महान स्वतंत्रता सेनानी तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के नेता पंजाब केसरी स्व लाला लाजपत राय जी की 97 वी पुण्यतिथि पर मैं आप को कोटिशः नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.स्व लाला लाजपत राय जी एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे.आप ने भारतीय स्वतंत्रता आदोंलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.आप का जन्म 28 जनवरी 1865 ई को पंजाब में एक साधारण परिवार में हुआ था.आप के पिताजी स्व श्री लाला राधाकृष्ण जी एक शिक्षक थे.आप ने कुछ दिनों तक वकालत का भी काम किया लेकिन जल्द ही आप का इस काम से मन ऊब गया और आपके मन में अग्रेजो की न्यायिक व्यवस्था के प्रति आक्रोश पैदा हो गया.आप ने अपनी आजीविका चलाने के लिए बैकिंग का नवाचार किया.उस समय तक भारत में बैक बहुत लोकप्रिय नहीं थे.आप आर्यसमाज से भी जुड़े रहे.1907 ई में आप के नेतृत्व में किसानों ने आदोंलन भी किया.जलियांवाला बाग की घटना ने आप के मन में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ और असंतोष भर दिया.आप ने 1920 ई में असहयोग आदोंलन में भी भाग लिया.1924 ई में कांग्रेस से संबंध बिगड़ने के बाद आप स्वराज पार्टी में शामिल हो गये.भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक बड़ी घटना तब घटी जब गाँधीजी ने साइमन कमिशन का विरोध करने का फैसला लिया.इस आयोग का बहिष्कार किया गया था क्योंकि इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था.इस आयोग का मकसद भारत सरकार अधिनियम 1919 के कामकाज की समीक्षा करना था.साइमन जहाँ भी गया साइमन गो बैक के नारे लगे.जब आयोग 30 अक्टूबर 1928 ई को लाहौर पहुँचा तो लाला लाजपतराय जी के नेतृत्व में एक समूह साइमन गो बैंक के नारे लगाकर विरोध करने लगा उसी समय ब्रिटिश पुलिस ने आप के सिर पर प्रहार कर दिया.लाला लाजपत राय जी ने मरते मरते कुछ शब्द बोला था जो कथन है, "मेरे शरीर पर पड़ी हर लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में आखिरी कील की तरह काम करेगी".इसके बाद सिर पर चोट लगने के कारण आप की मौत हो गई.इस घटना का बदला बाद में चलकर सिख शहीद भगत सिंह जी,शहीद राजगुरु जी तथा शहीद सुखदेव जी ने लिया था जिनको इस कारण 23 मार्च 1931 ई को फासी पर लटका दिया गया था.आप का देश की आज़ादी के लिए दिया गया बलिदान हम भारतवासी हमेशा याद रखेगे.आप को पुनः हम भारतीय आप की पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.जय हिंद जय भारत.🇮🇳🇮🇳🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
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आज जनजातीय गौरव दिवस है। महान स्वतंत्रता सेनानी,जल जंगल जमीन के अधिकारों की क्रांतिकारी आवाज,जननायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप के पिताजी का नाम सुगना मुंडा जी तथा माताजी का नाम श्रीमती करमी मुंडा जी था।साल्गा गांव में प्रारम्भिक पढ़ाई करने के बाद आप चाईबासा विघालय में पढ़ाई करने चले गए।गरीबों, वंचितों एवं आदिवासी समाज के हितों के लिए धरती आबा का संघर्ष हम सबको मागदर्शन करता रहेगा।बिरसा मुंडा जी ने मुंडाओं को जल,जंगल एवं जमीन की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया।आप का पूरा आंदोलन 1895 ई से लेकर 1900 ई तक चला,इसमें भी 1899 ई दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के अंत तक आंदोलन काफी तीव्र रहा।यह आंदोलन ब्रिटिश शासन और जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ आदिवासियों के प्रतिरोध का प्रतीक था।बिरसा मुंडा जी ने आदिवासी समुदाय को संगठित किया और उन्हें ब्रिटिश शासन और जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया।आप ने आदिवासी लोगों को उनकी सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक भूमि स्वामित्व से जुड़े अधिकारों से अवगत कराया।आप का आंदोलन आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणास्त्रोत था और इसने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन को भी प्रभावित किया।इस आंदोलन में पहली गिरफ्तारी अगस्त 1895ई में हुई थी।भगवान बिरसा मुंडा जी का प्रसिद्ध नारा था "अबुआ दिशुम अबुआ राज" जिसका अर्थ है "हमारा देश हमारा राज"।भारत के आदिवासी आप को भगवान मानते हैं और आप को धरती आबा के नाम से भी जाना जाता है।1900 ई को बिरसा मुंडा जी की मृत्यु हैजे नामक बीमारी से हो गई थी।बिरसा मुंडा जी मरे नही अपितु अमर हो गए।जब जब आदिवासी विद्रोह के बारे में हम सभी बात करेंगे,बिरसा मुंडा जी का नाम प्रथम पंक्ति में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।आप का संघर्ष हम युवाओं को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।शत् शत् नमन🌳🌄🇮🇳😭🙏
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स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल लाल नेहरू जी की 136 वी जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप ने प्रधानमंत्री रहते हुए संसदीय लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्षता और विज्ञान को बढ़ावा दिया था।बच्चे आप को प्यार से चाचा नेहरू कहते थे।आप की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है।जवाहरलाल नेहरू जी ने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए,जिनमें देश के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर आधुनिक भारत की नींव रखना,संसदीय लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्षता और विज्ञान को बढ़ावा देना शामिल है।आप ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कृषि और उद्योग का विकास किया,योजना आयोग का गठन किया और आईआईटी (IITs),आईआईएम (IIMs) जैसे संस्थानों की स्थापना की।इसके अलावा,आप ने गुटनिरपेक्षता की नीति की शुरुआत की और विदेश नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।आप ने योजना आयोग का गठन किया और पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) कृषि पर केंद्रित थी,जबकि दूसरी योजना (1956-61) औद्योगिक विकास पर केंद्रित थी।आप ने भाखड़ा नंगल बांध,भिलाई और राउरकेला जैसे बड़े इस्पात संयंत्रों और बांधों के निर्माण को बढ़ावा दिया,जिन्हें "आधुनिक भारत के मंदिर" कहा जाता है।आप ने 1946 ई में संविधान सभा के उद्देश्य प्रस्ताव की अध्यक्षता की,जिसमें न्याय,स्वतंत्रता,समानता और बंधुत्व (भाईचारे) के सिद्धांतों को रेखांकित किया गया था।आप ने पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराने के लिए सैन्य कार्रवाई की,जिसके परिणामस्वरूप 1961 ई में गोवा को भारत में मिला लिया गया।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
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अमृतकाल में ये मीडिया इतना निम्न स्तर पर चला जायेगा ये किसी ने नहीं सोचा था।ख़बरें जल्दी दिखाने के चक्कर में आज का मिडिया जीवित लोगों को भी मार देता है।यह एक दिन में नहीं हुआ है।यह आयें दिन रोज होता है।जिस मिडिया को सरकार से सवाल पूछना चाहिए वो मिडिया आज जनता की समस्याओं से कोसों दूर है।हमारे देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है कि भारत देश तो स्वतंत्र है लेकिन भारत का मीडिया आज भी गुलाम है।भारत में मिडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ बोला जाता है लेकिन यह स्तम्भ लगातार धराशाही हो रहा है।हाल ही आयी विश्व प्रेस स्वतंत्रता रिपोर्ट 2025 से पता चला है कि स्वतंत्र पत्रकारिता का मामले में हमारे देश का स्थान 180 देशों की सूची में नीचे से 151 वा है।रिपोर्ट में भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर कई चिंताएं जताई गई हैं,जिनमें मीडिया पर आर्थिक दबाव,पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और राजद्रोह कानूनों का दुरुपयोग शामिल है।यह सूचकांक हर साल Reporters Without Borders (RSF) द्वारा संकलित और प्रकाशित किया जाता है।इसमें कहा गया है कि वर्तमान सरकार ने कई नए कानून पेश किए हैं जो सरकार को मीडिया को नियंत्रित करने, समाचारों को सेंसर करने और आलोचकों को चुप कराने की असाधारण शक्ति देंगे, जिनमें डेटा संरक्षण अधिनियम 2023, दूरसंचार अधिनियम 2023, मसौदा प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक और डिजिटल पर्सनल बिल 2023 शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान सरकार एवं मीडिया पर हावी होने वाले बड़े परिवारों के बीच एक शानदार तालमेल बनाने के बाद से भारत का मीडिया "अनौपचारिक आपातकाल की स्थिति" में आ गया है।
उदहारण के लिए, रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के दिग्गज मुकेश अंबानी 70 से अधिक मीडिया आउटलेट के मालिक हैं, जिन्हें कम से कम 800 मिलियन भारतीय फॉलो करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है,"जो पत्रकार सरकार के आलोचक हैं, उन्हें नियमित रूप से ऑनलाइन उत्पीड़न,धमकी,धमकियों और शारीरिक हमलों के साथ-साथ आपराधिक मुकदमों और मनमानी गिरफ्तारियों का शिकार होना पड़ता है।"
कश्मीर में भी स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है,जहां पत्रकारों को अक्सर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा परेशान किया जाता है, कुछ को कई वर्षों तक तथाकथित "अनंतिम" हिरासत में रखा जाता है।
स्वतंत्र भारत में मीडिया का स्वतंत्र न होना यह भारत के स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।😭😭दुखद😭😭
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उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी हाल में हर शिक्षण संस्थाओं में बन्दे मातरम गीत गाए जाने की जो अनिवार्यता घोषित की है
उससे मुझे व्यक्तिगत कोई आपत्ति नही है मुझे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों के गाते समय राष्ट्रप्रेम की गौरवमयी अनुभूति होती है।
लेकिन भारत के संविधान के निर्माताओं ,
(जिनमें अनेक स्वतंत्रता सेनानी देश भक्त और क़ानून के जानकार थे)ने
ऐसी किसी अनिवार्यता की बाध्यता का प्रावधान नहीं रखा है।राष्ट्रगान के गायन के समय सावधान मुद्रा में खड़े होने की परंपरा की बाध्यता है,लेकिन गाने की बाध्यता नहीं रखी है।उत्तर प्रदेश की सरकार संविधान की मूल भावना के विपरीत बहुसंख्यक वाद की कट्टर राजनीति का समर्थन करती है ।
प्रकारान्तर से बहुसंख्यक वाद की कट्टरता आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करती है,इसलिए देश हित में नहीं है।संविधान की भावना के अनुसार नहीं है सर्वोच्च न्यायालय ने कई फैसलों में कहा है कि संविधान की अनुच्छेद 19/1 (a) में सबको स्वतंत्रता है कि वह राष्ट्र गान या गीत गाए या नहीं गाये।
1986 ई के सर्वोच्च न्यायालय के बिजोए इमैनुएल/बनाम केरल सरकार वाद में स्पष्ट किया गया है कि किसी को राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।मुझे राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मुझे इस बात की आपत्ति जरुर है कि स्वतंत्र देश में कोई चीज किसी पर धोपी नहीं जानी चाहिए क्योंकि भारतीय संविधान ने हम भारतीयों को स्वतंत्रता का अधिकार दिया है जिससे के हिसाब से हम सभी कोई भी चीज करने या न करने के लिए स्वतंत्र हैं।भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का एक समूह है जो अनुच्छेद (19-22) में निहित है।यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता,जैसे कि भाषण और अभिव्यक्ति,शांतिपूर्ण सभा,संघ बनाने,आवागमन करने,निवास करने और कोई भी व्यवसाय अपनाने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳।🇮🇳वंदे मातरम्🇮🇳🙏
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महान स्वतंत्रता सेनानी,भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की 137 वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की मैं आप सभी शिक्षित भारतीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।आप एक महान विद्वान और कवि भी थे।आप को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा में शामिल किया गया था।आप को भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत रत्न से वर्ष 1992 ई में मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था।वर्ष 1930 में मौलाना आज़ाद को नमक सत्याग्रह में शामिल होने तथा नमक कानून का उल्लंघन करने के लिये गिरफ्तार किया गया।
आप को 1940 ई में फिर से कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष चुना गया तथा आप 1946 ई तक कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे।
वर्ष 1947 में आप स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री बने और वे अपनी मृत्यु तक इस पद पर बने रहे।शिक्षा मंत्री बनने के बाद आप ने 14 वर्ष से कम उम्र के सभी लोगों के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दी,साथ ही वयस्क निरक्षरता,माध्यमिक शिक्षा और गरीब एवं महिलाओं की शिक्षा पर बल दिया।
मौलाना आजाद जी के कार्यकाल में ही देश के पहले IIT, IISC एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई।आप ने संगीत नाटक अकादमी (1953), साहित्य अकादमी (1954) तथा ललित कला अकादमी (1954) की भी स्थापना की।
1989 में मौलाना आजाद जी के जन्म दिवस पर,भारत सरकार द्वारा देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ बनाया गया।शत् शत् नमन।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🫡🫡🫡📙📙📘📘📚🎒📖🙏
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🏆 चैंपियंस! 🇮🇳🔥
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को शानदार अंदाज़ में मात दी! भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाला 5वां T20 मैच बारिश के कारण हुआ रद्द।
भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की और अभिषेक शर्मा बने प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट
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भारत ने ऑस्ट्रेलिया में अपना अजेय टी20 सीरीज़ रिकॉर्ड बरकरार रखा — एक और शानदार और दमदार प्रदर्शन के लिए मैं पूरी भारतीय क्रिकेट टीम को बधाईयां देता हूं।Best wishes for future.💥🫡🫡🫡🇮🇳Chak De India 🇮🇳🏏🏏🏏🙏 #👍 डर के आगे जीत👌 #🥰मोटिवेशन वीडियो #🙌 Never Give Up #🌞 Good Morning🌞 #cricket
आज ही की तारीख में 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी।नोटबंदी के कई नुकसान हुए जिनमें आर्थिक अस्थिरता,छोटे व्यवसायों और कृषि क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव,नकदी की कमी, बेरोजगारी और आम लोगों को भारी असुविधा शामिल थे।इसके कारण छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को विशेष रूप से नुकसान हुआ,जिनका अधिकांश कारोबार नकदी में होता था।अचानक नकदी की उपलब्धता कम होने से लोग और व्यवसायों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है,क्योंकि डिजिटल लेनदेन सभी के लिए सुलभ नहीं था।नोटबंदी के कारण जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आई है, जिससे अर्थव्यवस्था की रिकवरी में लंबा समय लगा।उद्योगों को हुए नुकसान के कारण, लाखों लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं।लोगों को बैंकों के बाहर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा, जिससे दैनिक जीवन के काम जैसे शादी-ब्याह और इलाज भी प्रभावित हुए।नोटबंदी का सबसे बुरा असर ग्रामीण और अनौपचारिक अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ा, जो नकदी लेनदेन पर अधिक निर्भर हैं।नकदी की कमी के कारण कुछ लोगों की मौतें भी हुई, क्योंकि वे अपना इलाज या अन्य जरूरी खर्च नहीं कर सके।नोटबंदी से काले धन पर उतना अंकुश नहीं लगा जितना अपेक्षित था, क्योंकि काला धन रखने वाले लोगों ने उसे अन्य तरीकों से जमा कर लिया।भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार,नोटबंदी के बाद जाली नोटों के मामलों में कमी नहीं आई,और कुछ नए नोटों के जाली संस्करण भी सामने आए।रिपोर्ट में आरबीआई ने बताया है कि नोटबंदी के बाद चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में से लगभग 99 फ़ीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं.रिपोर्ट के मुताबिक,बंद किए गए नोटों में 15.44 लाख करोड़ में से 15.28 लाख करोड़ वापस आ गए हैं जो कुल अनुमानित आंकड़े का लगभग 99 फ़ीसदी है.इस नोटबंदी में करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई जो दिखाता है कि यह एक बिना सोचे समझे लिया गया फैसला था।नोटबंदी के नुकसानों में आर्थिक व्यवधान,बेरोजगारी में वृद्धि, नकदी की कमी के कारण आम जनता के लिए भारी असुविधा और छोटे व्यवसायों का ठप्प होना शामिल है।नोटबंदी हम भारतीयों के लिए अभिशाप थी।😭😭दुखद😭😭 #🙌 Never Give Up #🥰मोटिवेशन वीडियो #👍 डर के आगे जीत👌 #✈Last travel memories😎 #💔 हार्ट ब्रेक स्टेटस
महान भौतिकी विज्ञानी डॉ. सी. वी. रमन जी (चंद्रशेखर वेंकट रमन) की 137 वी जयंती पर मैं उन्हे कोटिश: नमन तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।आप एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे जिनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु में हुआ था।आप ने 1930 ई में प्रकाश के प्रकीर्णन पर अपने "रमन प्रभाव" की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीता और वे नोबेल जीतने वाले पहले एशियाई थे।आप ने 1928 ई में इस खोज को पूरा किया था और रमन प्रभाव के कारण हर साल 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।इस दिन रमन इफैक्ट नाम की वैज्ञानिक खोज हुई थी जिसकी खोज महान वैज्ञानिक सर सी वी रमन जी ने किया था जो प्रकाश की फोटोन थ्योरी से जुड़ी एक अहम खोज थी जिसकी पूरी दुनिया लोहा मानती है इसलिए आप को नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.आप का जन्म मद्रास में हुआ था.इस खोज के लिए 1930 ई में आप को नोबेल पुरस्कार मिला था.रमन इफैक्ट नाम की खोज आप ने एक यात्रा के दौरान की थी.ऐसा बोला जाता है कि एक बार आप पानी के जहाज से आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने ब्रिटेन जा रहे थे तभी आप के दिमाग में आया कि पानी का रंग नीला क्यों है?यात्रा की वापसी के दौरान आप अपने साथ कुछ उपकरण ले कर आये और आप ने इस पर अध्ययन किया इस दौरान आप ने पाया कि जब सूर्य की किरणें किसी पारदर्शी चीज से होकर गुजरती है तो उसका कुछ हिस्सा विभाजित हो जाता है इसलिए समुद्र का रंग नीला होता है.🔬🔬🔬🔬🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏My YouTube channel name is (Praveen Yadav Basic Knowledge). Please follow and subscribe my YouTube channel my sweet students.Thanks to all of you...✍️🐢🦚🔬🩻🩺
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दो युग,एक सपना — आसमान को छूने का!
2006 में मिसाइल मैन राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने सुखोई-30 MKI में उड़ान भरकर इतिहास रचा था — एक वैज्ञानिक का सपना,जो आसमान में जाकर सच हुआ और अब 2025 में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरते हुए नई ऊँचाइयों को छू लिया।यह सिर्फ उड़ान नहीं,बल्कि भारत की शक्ति,नारी सम्मान और आधुनिक वायुशक्ति का प्रतीक है।
दोनों तस्वीरें साथ दिखाती हैं — समय बदलता है, लेकिन देश के सपने,हौसले और आसमान को जीतने का जुनून वही रहता है।महामहिम राष्ट्रपति जी ने अनगिनत महिलाओं और बेटियों को अपनी इस उपलब्धि से प्रेरित किया है।उम्मीद है आप के इस प्रेरणादायक कदम से अनगिनत महिलाएं और बेटियां सबक लेकर आगे बढ़ेंगी।आप ने यह साबित कर दिया है कि भारत की बेटियां आज किसी से कम नहीं है।आप की इस उपलब्धि पर पूरा देश गर्वान्वित है।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
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