ दुनिया का सबसे सस्ता बायोनिक हाथ बनाने #ತ್ರ೯ गए। आखिर उनकी मेहनत कामयाब हुई। डॉ. कलाम के नाम पर रखा गया यह हाथ कलार्म' ३डी -प्रिंटेड है, १८ तरह की ग्रिप देता है, इएमजी सेंसर से चलता है और 8 किलो तक वजन उठा सकता | कीमत सिर्फ ४-६ इसकी लाख रु. है। विदेशों में ऐसे 6% 25-60 6|95.ஈ$ होते हैं। जल्द ही वे २ ५ लाख रुपए कीमत वाला ' कलार्म' लॉन्च करने वाले हैं। 5- 4 - ShareChat
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☝ मेरे विचार - 003? OCL ಸರಾಗ್ आवाज नहीं , शब्दों की शक्ति बढ़ाएं। फूल बारिश से खिलते हैं बादलों की गरज से नहीं। 003? OCL ಸರಾಗ್ आवाज नहीं , शब्दों की शक्ति बढ़ाएं। फूल बारिश से खिलते हैं बादलों की गरज से नहीं। - ShareChat
चप्पल पार्ट 6 #☝ मेरे विचार
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चप्पल पार्ट 5 #☝ मेरे विचार
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