भारतीय संविधान के निर्माता एवं संविधान के प्रारुप समिति के अध्यक्ष एवं मानवाधिकार आदोलन के प्रकांड विद्वता भारत रत्न स्व बाबा साहेब डा० भीमराव अम्बेडकर जी के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं उन्हें कोटिशः नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर जी अछूत माने जाने वाली महार जाति के थे.आप का जन्म मध्यप्रदेश के महू नामक स्थान में हुआ था.आप की माताजी का नाम श्रीमती भीमाबाई तथा पिताजी का नाम रामजी मालोजी सकपाल जी था.बचपन से ही आप को भेदभाव और सामाजिक दुराव से गुजरना पड़ा.बचपन से ही आप मेधावी छात्र थे.मेधावी छात्र होने के बाद भी आप के साथ स्कूल में भेदभाव का व्यवहार किया जाता था.इस समय छूछाछूत की समस्या भी समाज में वृहद स्तर पर थी जिससे पढ़ाई लिखाई में आप को बहुत समस्या आई लेकिन इन सब की परवाह किये बगैर आप ने अपनी स्कूली शिक्षा पुरी की.1913 ई में आप ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से ला इकोनोमिक्स और पोलिटिकल साइंस की डिग्री प्राप्त की.आप के पास कुल 32 डीग़्रीया तथा 9 भाषाओं का ज्ञान था.देश की आज़ादी के बाद आप देश के पहले कानून मंत्री बने.सन् 1990 ई में आप को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया.आप ने समाज के कमजोर तथा दबे कुचले लोगों को समान अधिकार दिलाने तथा अपना पुरा जीवन सामाजिक बुराईयों से लड़ने तथा समाज को एकजुट करने में लगा दिया.आप की समाधि स्थल का नाम चैत्य भूमि है।आप ने संविधान में हम भारतीयों को 6 अधिकार दिये ताकि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से भेदभाव न कर सके जो इस प्रकार है.(1)समानता का अधिकार (2)स्वतंत्रता का अधिकार (3)शोषण के विरुद्ध अधिकार (4)धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (5)सास्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (6)संवैधानिक उपचारों का अधिकार.आइए हम सभी भारतीय आज संकल्प लें कि हम लोग समाज में किसी से भेदभाव नही करेंगे तथा हमेशा एक भारतीय नागरिक बन के समाज को एकजुट रखेगे क्योंकि अंबेडकर जी ने कहा था कि "हम लोग शुरू से लेकर अंत तक केवल भारतीय हैं ".आज के दिन यही काम कर के हम बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं.शत् शत् नमन (6 दिसंबर 1956 ई)🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇬🇬☪🕉🇬🇪🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #अंबेडकर
46 वर्षीय सर्वेश सिंह भगतपुर टांडा ब्लॉक के जाहिदपुर सीकमपुर गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बताया कि सात अक्तूबर को उन्हें बीएलओ बनाया गया था।यूपी के मुरादाबाद स्थित भोजपुर क्षेत्र के बहेड़ी ब्रह्मनान गांव में बीएलओ सर्वेश सिंह ने आत्महत्या कर ली।पुलिस और परिजनों को मौके से सुसाइड नोट मिला है।जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह एसआईआर टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे है।रात दिन बहुत टेंशन में रहता हूं,जिसकी वजह से आत्महत्या करने को मजबूर हूं।46 वर्षीय सर्वेश सिंह भगतपुर टांडा ब्लॉक के जाहिदपुर सीकमपुर गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बताया कि सात अक्तूबर को उन्हें बीएलओ बनाया गया था।रविवार की सुबह उनका शव घर में ही फंदे पर लटका मिला है।एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने मामले की जांच की जा रही है।तानाशाही और लोकतंत्र की इस लड़ाई में मैंने लोकतंत्र चुना है.आपको भी अपना पक्ष चुनना होगा.तटस्थ होने का विकल्प नहीं बचा है.सच कहा गया है कि परिवार वाला ही परिवार वालों का दुःख समझ सकता है।इस प्रशासनिक मौत का जिम्मेदार कौन है यह सब लोग जानते हैं।“जो लोग अपना घर-परिवार बसाए नहीं,वो लोग ना तो दर्द देख सकते है और ना ही महसूस कर सकते है "
पीड़ित परिवारजनों को न्याय कैसे मिलेगा?
" जाके पाँव न फटे बिवाई,सो क्या जाने पीर पराई"😭😭दुखद😭😭 #🙌 Never Give Up #❤️सैड व्हाट्सएप स्टेटस #🌐 राष्ट्रीय अपडेट #🔴 क्राइम अपडेट #✈Last travel memories😎
भारतीय नौसेना दिवस की मैं आप सभी बहादुर भारतीय नौसैनिकों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।भारतीय नौसेना दिवस हर वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है।यह दिन भारतीय नौसेना की वीरता,समर्पण और देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में उसकी भूमिका को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी जी को भारतीय नौसेना का नया चीफ नियुक्त किया गया है।वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन जी नौसेना स्टाफ के 47वें उप प्रमुख है।नौसेना दिवस भारतीय नौसेना की शक्ति, साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है।यह दिन हमें अपनी सुरक्षा बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है।भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत मई 1972 ई में हुए एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई,जब 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।1971 ई में भारत-पाक के बीच युद्ध हुआ था।इस युद्ध में पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को भारतीय हवाई अड्डे पर हमला कर दिया।पाकिस्तानी सेना के आक्रमण हमले का जवाब देते हुए भारतीय नौसेना ने 4 और 5 दिसंबर की रात हमले की योजना बनाई और "ऑपरेशन ट्राइडेंट" को अंजाम दिया। इस दौरान सेना ने पाकिस्तानी नौसेना को भारी नुकसान पहुंचाया। इस मिशन में भारतीय नौसेना का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टणशेट्टी गोपाल राव ने किया।नौसेना की उपलब्धि और प्रयासों को स्वीकार करते हुए 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।भारतीय नौसेना दिवस न केवल भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को सम्मानित करता है,बल्कि देशवासियों को अपनी सेना के प्रति गर्व महसूस करने का भी अवसर प्रदान करता है।यह दिन हमें समुद्री सुरक्षा की आवश्यकता और नौसेना की भूमिका को समझने का मौका देता है।
जय हिन्द जय भारत🛳️🚢🫡🫡🫡🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #🙌 Never Give Up #🚢 भारतीय नौसेना दिवस👮
भारत एवं विश्व भर में प्रसिद्ध हांकी के खिलाड़ी एवं हांकी के जादूगर कहे जाने वाले पद्मभूषण से सम्मानित मेजर ध्यानचंद जी की 46वी पुण्यतिथि पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप का जन्म 29 अगस्त 1905 ई को प्रयागराज में हुआ था।मेजर ध्यानचंद जी के पिता जी का नाम समेश्वर दत्त सिंह जी तथा माता जी का नाम श्रीमती शारदा सिंह जी था।आज मेजर ध्यानचंद जी की स्मृति में भारत में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस पर मैं सभी भारत के प्रतिभावान खिलाड़ियों तथा समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।सर्वकालिक महानतम फील्ड हॉकी खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने वाले ध्यानचंद जी द्वितीय विश्व युद्ध से पहले 1928 ई से 1936 ई तक ओलंपिक में अपना दबदबा बनाने वाली दिग्गज भारतीय टीमों के ताबीज थे।आप की विरासत आप के सेवानिवृत्त होने के बाद भी जारी रही क्योंकि भारत ने 1948 ई में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता।ध्यानचंद जी के असाधारण गेंद-नियंत्रण और गोल करने की क्षमता के कारण उनकी प्रसिद्धि हॉकी से आगे भी फैली,और महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने उनके बारे में कहा था कि वे "क्रिकेट में रनों की तरह" गोल करते हैं।आप ने अपने करियर में 400 से अधिक गोल किया।हांकी भारत का राष्ट्रीय खेल भी है।2018 में इसी दिन प्रधानमंत्री जी ने खेलो इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी।आप की जयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने के अलावा,भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान - मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भी आप के नाम पर रखा गया है।आप 1921 से 1956 तक भारतीय सेना में रहे।मेजर ध्यानचंद जी का उपनाम The Magician है।आस्ट्रिया के वियना में आप की मूर्ति लगाई गई है।ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली में है।आप को 1956 ई में पद्मभूषण अवॉर्ड मिला था तथा मैं आज भारत सरकार से मांग करता हूं कि आप को जल्द भारत रत्न पुरस्कार से भी अलंकृत करें।3 दिसंबर 1979 ई को दिल्ली में आप का निधन हो गया था।शत् शत् नमन।🪙🏅⛹️♀️🏃♀️🏌️🏌️🏌️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #💐मेजर ध्यानचंद पुण्यतिथि 💐🙏🏻
दिल को दहला देने वाली विश्व की सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए सभी नागरिकों को मैं कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।भारत के मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में 2 दिसम्बर सन् 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई। इसे भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है।भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड प्लांट में 2 दिसंबर 1984 को आधी रात में मिथाइल आइसोनेट (एमआईसी) के रिसाव के कारण तत्काल 2660 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा आसपास के इलाकों में दस हजार से ज्यादा लोग शारीरिक रूप से विकलांग हो गए। पांच लाख लोग एमआईसी के रिसाव से प्रभावित हुए।भोपाल गैस त्रासदी का मुख्य कारण यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव था। इसके पीछे कई तकनीकी और प्रक्रिया संबंधी लापरवाही,जैसे कि रखरखाव में कमी और सुरक्षा नियमों का पालन न करना जिम्मेदार थे।भोपाल गैस कांड का मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन था, जो उस समय यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन (UCC) का अध्यक्ष और सीईओ था। भारतीय अधिकारियों ने उसे हत्या का आरोपी बनाया था, लेकिन वह जमानत पर रिहा होने के बाद मुकदमे का सामना करने के लिए वापस नहीं आया और भारत से भाग गया।शत् शत् नमन😭😭😭🙏 #🙌 Never Give Up #❤️सैड व्हाट्सएप स्टेटस #✈Last travel memories😎 #💔 हार्ट ब्रेक स्टेटस #🌐 राष्ट्रीय अपडेट
सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों को मैं 60 वे स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां देता हूं।
BSF एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है
इसकी स्थापना 1 दिसंबर, 1965 ई को भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद की गई थी।
केंद्र सरकार ने 1990 बैच के IPS ऑफिसर दलजीत सिंह चौधरी को सीमा सुरक्षा बल (BSF) का नया महानिदेशक नियुक्त किया है।
यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह जी हैं,जो 31 मई 2019 से इस पद पर कार्यरत हैं।
BSF अधिनियम को वर्ष,1968 ई में संसद द्वारा पारित किया गया
BSF अधिनियम,1968 ई की धारा 139 (1) (i) केंद्र सरकार को उसमें निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिए किसी भी केंद्रीय अधिनियम के संबंध में बल के सदस्यों को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने का अधिकार देती है।BSF को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित शक्तियां प्राप्त हैं -
निम्नलिखित मामलों में तलाशी और ज़ब्ती का अधिकार -
नशीले पदार्थों की तस्करी
अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी
विदेशियों का अवैध प्रवेश
किसी अन्य केंद्रीय अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध
BSF को केवल "प्रारंभिक पूछताछ" का अधिकार प्राप्त है
संदिग्ध व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर स्थानीय पुलिस को सौंपना अनिवार्य है।
भारत माता की जय।
🙏🫡🫡🇮🇳🇮🇳जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🫡🫡🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🌞 Good Morning🌞 #bsf
भारतीय सामाजिक क्रांति के जनक,महान विचारक,लेखक, दार्शनिक,महिलाओं,वंचित वर्गों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्षरत एवं अस्पृश्यता,ऊंच-नीच, वर्ण-व्यवस्था और पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था का विरोध करने वाले तथा युगों के मिथ्या पाखंड-आडंबर पर तार्किक व वैज्ञानिक सोच से गहरी चोट देने वाले महान समाज सुधारक एवं सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की 135 वी पुण्यतिथि पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप ने जो बराबरी और आपसी भाईचारे का सपना देखा था उस सपने को हम सभी संविधान को मानने वाले भारतीय संविधान की मदद से आज साकार कर रहे हैं क्योंकि हमारे देश का संविधान हम लोगों को किसी भी तरह से आपसी भाईचारा बना के रखने में मदद करता है।हमारे संविधान ने देश के हर नागरिक को समान बताया है और समानता का अधिकार भी दिया है।महात्मा फुले ने समय रहते शिक्षा के महत्व को पहचाना. उन्होंने महसूस किया कि बहुजन समाज और उनके आसपास की महिलाएं शिक्षा की कमी के कारण गुलामी में हैं.उन्होंने महिलाओं में शिक्षा का अलख जगाने का फ़ैसला लिया. महात्मा फुले जी ने महिलाओं को शिक्षित करने का कार्य क्यों किया,इस बारे में उन्होंने जो कहा, उसका विवरण कुछ इस तरह है,वे कहते हैं, ''सबसे पहले महिला स्कूल ने मेरा ध्यान खींचा.मेरे ख़्याल से महिलाओं के लिए स्कूल पुरुषों से ज़्यादा अहम थे.इस विचार के मुताबिक महात्मा फुले ने अपने सहयोगियों के साथ 1848 ई में पुणे के भिडेवाड़ा में एक लड़कियों के स्कूल की शुरुआत की.इस आधार पर उन्होंने सुझाव दिया है कि ज्ञान की कमी के चलते बहुजन समाज को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का जीवन भर सामना करना पड़ता है.उन्होंने निदान बताते हुए कहा है कि इस दुर्भाग्य की जड़ अज्ञानता है.महात्मा फुले की शिक्षा पहले एक मराठी स्कूल और फिर एक मिशनरी स्कूल में हुई.उनके पिता जी गोविंदराव जी का फूलों का व्यवसाय था.आप ने जो हम भारतीयों को भाईचारे और समानता का रास्ता दिखाया है उसी रास्ते पर चल के हमारा भारत देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है तथा देश का हर नागरिक संपन्न हो सकता है।शत् शत् नमन🙏🙏🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #👍 डर के आगे जीत👌 #ज्योतिबा फुले
हिंदी भाषा के सबसे लोकप्रिय कवि स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी की 118वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।27 नवंबर 1907 ई को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में जन्में हरिवंश राय बच्चन जी का नाम हरिवंश श्रीवास्तव था।बच्चन जी ने सीधी,सरल भाषा में अपने साहित्यिक रचना की थी। 'मधुशाला', 'आत्म परिचय' 'दिन जल्दी जल्दी ढलता है' आप की प्रसिद्ध रचनाएं हैं।आप ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के तौर पर भी काम किया था।आप को राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी नॉमिनेट किया गया था। हिन्दी कविता की साहित्य अकादमी पुरस्कार,सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी आप को नवाजा गया था।इसके साथ ही आप को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में 'पद्मभूषण' सम्मान से नवाजा गया था।
हरिवंश राय बच्चन जी को उनकी जयंती पर सादर नमन।🙏 शत् शत् नमन 🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #🌞 Good Morning🌞 #हरिवंशराय बच्चन 📖✏
स्वतंत्र भारत के प्रत्येक नागरिक को मैं 76 वे संविधान दिवस की हार्दिक बधाईयां देता हूं। भारत के प्रत्येक स्वतंत्र नागरिक आज,26 नवंबर,2025 को संविधान को अंगीकृत करने की 76 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जो अपने आप में ऐतिहासिक है।26 नवंबर, 1949 के दिन,भारतीय संविधान सभा ने औपचारिक रूप से संविधान को अंगीकृत किया और 26 जनवरी,1950 को इसे लागू किया गया,जिससे भारत को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया।भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था।
संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष डॉ.सच्चिदानंद सिन्हा जी थे,स्थायी अध्यक्ष डॉ.राजेंद्र प्रसाद जी थे जबकि प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ.भीम राव अम्बेडकर जी थे।संवैधानिक सलाहकार बी.एन.राव जी थे।
डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने कहा था कि हम लोग शुरू से लेकर अंत तक केवल भारतीय है। भारतीय नागरिकों को हमारे संविधान ने छ्ह मौलिक अधिकार दिए है जिनका हम भारतीयों को अनुसरण करना चाहिए जो इस प्रकार है:-
समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32
डॉ. बी.आर. अंबेडकर जी ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार (अनुच्छेद 32) को "संविधान का हृदय और आत्मा" कहा था।
आइए हम सभी भारतीय आज संविधान की प्रस्तावना का शपथ ले तथा संविधान के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प ले।
जय हिन्द जय भारत जय संविधान 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏 (My YouTube channel name is Praveen Yadav Basic knowledge). #🌞 Good Morning🌞 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #संविधान
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था,हम ही सो गए दास्ताँ कहते कहते। हिंदी सिनेमा के ही-मैन एवं वयोवृद्ध महान अभिनेता धर्मेंद्र जी का निधन हो गया है।ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा परिजनों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस खबर से फिल्म जगत और उनके लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर है।भारतीय फिल्मों के स्वर्णिम दौर के इस चमकते सितारे ने अपने लंबे करियर में ऐसी यादगार भूमिकाएं निभाईं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद करेंगी।
अपने लंबे करियर में धर्मेंद्र जी ने कई कालजयी फिल्मों में ऐसी भूमिकाएं निभाईं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा की दिशा और पहचान दोनों को प्रभावित किया।
‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘चुपके चुपके’, ‘आंखें’, ‘धरम वीर’, ‘यकीन’ के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक और संवेदनशील फिल्मों में भी अद्वितीय अभिनय किया — जिनमें ‘बंधन’, ‘हकीकत’, ‘सत्यकाम’, ‘गुड्डी’ जैसी क्लासिक्स विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।इन फिल्मों में उनकी अभिनय क्षमता, संवाद-अभिव्यक्ति और भावनात्मक गहराई ने उन्हें अपने दौर का सबसे विश्वसनीय कलाकार स्थापित किया।
उनके जाने से भारतीय सिनेमा ने सिर्फ़ एक महान अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक ऐसी विनम्र, प्रेरणादायक और सदाबहार शख़्सियत खो दी है, जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।
यह भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत है।
ईश्वर आप की आत्मा को शांति प्रदान करें। 🙏😭😭शत् शत् नमन😭😭🙏
#🙌 Never Give Up #✈Last travel memories😎 #💔 हार्ट ब्रेक स्टेटस #📚कविता-कहानी संग्रह #sad



