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#🙏गीता ज्ञान🛕 #👏भगवान विष्णु की अद्भुत लीला😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गुरु महिमा😇
🙏गीता ज्ञान🛕 - !! ओम नमो नारायणाय !! सब छल छाँड़िकै , कीजै राम सनेह तुलसी अंतर पति सों है कहा , जिन देखी सब देह गोस्वामी जी कहते हैं कि सब छलकपटों को छोड़ कर भगवान् की सच्चे हृदय से भक्ति करो, उस पति से भला क्या भेदभाव है जिसने सारे शरीर को देखा हुआ है। भाव यह कि जैसे पति अपनी पत्नी के सारे शरीर के रहस्यों को जानता है वैसे ही प्रभु सारे जीवों के सब कर्मों को जानते है। दोहावली, गोस्वामी तुलसीदासजी  !! ओम नमो नारायणाय !! सब छल छाँड़िकै , कीजै राम सनेह तुलसी अंतर पति सों है कहा , जिन देखी सब देह गोस्वामी जी कहते हैं कि सब छलकपटों को छोड़ कर भगवान् की सच्चे हृदय से भक्ति करो, उस पति से भला क्या भेदभाव है जिसने सारे शरीर को देखा हुआ है। भाव यह कि जैसे पति अपनी पत्नी के सारे शरीर के रहस्यों को जानता है वैसे ही प्रभु सारे जीवों के सब कर्मों को जानते है। दोहावली, गोस्वामी तुलसीदासजी - ShareChat
#🙏गुरु महिमा😇 #👏भगवान विष्णु की अद्भुत लीला😇 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏गुरु महिमा😇 - HAR @s ಞI"Iತ जग   जननि  जानकी | जनकसुता গনিয়য় প্রিয় কহ্ধননিখান M ताकॅ जुग पद कमल मनावउ। जासु कृपा निरमल मति पावउ || भावार्थः- राजा जनक की पुत्री, जगत् की माता और करुणा निधान श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री जानकीजी के दोनों चरण कमलों को मैं मनाता हूँ, जिनकी कृपा से निर्मल बुद्धि पाऊँ |l HAR @s ಞI"Iತ जग   जननि  जानकी | जनकसुता গনিয়য় প্রিয় কহ্ধননিখান M ताकॅ जुग पद कमल मनावउ। जासु कृपा निरमल मति पावउ || भावार्थः- राजा जनक की पुत्री, जगत् की माता और करुणा निधान श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री जानकीजी के दोनों चरण कमलों को मैं मनाता हूँ, जिनकी कृपा से निर्मल बुद्धि पाऊँ |l - ShareChat
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🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - श्री हरि शरणम् HARI  KRIPA चौपई ]] Hari_Nripa उमा कहउ मै अनुभव अपना सत हरि भजनु जिगत सच सपना मैं तुम्हें अपना अनुभव कहता हूँ हे उमा भावार्थ हरि का भजन ही सत्य है, यह सारा जगत तो स्वप्न भाँति झूठा है श्री हरि शरणम् HARI  KRIPA चौपई ]] Hari_Nripa उमा कहउ मै अनुभव अपना सत हरि भजनु जिगत सच सपना मैं तुम्हें अपना अनुभव कहता हूँ हे उमा भावार्थ हरि का भजन ही सत्य है, यह सारा जगत तो स्वप्न भाँति झूठा है - ShareChat
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🙏गुरु महिमा😇 - || মীনাযাম || जिन्ह कर नामु लेत जग सकल अमंगल मूल नसाहीं Il  माहीं [ करतल होहिं पदारथ चारी। तेइ सिय रामु कहेउ कामारी Il  जिनका नाम लेते ही जगत् में सारे अमंगलों की जड़ कट जाती है और चारों पदार्थ ( अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष) मुट्ठी में आ जाते हैं, ये वही जगत के माता-पिता सीताराम हैं | || মীনাযাম || जिन्ह कर नामु लेत जग सकल अमंगल मूल नसाहीं Il  माहीं [ करतल होहिं पदारथ चारी। तेइ सिय रामु कहेउ कामारी Il  जिनका नाम लेते ही जगत् में सारे अमंगलों की जड़ कट जाती है और चारों पदार्थ ( अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष) मुट्ठी में आ जाते हैं, ये वही जगत के माता-पिता सीताराम हैं | - ShareChat
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🙏गीता ज्ञान🛕 - हरि शरणं onO नारायण बृजचन्द्र जिन्हें न भावै राम पद, ते नर जीवहि माया | जिन लोगों को राम के चरण प्रिय नहीं लगते, वे मायामोह में फंसकर जीवन बिताते हैं | HTTPS:IIwWW FACEBOQKCOMISHARE Ill I: . WWIIainslagram com pramod singh Jadiv ?igsh= NKxZD McWMINzFy hBB3AXTWPB/ हरि शरणं onO नारायण बृजचन्द्र जिन्हें न भावै राम पद, ते नर जीवहि माया | जिन लोगों को राम के चरण प्रिय नहीं लगते, वे मायामोह में फंसकर जीवन बिताते हैं | HTTPS:IIwWW FACEBOQKCOMISHARE Ill I: . WWIIainslagram com pramod singh Jadiv ?igsh= NKxZD McWMINzFy hBB3AXTWPB/ - ShareChat
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🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - ARI DAAS రౌసౌ नाथ एक बर मागउँ राम कृपा करि देहु। जन्म जन्म प्रभु पद कमल कबहुँ घटै जनि नेहु।l भावार्थ मैं आपसे एक & লাথ ! & সী হানলী _ वर माँगता हूँ॰ कृपा करके दीजिए। प्रभु (आप) के चरण कमलों में मेरा प्रेम जन्म-्जन्मांतर में भी কপ্ী ল ঘঠ || ARI DAAS రౌసౌ नाथ एक बर मागउँ राम कृपा करि देहु। जन्म जन्म प्रभु पद कमल कबहुँ घटै जनि नेहु।l भावार्थ मैं आपसे एक & লাথ ! & সী হানলী _ वर माँगता हूँ॰ कृपा करके दीजिए। प्रभु (आप) के चरण कमलों में मेरा प्रेम जन्म-्जन्मांतर में भी কপ্ী ল ঘঠ || - ShareChat
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🙏गीता ज्ञान🛕 - !! ओम नमो नारायणाय !! కి भायँ कुभायँ अनख आलस दसहूँ नाम जपत मंगल दिसि अच्छे भाव ।प्रेम) से॰ बुरे भाव (बैर) से॰ क्रोध से या आलस्य से॰ किसी तरह से भी नाम जपने से दसों दिशाओं में कल्याण होता है अर्थात भगवान का नाम कैसे भी जपा जाय वह सब प्रकार से कल्याण करने वाला होता है। !! ओम नमो नारायणाय !! కి भायँ कुभायँ अनख आलस दसहूँ नाम जपत मंगल दिसि अच्छे भाव ।प्रेम) से॰ बुरे भाव (बैर) से॰ क्रोध से या आलस्य से॰ किसी तरह से भी नाम जपने से दसों दिशाओं में कल्याण होता है अर्थात भगवान का नाम कैसे भी जपा जाय वह सब प्रकार से कल्याण करने वाला होता है। - ShareChat
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🙏गुरु महिमा😇 - HARI DAAS दौपााई जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी II भावार्थ संकट से घबराए हुए भक्त जब नाम जपते हैं तो उनके बड़े-बड़े संकट दूर हो जाते & 311 ಕ ಕ8ೆ ಣ uld & Il HARI DAAS दौपााई जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी II भावार्थ संकट से घबराए हुए भक्त जब नाम जपते हैं तो उनके बड़े-बड़े संकट दूर हो जाते & 311 ಕ ಕ8ೆ ಣ uld & Il - ShareChat
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🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - !! ओम नमो नारायणाय !! एहिं कलिकाल न साधन दूजा जोग जग्य जप तप सुमिरिअ गाइअ रामहि, संतत ब्रत पूजा , रामहि राम गुन ग्रामहि সুনিও तुलसीदासजी कहते हैं कि इस कलिकाल में योग, यज्ञ, जप, तप, व्रत और पूजन आदि कोई दूसरा साधन नहीं है। बस, श्री रामजी ही स्मरण करना, श्री रामजी का ही गुण गाना और निरंतर श्री CT रामजी के ही गुणसमूहों को सुनना चाहिए !! ओम नमो नारायणाय !! एहिं कलिकाल न साधन दूजा जोग जग्य जप तप सुमिरिअ गाइअ रामहि, संतत ब्रत पूजा , रामहि राम गुन ग्रामहि সুনিও तुलसीदासजी कहते हैं कि इस कलिकाल में योग, यज्ञ, जप, तप, व्रत और पूजन आदि कोई दूसरा साधन नहीं है। बस, श्री रामजी ही स्मरण करना, श्री रामजी का ही गुण गाना और निरंतर श्री CT रामजी के ही गुणसमूहों को सुनना चाहिए - ShareChat
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🙏गीता ज्ञान🛕 - ऊँ श्री परमात्मने नमः जिन्ह हरिभगति हृदयँ नहिं आनी। जीवत सव समान तेइ प्रानी|] जो नहिं करइ राम गुन गाना। जीह सो दादुर जीह समाना।| भावार्थ- जिन्होंने भगवान की भक्ति को अपने हृदय में स्थान नहीं दिया, वे प्राणी जीते हुए ही मुर्दे के समान हैं। जो जीभ राम के का गान नहीं करती, वह ju #6$ की जीभ के समान है। LIKESHAREFOLLOW LUCKYVERMA ऊँ श्री परमात्मने नमः जिन्ह हरिभगति हृदयँ नहिं आनी। जीवत सव समान तेइ प्रानी|] जो नहिं करइ राम गुन गाना। जीह सो दादुर जीह समाना।| भावार्थ- जिन्होंने भगवान की भक्ति को अपने हृदय में स्थान नहीं दिया, वे प्राणी जीते हुए ही मुर्दे के समान हैं। जो जीभ राम के का गान नहीं करती, वह ju #6$ की जीभ के समान है। LIKESHAREFOLLOW LUCKYVERMA - ShareChat