Radhika
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#🙏 जय माँ दुर्गा 🙏
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#राधे राधे 🌺 #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏
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#👌 अच्छी सोच👍
👌 अच्छी सोच👍 - 3ೆ भायँ अनख आलसहूँ। कुभायँ नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ।। मन लगे या न लगे, नाम जपते रहो नाम अपना प्रभाव दिखाकर रहेगा | 3ೆ भायँ अनख आलसहूँ। कुभायँ नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ।। मन लगे या न लगे, नाम जपते रहो नाम अपना प्रभाव दिखाकर रहेगा | - ShareChat
#🌸 सत्य वचन #❤️जीवन की सीख #👍मोटिवेशनल कोट्स✌
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#👍मोटिवेशनल कोट्स✌ #🌸 सत्य वचन
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#जय श्री कृष्ण #🌸 सत्य वचन #❤️जीवन की सीख #👍मोटिवेशनल कोट्स✌
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#❤️जीवन की सीख #🌸 सत्य वचन
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#indian railway #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #🚩जय श्री खाटूश्याम 🙏
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#जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण - श्रीकृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं , क्रमशः चलकर उसी स्तर पर खडा होनेवाला कोई महापुरुष ही अक्षरशः बता सकेगा कि श्रीकृष्ण " ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था॰ उस समय उनके मनोगत भाव क्या थे? मनोगत समस्त भाव कहने में नहीं आते। कुछ तो कहने में आ पाते हैं, कुछ भाव-भंगिमा से व्यक्त होते हैं और शेष पर्याप्त क्रियात्मक हैं- जिन्हें कोई पथिक चलकर ही जान सकता है। श्रीकृष्ण थे, क्रमशः चलकर उसी अवस्था को प्राप्त जिस स्तर पर महापुरुष हो जानता है कि गीता क्या कहती है। वह गीता की पंक्तियाँ ही नहीं दुहराता , बल्कि उनके भावों को भी दर्शा देता है; क्योंकि जो श्रीकृष्ण के सामने था, वही उस वर्तमान महापुरुष के समक्ष भो दृश्य आपमें जागृत भी कर देगा , उस  देगाः है। इसलिये वह देखता है , दिखा  पथ पर चला भी देगा। पूज्य श्री परमहंस जी महाराज' भी उसी स्तर के महापुरुष थे। उनकी वाणी तथा अन्तःप्रेरणा से मुझे गीता का जो अर्थ मिला, उसी का संकलन यथार्थ गीता ह। स्वामी अड़गड़ानन्द श्रीकृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं , क्रमशः चलकर उसी स्तर पर खडा होनेवाला कोई महापुरुष ही अक्षरशः बता सकेगा कि श्रीकृष्ण " ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था॰ उस समय उनके मनोगत भाव क्या थे? मनोगत समस्त भाव कहने में नहीं आते। कुछ तो कहने में आ पाते हैं, कुछ भाव-भंगिमा से व्यक्त होते हैं और शेष पर्याप्त क्रियात्मक हैं- जिन्हें कोई पथिक चलकर ही जान सकता है। श्रीकृष्ण थे, क्रमशः चलकर उसी अवस्था को प्राप्त जिस स्तर पर महापुरुष हो जानता है कि गीता क्या कहती है। वह गीता की पंक्तियाँ ही नहीं दुहराता , बल्कि उनके भावों को भी दर्शा देता है; क्योंकि जो श्रीकृष्ण के सामने था, वही उस वर्तमान महापुरुष के समक्ष भो दृश्य आपमें जागृत भी कर देगा , उस  देगाः है। इसलिये वह देखता है , दिखा  पथ पर चला भी देगा। पूज्य श्री परमहंस जी महाराज' भी उसी स्तर के महापुरुष थे। उनकी वाणी तथा अन्तःप्रेरणा से मुझे गीता का जो अर्थ मिला, उसी का संकलन यथार्थ गीता ह। स्वामी अड़गड़ानन्द - ShareChat
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