#सतभक्ति संदेश
संत
अपने उद्देश्य पर अडिग रहते हैं क्योंकि वे मानव कल्याण के लिए ही जन्म लेते हैं।
- बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज
#सतभक्ति संदेश
जिसके साथ समर्थ है उसका कौन क्या बिगाड़ सकता है।
बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज
#सतभक्ति
संत रामपाल जी से #मनी_किसानों_की_दिवाली
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#सतभक्ति सन्देश
राजा हो तो ऐसा
एक बार, सुल्तान इब्राहिम बैठकर रो रहे थे। रानियों और मंत्रियों ने समझाया, पर शांत नहीं हुए। तभी, एक कुत्ता आया जिसके सर में कीड़े थे और कहा कि वह भी कभी राजा था, लेकिन अब वह अपने कर्मों का फल भुगत रहा है। कुत्ते ने अब्राहिम को चेतावनी दी कि यही दशा तेरी होगी। परिवार-राज्य मोह में अपना जीवन नष्ट कर रहा है। (यह लीला भी स्वयं परमेश्वर कबीर जी ने की थी।) यह अंतिम झटका था इब्राहिम को दलदल से निकालने का। उस रात, इब्राहिम ने अपना महल छोड़ दिया।
मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरआन
कुरआन
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कबीर परमात्मा वाणी
Param Sant Rampal Di Maharaj
कबीर. सदा दिवाली संत की. बारह मास बसंत । प्रेम रंग जिन पर चढे. उनके रंग अनंत #सतभक्ति
#सतभक्ति सन्देश
भक्ति अंकार
बदीछोड सतगुरू रामपाल जी महाराज
पूर्ण संत
से दीक्षा लेने से साधक में तुरंत आध्यात्मिक प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है, उसकी आत्मा में भक्ति का अंकुर निकल आता है।
भक्ति का अंकुर
#सतभक्ति संदेश
यम के दूत
पारख के अंग से वाणी:.
गरीब, मान बड़ाई कूकरी, डिंभ डफान करंत। जिन कै उर में ना बसौं, जम छाती तोरंत ।।१८४।। मैं उनके साथ नहीं रहता जो (डिंभ) पाखण्ड करते हैं। मान-बड़ाई की चाह रखते हैं। मान-बड़ाई तो (कुकरी) कुतिया के समान है यानि बिना इज्जत का कार्य है।
परमात्मा के दरबार में इज्जत ना रही तो वह आत्मा गली की कुतिया के समान है। जो पांखड करते हैं, अन्य को नीचा दिखाते हैं, उनकी यम के दूत छाती तोड़ते हैं यानि बुरी मार मारते हैं।
बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज
#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला
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गीता सार
अध्याय 11 का श्लोक 32
कालः, अस्मि, लोकक्षयकृत्, प्रवृद्धः, लोकान्, समाहर्तुम्, इह, प्रवृत्तः । ऋते, अपि, त्वाम्, न, भविष्यन्ति, सर्वे, ये, अवस्थिताः, प्रत्यनीकेषु, योधाः ।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा अनुवादित ।
लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ
काल हूँ।
इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिये प्रकट हुआ हूँ। इसलिये जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग हैं, तेरे युद्ध न करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा
#सतभक्ति संदेश
धार्मिक सिद्धांत
कबीर, जब जप करि के थक गए, हरि यश गावे संत । कै जिन धर्म पुराण पढ़े, ऐसो धर्म सिद्धांत ।।
यदि भक्त जाप करते-करते थक जाए तो परमात्मा की महिमा की वाणी पढ़े, यदि याद है तो गाए या अपने धर्म की पुस्तकों को पढ़े, यह धार्मिक सिद्धांत है।
बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज
#सतभक्ति संदेश
समर्थता
श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु तथा श्री महेश को क्षमा करने का अधिकार नहीं है। केवल कर्म फल ही प्रदान कर सकते हैं।
-जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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SANT RAMPAL JI













