एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास
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एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास
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सचिव आम आदमी पार्टी भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र
#भीलवाडा_की_खबरें #⚖️भारतीय संविधान #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #💓 मोहब्बत दिल से #🔴 क्राइम अपडेट मन को स्वस्थ रखें: सत्यम् शिवम् सुन्दरम् को जीवन मंत्र बनाएं 🌼 एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास (पूर्व सदस्य, स्थाई लोक अदालत, भीलवाड़ा; वरिष्ठ विधि व्याख्याता) ने संवाद परिक्रमा में गहन चिंतन व्यक्त किया: “आत्म शक्ति से ही सिंह जंगल का राजा कहलाता है। बाकी ताकत में कौन सी कमी है... व्यास” मन की चंचलता: वैज्ञानिक तथ्य ✔️ 75,000 विचार प्रतिदिन – नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF, USA) की 2020 स्टडी के अनुसार, औसत मानव मस्तिष्क में प्रतिदिन 60,000 से 80,000 विचार आते हैं। ✔️ बार-बार आने वाले विचार ही विचारधारा बनाते हैं – हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की न्यूरोसाइंस रिसर्च (2021) में पाया गया कि repetitive neural pathways (दोहरावदार तंत्रिका पथ) आदतों व विश्वासों का आधार बनते हैं। 🧠 मन vs बुद्धि vs आत्मा: महावत का दृष्टांत “बुद्धि महावत है, मन हाथी है, आत्मा अंकुश है।” – भगवद्गीता (अध्याय 6, श्लोक 34) में श्रीकृष्ण कहते हैं: चञ्चलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवद् दृढम्। (मन चंचल, प्रबल और दृढ़ है।) ✔️ आत्म-नियंत्रण का प्रमाण: अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (APA) की 2023 स्टडी में पाया गया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन से prefrontal cortex (बुद्धि का केंद्र) सक्रिय होकर amygdala (भावनात्मक केंद्र) को नियंत्रित करता है। 🕉️ सत्यम् शिवम् सुन्दरम्: ऋग्वेद से प्रमाण सत्यं शिवं सुन्दरम् – ऋग्वेद (मण्डल 10, सूक्त 129, नासदीय सूक्त) में सत्य को ब्रह्म का स्वरूप कहा गया। “एकोऽहं बहुस्याम्” – सत्य ही एकमात्र शाश्वत है। ✅ मन को वर्तमान में रखने के 3 वैज्ञानिक उपाय माइंडफुलनेस (Mindfulness) – जामा साइकियाट्री जर्नल (2022): 8 हफ्ते की मेडिटेशन से चिंता 38% तक कम। ध्यान (Meditation) – नेचर रिव्यूज न्यूरोसाइंस (2021): ध्यान से hippocampus (स्मृति केंद्र) का आकार बढ़ता है। प्राणायाम – इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग (2023): अनुलोम-विलोम से parasympathetic nervous system सक्रिय, तनाव हार्मोन कोर्टिसोल 22% कम। 🌱 संस्कार = आदतें “मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।” – महाभारत (उद्योग पर्व) में विदुर नीति में यही संदेश। ✔️ आदत निर्माण का विज्ञान: ड्यूक यूनिवर्सिटी (2006) – 40% व्यवहार आदतों से नियंत्रित। 21 दिन का नियम (Dr. Maxwell Maltz) अब 66 दिन (लंदन यूनिवर्सिटी, 2010) में संशोधित। 💡 निष्कर्ष: मन बदलो, दुनिया बदलेगी “वर्तमान ही सत्य है। सत्य ही सुंदर है। सुंदर ही शिव है।” आज से प्रण लें: 🙏 सत्यम् शिवम् सुन्दरम् को जीवन मंत्र बनाएं। 🧘‍♂️ प्रतिदिन 10 मिनट माइंडफुलनेस करें। 🌿 सकारात्मक विचारों को दोहराएं – यही नई विचारधारा बनेगी। 📸 फोटो: श्री प्रहलाद राय व्यास जी 📖 स्रोत: संवाद परिक्रमा, NSF, Harvard, APA, ऋग्वेद, भगवद्गीता, जामा, नेचर, IJY 👉 आप भी अपने मन को वर्तमान में लाएं। कमेंट में लिखें: “सत्यम् शिवम् सुन्दरम्” #मन_को_स्वस्थ_रखें #सत्यम्शिवम्सुन्दरम् #प्रहलाद_राय_व्यास #माइंडफुलनेस #वर्तमान_में_जीएं #संवाद_परिक्रमा
भीलवाडा_की_खबरें - ত্রাক্লী आत्म शक्ति से ही सिंह | का राजा कहलाता कम ताकत मे कौन है॰व्यास ত্রাক্লী आत्म शक्ति से ही सिंह | का राजा कहलाता कम ताकत मे कौन है॰व्यास - ShareChat
🕉️ आत्म जागृति अनुष्ठान : जब दो शरीर, दो मन, एक आत्मा बन जाते हैं एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास पूर्व सदस्य, स्थायी लोक अदालत, भीलवाड़ा | ओशो जीवन शैली से प्रेरित मन और बुद्धि जब एक ही रिदम (ताल) में प्रवाहित होते हैं, तब आत्म-जागृति का अनुष्ठान संभव होता है। ध्यान ही वह पद्धति है, जिसमें शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा एक ही लय में बहने लगते हैं। जब मन ऊपर की ओर उठने लगता है — तब आत्म तत्व की पहचान शुरू होती है। नियमित ध्यान से मन स्थिर होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है, विवेक और तर्क क्षमता बढ़ती है, और आत्म तत्व के जागरण से आत्म शक्ति का विस्तार होता है। इतिहास गवाह है — अनेक साधकों ने आत्म-जागृति के अनगिनत प्रयोग किए हैं। कुछ ने तंत्र, यंत्र, मंत्र के माध्यम से, तो कुछ ने शरीर को ही अनुष्ठान का औजार बनाकर, मन और बुद्धि को एक ही धारा में प्रवाहित किया है। सभी का उद्देश्य एक ही रहा — आत्मिक चेतना के माध्यम से आत्म तत्व को पहचानना। एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास का कहना है — > "अपनी आत्मा का दिया आपको ही जलाना पड़ेगा। ध्यान कोई एक नियम नहीं — यह तो आपकी अपनी प्रकृति के अनुरूप चलने वाली पद्धति है।" आध्यात्मिकता का सार यही है — अद्वैत का स्वीकार, जहाँ न द्वंद है, न भेद। वहीं से आत्म साक्षात्कार की यात्रा शुरू होती है। #आत्मजागृति #ध्यान #ओशो #आध्यात्मिकता #अद्वैत #प्रहलादरायव्यास #भीलवाड़ा #भीलवाडा_की_खबरें #⚖️भारतीय संविधान
🪔 दीपावली: अंधकार से प्रकाश की ओर — भारतीय संस्कृति की आत्मा का पर्व ✍️ एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास पूर्व सदस्य, स्थायी लोक अदालत, भीलवाड़ा भारत के असंख्य त्यौहारों में दीपावली सबसे उज्ज्वल, सबसे प्रेरणादायक और सबसे लोकप्रिय पर्व है। यह केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि मानव जीवन में उजियारे की तलाश का प्रतीक है। दीपावली हमें बताती है कि हर अंधकार के अंत में प्रकाश का विजय गीत गूँजता है। 🏛️ ऐतिहासिक महत्व दीपावली का इतिहास मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से जुड़ा है। जब वे चौदह वर्ष के वनवास और रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे, तब नगरवासियों ने दीपों की पंक्तियाँ जलाकर उनका स्वागत किया। यह दिन न्याय, धर्म और मर्यादा की पुनर्स्थापना का प्रतीक बन गया। 📖 पौराणिक महत्व विभिन्न पुराणों में दीपावली का स्वरूप बहुवर्णी है — समुद्र मंथन से लक्ष्मीजी का प्राकट्य इसी दिन हुआ। भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया, जिससे बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश मिला। जैन धर्म में यह महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में पूज्य है। सिख धर्म में यह ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जब गुरु हरगोविंद सिंह जी ने 52 राजाओं को मुक्ति दिलाई। 🕉️ आध्यात्मिक महत्व दीपावली केवल बाह्य प्रकाश का पर्व नहीं, बल्कि आंतरिक ज्योति के जागरण का अवसर है। दीप का अर्थ है — आत्मज्ञान, सद्भाव, और सच्चाई की मशाल। यह हमें सिखाता है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, एक दीप उसे मिटा सकता है। “तमसो मा ज्योतिर्गमय” — यही दीपावली का शाश्वत संदेश है। 🛕 धार्मिक महत्व इस दिन महालक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। व्यापारी वर्ग इस दिन से नया लेखा वर्ष प्रारंभ करता है। यह पूजा हमें याद दिलाती है कि धन का अर्थ केवल वैभव नहीं, बल्कि सदुपयोग और परोपकार भी है। 🎨 सांस्कृतिक महत्व दीपावली भारतीय संस्कृति की रंगीन आत्मा है। घरों की सफाई, रंगोली, दीप सज्जा, मिठाइयाँ, पारंपरिक वस्त्र — यह सब संस्कार, सृजन और सौंदर्य का उत्सव है। यह पर्व हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और सामूहिक उल्लास का अवसर देता है। 🤝 सामाजिक महत्व दीपावली समाज में सद्भाव, एकता और करुणा का संदेश देती है। यह समय है — मनमुटाव मिटाने का गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का पर्यावरण को सुरक्षित रखने और स्वच्छता अपनाने का जब हर घर का दीप किसी और के जीवन में उजाला करे, तभी दीपावली का सच्चा अर्थ पूर्ण होता है। 🌟 निष्कर्ष दीपावली हमें सिखाती है कि अंधकार सदा के लिए नहीं होता। अंततः जीत प्रकाश, प्रेम और सत्य की ही होती है। यह पर्व हर भारतीय के मन में यह संकल्प जगाता है — > “हम स्वयं दीप बनें और समाज को आलोकित करे" – एडवोकेट प्रहलाद राय व्यास पूर्व सदस्य, स्थायी लोक अदालत, भीलवाड़ा (समाज, न्याय और जागरूकता के क्षेत्र में सक्रिय) #भीलवाडा_की_खबरें #⚖️भारतीय संविधान
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