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#ईश्वर आस्था दिवाली तो आज ही मन गई।" - बाढ़ ग्रस्त किसान सैंकड़ों एकड़ फसल डूबने के बाद, संत रामपाल जी महाराज की मोटर-पाइप राहत से किसानों को मिला नया जीवन।
ईश्वर  आस्था - हमारी दिवाली तो आज ही मन गई।" बाढ़ ग्रस्त किसान संत रामपाल जी महाराज जी की वजह से मनी किसानों की दिवाली सैंँकड़ों एकड़ फसल के बाद, पूर्ण संत डूबने रामपाल जी महाराज जी की मोटर-पाइप ব্িমানী ন্ী সিলা নমা তীপন रहत SA News Channel YOUTUBE 64 OSnllo A-hnmHo nChannol CHANNEL 1715nವnoare हमारी दिवाली तो आज ही मन गई।" बाढ़ ग्रस्त किसान संत रामपाल जी महाराज जी की वजह से मनी किसानों की दिवाली सैंँकड़ों एकड़ फसल के बाद, पूर्ण संत डूबने रामपाल जी महाराज जी की मोटर-पाइप ব্িমানী ন্ী সিলা নমা তীপন रहत SA News Channel YOUTUBE 64 OSnllo A-hnmHo nChannol CHANNEL 1715nವnoare - ShareChat
#ईश्वर आस्था की दिवाली हमारी दिवाली तो आज ही मन गई। ये कहना है हरियाणा के उन किसानों का, जिनकी सैंकड़ों एकड़ फ़सल बाढ़ में डूब चुकी थीं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गई शक्तिशाली मोटरों, हजारों फीट पाइपलाइन से किसानों में एक बार पुनः आशा की किरण जागी है।
ईश्वर  आस्था - संत रामपाल जी महाराज जी की वजह से मनी কিমানী ক্ী ন্িনালী जहाँ हरियाणा के किसानों का सब कुछ डूब गया था, वहाँ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की करोड़ों की मदद से हरियाणा के किसानों में नई फसल की उम्मीद जगी। SA News Channel YOUTUBE NEWS s @SatlokAshramNewsChannel CHANNEL 71M subscribers संत रामपाल जी महाराज जी की वजह से मनी কিমানী ক্ী ন্িনালী जहाँ हरियाणा के किसानों का सब कुछ डूब गया था, वहाँ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की करोड़ों की मदद से हरियाणा के किसानों में नई फसल की उम्मीद जगी। SA News Channel YOUTUBE NEWS s @SatlokAshramNewsChannel CHANNEL 71M subscribers - ShareChat
#ईश्वर आस्था रामपाल जी महाराज जी ने भीखेवाला (जींद) गाँव में बाढ़ पीड़ितों के लिए 30,000 फीट (8 इंची)पाइप + 8 मोटर (10 हॉर्स पावर की) + 3160 फुट तार + Full Set भेजा।
ईश्वर  आस्था - ढाणी कुम्हारान, हिसार संतरमपलजीयहाराजजीकी अद्वत रहमत बाढ़ राह्त सेवा बाढ़ पीड़ित  गाँव ढाणी कुमाहरन (हांसी, हिसार) (पहली बार मे) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से १२००० फीट (8 इंची)पाइप + १ मोटर (१५ हॉर्स पावर) + २० फुट तार + Full Set (दूसरी बार डिमांड पर) १२००० फीट (8 इंची) पाइप + 1 मोटर (१५ हॉर्स + 20 पाव फुट तार + Full Set भेजा गया संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download ক্ীসিয निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क ক্রহ ক লিব মপক মুন্ : +91 7496801823 (  Pay पुस्तक प्राप्त Google ढाणी कुम्हारान, हिसार संतरमपलजीयहाराजजीकी अद्वत रहमत बाढ़ राह्त सेवा बाढ़ पीड़ित  गाँव ढाणी कुमाहरन (हांसी, हिसार) (पहली बार मे) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से १२००० फीट (8 इंची)पाइप + १ मोटर (१५ हॉर्स पावर) + २० फुट तार + Full Set (दूसरी बार डिमांड पर) १२००० फीट (8 इंची) पाइप + 1 मोटर (१५ हॉर्स + 20 पाव फुट तार + Full Set भेजा गया संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download ক্ীসিয निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क ক্রহ ক লিব মপক মুন্ : +91 7496801823 (  Pay पुस्तक प्राप्त Google - ShareChat
#ईश्वर आस्था पीड़ित गाँव ढाणी कुमाहरन हांसी,(हिसार) (पहली बार में) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से 12,000 फीट (8 इंची)पाइप + 1 मोटर (15 हॉर्स पावर) + 20 फुट तार + Full Set (दूसरी बार demand पर) 12,000 फीट (8 इंची) पाइप + 1 मोटर (15 हॉर्स पावर) + 20 फुट तार + Full Set भेजा गया।
ईश्वर  आस्था - संत रामपाल जी महाराज जी की बाढ़ राहत सेवा ग्राम पंचायत खदड NEWS खेदड़ बाढ़ पीड़ित गाँव (हिसार) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से ४४ ,००० ५ (१५ हॉर्स पावर की मोटरें) फीट (८ इंची ) पाइप, + ७०० फुट तार + Full Set भेजा गया। SA News Channel YOUTUBE SA NEWS @SatlokAshramNewsChannel CHANNEL 71M subscribers संत रामपाल जी महाराज जी की बाढ़ राहत सेवा ग्राम पंचायत खदड NEWS खेदड़ बाढ़ पीड़ित गाँव (हिसार) को संत रामपाल जी महाराज जी की तरफ से ४४ ,००० ५ (१५ हॉर्स पावर की मोटरें) फीट (८ इंची ) पाइप, + ७०० फुट तार + Full Set भेजा गया। SA News Channel YOUTUBE SA NEWS @SatlokAshramNewsChannel CHANNEL 71M subscribers - ShareChat
#ईश्वर आस्था वाला काल कौन है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
ईश्वर  आस्था - अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
#ईश्वर आस्था #ईश्वर आस्था
ईश्वर  आस्था - पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#ईश्वर आस्था ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा:- जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
ईश्वर  आस्था - पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#ईश्वर आस्था वाला काल कौन है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
ईश्वर  आस्था - अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला Sant RampalJi YT Channelगीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा:- जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज #ईश्वर आस्था
ईश्वर  आस्था - पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी का ज्ञान किसने कहा ? 3 जानने के लिए अवश्य ज्ञान पढें पवित्र पुस्तक ज्ञान गगा [ oll =ஈ#= எர் मानव धर्म। "দুঁদিন-নিব-বুমান  धर्म एकै पृथक् ्ैन मर्म।।  SPIRITUAL LEADER 11 SANT RAMPAL JI SUPREMEGODORG  @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला Sant RampalJi YT Channel गीता वाला काल कौन है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा। #ईश्वर आस्था
ईश्वर  आस्था - अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ अध्याय 4 का श्लोक 9 जन्म कर्म च मे॰ दिव्यम् एवम् यः वेत्ति तत्त्वतः  त्यक्त्वा, देहम पुनः जन्म न एति माम् एति सः, अर्जुन।। 9|| अनुवादः ( अर्जुन) हे अर्जुन। (मे) मेरे (जन्म) जन्म (च) और ( कर्म) कर्म (दिव्यम्) दिव्य अर्थात् अलौकिक है (एवम ) इस प्रकार (यः) जो मनुष्य ( तत्त्वतः ) तत्वसे (वेत्ति) लेता है (सः ) वह ( देहम् ) शरीरको (त्यक्त्चा) त्यागकर  जान (पुनः) फिर ( जन्म) जन्मको (न एति) प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते (माम् ) मुझे ही (एति) प्राप्त होता है। (९) हिन्दीः हे अर्जुन। मेरे जन्म और कर्म दिव्य अर्थात्  अलौकिक हें इस प्रकार जो मनुष्य तत्वसे जान लेता है वह  शरीरको त्यागकर फिर जन्मको प्राप्त नहीं होता किंतु जो मुझ काल को तत्व से नहीं जानते मुझे ही प्राप्त होता है। गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया नहीं उठाऊँगा उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज # নিঃযুল্ধ পাম पवित्र पुस्तक  अपना नॉम , पूरा पता भेजें ज्ञान गगा +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI f @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat