##करवाचौथ_की_सच्चाई लोगों का मानना है कि पत्नी के करवा चौथ का व्रत रखने से उसके पति की लंबी आयु हो जाती है। जबकि सच्चाई तो यह है कि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने को मना किया गया है। जिससे यह गीता विरुद्ध मनमाना आचरण है और गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार इससे कोई लाभ नहीं होगाl
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
##करवाचौथ_की_सच्चाई लोगों का मानना है कि पत्नी के करवा चौथ का व्रत रखने से उसके पति की लंबी आयु हो जाती है। जबकि सच्चाई तो यह है कि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने को मना किया गया है। जिससे यह गीता विरुद्ध मनमाना आचरण है और गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार इससे कोई लाभ नहीं होगाl
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##करवाचौथ_की_सच्चाई करवा चौथ व्रत का असली सत्य
गुरुग्रंथ साहिब, राग गोंड, पृष्ठ 873 पर कबीर साहेब जी ने कहा है:
छोडहि अन्नु करहि पाखंड। ना सोहागनि ना ओहि रंड।।
अर्थात जो महिलायें अन्न का त्यागकर व्रत रूपी पाखंड करती हैं। वह न तो सुखी दुल्हन होगी और न ही सुखी विधवा होगी। अब आप स्वयं विचार करें करवा चौथ व्रत रखने से क्या होगा
##करवाचौथ_की_सच्चाई कबीर साखी के अध्याय अथ आनदेव के अंग की वाणी 4 व 5 में कबीर साहेब ने करवा चौथ के विषय में कहा है:
राम नाम को छाड़ि कै, करै आन की आस।
कहै कबीर ता दास का, होवे नरक में वास।।
राम नाम को छाड़ि कै, राखै करवा चौथ।
सो तो होगी सूकरी, तिन्हें राम सो कौथ।।
##करवाचौथ_की_सच्चाई व्रत से नहीं, सतभक्ति से बढ़ती है उम्र!
करवा चौथ व्रत रखने से आयु नहीं बढ़ सकती। क्योंकि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने को मना किया गया है। जबकि सामवेद मंत्र संख्या 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में भी लिखा है कि कविर्देव अपने शास्त्र अनुकूल साधक की आयु बढ़ा देता है।
##करवाचौथ_की_सच्चाई व्रत से नहीं, सतभक्ति से बढ़ती है उम्र!
गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने को मना किया गया है। यानि करवा चौथ व्रत से आयु नहीं बढ़ सकती। जबकि सामवेद मंत्र संख्या 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में भी लिखा है कि कविर्देव अपने विधिवत साधक की आयु बढ़ा देता है।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
##करवाचौथ_की_सच्चाई संत गरीबदास जी कृत अमरग्रन्थ के अध्याय पारख के अंग की वाणी नं. 1052 व 1054 में लिखा है:
करैं एकादशी संजम सोई, करवा चौथ गदहरी होई।
आठैं सातैं करैं कंदूरी, सो तो जन्म धारें सूरी।।
कहे जो करूवा चौथि कहानी, तास गदहरी निश्चय जानी।
अर्थात जो करवा चौथ का व्रत रखते हैं या उसकी कथा सुनाते हैं वे गधा बनते हैं।
##करवाचौथ_की_सच्चाई संत गरीबदास जी कृत अमरग्रन्थ के अध्याय अथ मूल ज्ञान की वाणी 62 में कहा गया है:
गरीब, प्रथम अन्न जल संयम राखै, योग युक्त सब सतगुरू भाखै।
अर्थात अन्न तथा जल को सीमित खावै, न अधिक और न ही कम, यह शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना है। इसी का समर्थन गीता अध्याय 6 श्लोक 16 करता है जिसमें कहा है कि ये भक्ति न ही अत्यधिक खाने वाले की और न बिल्कुल न खाने वाले अर्थात् व्रत रखने वाले की सिद्ध होती है।