#☝आज का ज्ञान #☝ मेरे विचार #👉 लोगों के लिए सीख👈 #✍️ जीवन में बदलाव #👫 हमारी ज़िन्दगी
#👉 लोगों के लिए सीख👈 #☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👫 हमारी ज़िन्दगी #✍️ जीवन में बदलाव
#☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #✍️ जीवन में बदलाव #👉 लोगों के लिए सीख👈 #👫 हमारी ज़िन्दगी
#☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👉 लोगों के लिए सीख👈 #✍️ जीवन में बदलाव #👫 हमारी ज़िन्दगी
#☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👉 लोगों के लिए सीख👈 #✍️ जीवन में बदलाव #👫 हमारी ज़िन्दगी
#👉 लोगों के लिए सीख👈 #☝आज का ज्ञान #☝ मेरे विचार #👫 हमारी ज़िन्दगी #✍️ जीवन में बदलाव
#👉 लोगों के लिए सीख👈 #☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👍मोटिवेशनल कोट्स✌ #✍️ जीवन में बदलाव
#☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👉 लोगों के लिए सीख👈 #✍️ जीवन में बदलाव #👫 हमारी ज़िन्दगी
रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा सा गांव था,,, 500 के लगभग वयस्क होंगे, बाकि बच्चे,बुड्ढे।
गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला सरपंच जी,सरपंच जी। सरपंच जी ने कहा”क्या हुआ मोहन ? ” सरपंच जी मुझे पता लगा है यहाँ से 8 कोस दूर हिन्दुओं ने अपना गांव खाली करना शुरू कर दिया है।
सिख भाई भी उनके साथ अमृतसर जाने की तैयारी कर रहे है। सरपंच जी ने एक लम्बी साँस ली और कहा,” मैंने कल ही रेडियो पर सुना था। महात्मा गाँधी ने कहा है कि "भारत-पाकिस्तान का विभाजन मेरी लाश पर होगा।" क्या तुम्हें उनकी बात पर भरोसा नहीं है?” मोहन बोला,” सुना तो मैंने भी है कि जवाहर लाल नेहरू ने कहा है कि हिन्दुओं आश्वस्त रहो। भारत के कभी टुकड़े नहीं होंगे। तुम लोग लाहौर और रावलपिंडी में आराम से रहो। पर जिस गांव की मैं बात कर रहा हूँ।
उस गांव पर पिछली रात को चारों और के मुसलमान दंगाइयों ने इकट्ठे होकर हमला कर दिया। उनकी संपत्ति लूट ली। दुकानों में आग लगा दी। मैंने तो यह भी सुना की किसी गरीब हिन्दू की लड़की को भी उठा कर ले गए। भय के कारण उन्होंने आज ही पलायन करना शुरू कर दिया हैं।” सरपंचजी बोले,”देखो मोहन। हम यहाँ पर सदियों से रहते आये हैं। एक साथ ईद और दिवाली बनाते आये है।
नवरात्र के व्रत और रोज़े रखते आये है। हमें डरने की कोई जरुरत नहीं है। तुम आश्वस्त रहो।” मोहन सरपंच जी की बात सुनकर चुप हो गया, मगर उसके मन में रह रहकर यह मलाल आता रहा कि सरपंच जी को कम से कम गांव के हिन्दुओं को इकट्ठा कर सावधान अवश्य करना चाहिए था। अभी दो दिन ही बीते थे।
चारों ओर के गांवों के मुसलमान चौधरी इकट्ठे होकर सरपंच से मिलने आये और बोले। हमें मुस्लिम अमन कमेटी के लिए चंदा भेजना है। आप लोग चंदा दो। न नुकर करते हुए भी सरपंच ने गांव से पचास हज़ार रुपया इकठ्ठा करवा दिया। दो दिन बाद फिर आ गए। बोले कि और दो सरपंच ने कहा कि अभी तो दिया था। बोले की, “कम पड़ गया और दो। तुमने सुना नहीं 8 कोस दूर हिन्दुओं के गांव का क्या हश्र हुआ है। तुम्हें अपनी सुरक्षा चाहिए या नहीं?” सरपंच ने इस बार भय से सत्तर हज़ार इकट्ठे कर के दिए। दो दिन बाद बलूच रेजिमेंट की लोरी आई और हिन्दुओं कक इक्कट्ठा कर सभी हथियार यहाँ तक की लाठी, तलवार सब जमा कर ले गई। बोली की यह दंगों से बचाने के लिए किया है। #☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👫 हमारी ज़िन्दगी #✍️ जीवन में बदलाव #👉 लोगों के लिए सीख👈
#☝ मेरे विचार #☝आज का ज्ञान #👉 लोगों के लिए सीख👈 #✍️ जीवन में बदलाव #👫 हमारी ज़िन्दगी












