Bhagvatsingh
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#🪔देवी चंद्रघंटा🙏 #🌞 सुप्रभात #📿तपस्या एवं जाप📿 #📝भक्ति संदेश🙏 #🌸अध्यात्म
🪔देवी चंद्रघंटा🙏 - Day3 d@dGT @ Day3 d@dGT @ - ShareChat
#🪔देवी चंद्रघंटा🙏 #🌞 सुप्रभात #🌷शुभ बुधवार 🌷 #📿तपस्या एवं जाप📿 #📝भक्ति संदेश🙏
🪔देवी चंद्रघंटा🙏 - Day 3 जय माता दी शुभ प्रभात ব@ঘনা @ मां सदा सहायते Day 3 जय माता दी शुभ प्रभात ব@ঘনা @ मां सदा सहायते - ShareChat
#🙏देवी ब्रम्हचारिणी🪔 #🌞 सुप्रभात #📿तपस्या एवं जाप📿 #📝भक्ति संदेश🙏
🙏देवी ब्रम्हचारिणी🪔 - शुभ प्रभात Da2 ब्रह्मचारिणी शुभ प्रभात Da2 ब्रह्मचारिणी - ShareChat
#🙏देवी शैलपुत्री 🪔 #🌞 सुप्रभात #🌹शुभ सोमवार #📝भक्ति संदेश🙏 #📿तपस्या एवं जाप📿
🙏देवी शैलपुत्री 🪔 - D@1 शुभ प्रभात शैलपुत्री `7995@ D@1 शुभ प्रभात शैलपुत्री `7995@ - ShareChat
#🌷शुभ रविवार #🌞 सुप्रभात #🔆Good Morning #📝भक्ति संदेश🙏
🌷शुभ रविवार - ShareChat
00:28
#🌸शुभ शुक्रवार🙏 #🌞 सुप्रभात ॐ महालक्ष्मी नमः
🌸शुभ शुक्रवार🙏 - ShareChat
00:26
#🌷शुभ बुधवार #🌞 सुप्रभात #🔆Good Morning #🌸जय श्री गणेश✨
🌷शुभ बुधवार - शुभ प्रभात जय गजानन महाराज जय रिद्धी सिद्धी के दाता शुभ प्रभात जय गजानन महाराज जय रिद्धी सिद्धी के दाता - ShareChat
#🙏🌺जय बजरंगबली🌺🙏 #🌷 शुभ मंगलवार 🌷 #🌞 सुप्रभात
🙏🌺जय बजरंगबली🌺🙏 - जय हनुमान जी शुभ प्रभात HII जय सिया राम जय हनुमान जी शुभ प्रभात HII जय सिया राम - ShareChat
#📿मातृ नवमी का श्राद्ध🪔 #🌞 सुप्रभात #🌹शुभ सोमवार
📿मातृ नवमी का श्राद्ध🪔 - नयश्री कृष्ण Dः आश्विन मास कृष्णपक्ष नवर्मीं १५ सितंबर २०२५   सोमवार नवमीं श्राद्ध शुभ सोमवार @kanera अक्षर ब्रह्मं योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय अष्टम = अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् | जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् II (५) भावार्थ : हे महाबाहु अर्जुन। परन्तु इस जड़ स्वरूप अपरा (माया) के अतिरिक्त अन्य चेतन दिव्य स्वरूप परा प्रकृति (आत्मा) को जानने का प्रयत्न कर, जिसके द्वारा प्रकृति जीव रूप से संसार का भोग किया जाता हे। (५ ) "पितृ पक्ष में गरीबों एवं जरूसतमंदों को भोजन कराएं। " गीता पढ़े, पढाएं जीवन में लाएं। पंजीयन करें joingeeta com आज का दिन शुभ एवं मंगलमय हो। नयश्री कृष्ण Dः आश्विन मास कृष्णपक्ष नवर्मीं १५ सितंबर २०२५   सोमवार नवमीं श्राद्ध शुभ सोमवार @kanera अक्षर ब्रह्मं योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय अष्टम = अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् | जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् II (५) भावार्थ : हे महाबाहु अर्जुन। परन्तु इस जड़ स्वरूप अपरा (माया) के अतिरिक्त अन्य चेतन दिव्य स्वरूप परा प्रकृति (आत्मा) को जानने का प्रयत्न कर, जिसके द्वारा प्रकृति जीव रूप से संसार का भोग किया जाता हे। (५ ) "पितृ पक्ष में गरीबों एवं जरूसतमंदों को भोजन कराएं। " गीता पढ़े, पढाएं जीवन में लाएं। पंजीयन करें joingeeta com आज का दिन शुभ एवं मंगलमय हो। - ShareChat
#🌸शुभ शुक्रवार🙏 #🔆Good Morning #🌞 सुप्रभात 🙏 जय माता दी 🙏
🌸शुभ शुक्रवार🙏 - जयःमाता दी शुभ प्रभात जयःमाता दी शुभ प्रभात - ShareChat