एक बार राजा नें एक पुल बनवाया। उससे कुछ लोगों को दिक्कत थी। तो राजा ने एक बॉक्स रखवा दिया कि जिसको भी कोई दिक्कत है वो एक पर्ची पर लिखकर बक्से में डाल दे। लेकिन किसी नें कोई विरोध नहीं किया।
पुल बनकर तैयार हो गया। फिर राजा ने सोचा कि क्यों न इस पर चलने वाले के लिए कोई टैक्स लगा दिया जाए..?
और राजा ने टैक्स लगाने से पहले फिर एक डब्बा रखवा दिया कि जिसको भी विरोध हो वो पर्ची पर लिखकर डब्बे में डाल दे। लेकिन फिर भी किसी नें विरोध नहीं किया। राजा को बड़ी चिंता हुई कि जनता किसी चीज का विरोध ही नहीं कर रही।
फिर राजा नें पुल पर एक आदमी बैठा दिया और वहां से गुजरने वाले को दो दो जूते मारने का आदेश दे दिया। और फिर एक डब्बा रखवा दिया कि जूते मारने का किसी को कोई विरोध है तो एक पर्ची पर विरोध दर्ज करके डब्बे में डाल दे।
आखिर एक आदमी नें पर्ची डालकर विरोध जता दिया।
राजा बड़ा खुश हुआ कि कोई तो मर्द आदमी निकला जिसने विरोध किया और उसने अपनें एक आदमी को भेजकर दरबार में बुलाया कि उसका क्या विरोध है।
जब वो आदमी दरबार में हाजिर हुआ तो उससे पूछा कि बताओ आप क्या चाहते हो..?
तो उस आदमी ने कहा कि जूते मारने वाले आदमियों की संख्या बढ़ा दीजिए। हम काम पर जाने के लिए लेट हो जाते हैं .... #😵टाइम पास #😛 व्यंग्य 😛 #😜 मीम्स अड्डा #😄 हँसिये और हँसाइये 😃 group 😂😂😂