... Acharya Rajesh kumar
ShareChat
click to see wallet page
@astrorajesh
astrorajesh
... Acharya Rajesh kumar
@astrorajesh
I Love ShareChat
#🪔दीपावली कोट्स✍️ भला जमाना था पूर्वज देवी देवताओं के नाम पर बच्चों का नाम रखते थे हनुमान प्रसाद, कृष्ण प्रसाद, रामलाल, कृष्ण कांत, भैरव सिंह, शंकर, शंभू, गणेश इत्यादि लड़कियों के नाम सरस्वती, दुर्गा, लक्ष्मी, तब ये देव गुण बच्चों में कहीं न कहीं आ ही जाते थे ज़ब से नाम का पाश्चात्यकरण हुआ तब से एस्ट्रोलॉजी अंक पर आधारित होने लगी मतलब उल्टा कदम उठा कर मुसीबत मोल ही ली अब आगे A लगा दो पीछे D लगा दो बीच में K लगा दो बच्चा शैतान नहीं होगा बच्चा पढ़ाई कर लेगा बच्चा डॉक्टर इंजिनियर बन जायेगा धरती का वातावरण दैवीय है ओर नाम दूसरी संस्कृति के रखे तो भारतीय धरती क्यों ध्यान रखेगी मसलन घर के सदस्य को छोड़ बाहर वाले को महत्व देंगे तो घर वाले नाराज तो होंगे ही यही कहानी प्रकृति की है जहाँ जैसा वातावरण वहाँ वैसे नाम ओर काम ही रास आएंगे इसलिये मै तो यही कहूंगा कि नाम जितना वातावरण अनुसार ओर बडा होगा उतना ही अच्छा होगा कुछ विद्वान सिर्फ नाम से ही जीवन सुधारने का दावा करते है वो भी अंग्रेजी वर्णमाला अनुसार ग्रह गोचर नक्षत्र दशा पंचांग का उनकी नजरों में कोई महत्व नहीं मै यह नहीं कहता कि अंको का महत्व नहीं है लेकिन सिर्फ ABCD आगे पीछे करने मात्र से किस्मत बदल जाये ऐसा सम्भव नहीं है मेरा मानना है कि ग्रह गोचर देखने के बाद जो सबसे शुभ ग्रह कुंडली में है उसके अनुसार अंक निर्धारित करके नाम रख लिया जाये तो ज्यादा बेहतर है जैसे सूर्य शुभ है या किस्मत का ग्रह है तो टोटल एक, मंगल के लिये 9 शनी के लिये 8 चंद्र के लिये 2 बुध के लिये 5 गुरु 3 राहु 4 केतु 7 शुक्र 6 रख लिया जाये पहले नाम बदलने की जरूरत इसलिये नहीं थी क्योंकि ईश्वरीय शक्ति पर आधारित नाम हुआ करते थे तो कहीं न कहीं आशीर्वाद भी बना रहता था अब अर्थहीन नाम अर्थहीन काम वाली बात है ओर अब तो वैदिक मंत्र भारतीय संस्कृति को छोड़ मंत्र भी विदेशी बताने लगे एक महिला आचार्य बता रही थी कि पति के पैर छूने चाहिये लेकिन सामने बैठी महिला कह रही थी कि पत्नी क्यों छूये पति को भी पत्नी के पैर छूने चाहिये अब उसको कैसे बताएं कि जो विधाता नें लिंग भेद किया है उसको तो हम चुनौती नहीं दे सकते ईश्वर नें आदमी को विष्णु स्वरूप माना है स्त्री को लक्ष्मी स्वरूप माना है आदमी कमा कर लाता है इसलिये उसको पालनहार का दर्जा दिया है ओर स्त्री घर को संभालती है उसको स्वर्ग बनाती है इसलिये लक्ष्मी स्वरूप माना है आज बराबर कमा रही है ये अच्छी बात है लेकिन ग्रंथो में कहीं जिक्र नहीं कि देवताओं नें पत्नी के पैर छुये हो यहीं समझ लीजिये कि भारतीय संस्कृति क्या थी ओर क्या बनती जा रही है 🙏 #🌞 Good Morning🌞 #🙏जय माता दी📿 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏कर्म क्या है❓
#🌸गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं🏔️ उम्र के साथ उत्सवधर्मिता से उत्साह कम महसूस करने लगा हूँ मगर दीपावाली है जो मुझे आज भी जाने के बाद दुःखी करती है कि अब तुम फिर एक साल बाद आओगी । हर नए साल के कैलेंडर में सबसे पहले दीवाली किस माह में है देखकर हम कहते है "इस साल दीवाली जल्दी ही हो जाएगी। अक्टूबर में हो रही है / इस साल दीवाली नवम्बर की है।" जाती दीवाली थोड़ा सा अवसाद भी लाती है। अहसास कराती है हर साल धरती पर घटती उम्र का । हालांकि दीवाली अवसर है रिश्तों में गर्मी बनाए रखने का, प्रण है खुद को नए लक्ष्य देने का, विश्वास है इस धारणा को बरकरार रखने का कि जो हो रहा है, अच्छे के लिए है । ईश्वर सभी को सद्बुद्धि और सम्पन्नता दे । "शुभ दीवाली" #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️सितारों की चाल🌠 #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞
#🌑कार्तिक अमावस्या🌘 #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞 #✡️सितारों की चाल🌠 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
🌑कार्तिक अमावस्या🌘 - Acharya Rajesh Kumar आपको और आपके परिवार को दीपावनी राम राम जी maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 Acharya Rajesh Kumar आपको और आपके परिवार को दीपावनी राम राम जी maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 - ShareChat
#🪔हैप्पी दिवाली🕯️ #😎मोटिवेशनल गुरु🤘 #👍 सफलता के मंत्र ✔️ #🙏 माँ वैष्णो देवी #🙏शाम की आरती🪔
🪔हैप्पी दिवाली🕯️ - ShareChat
00:10
#🌺नरक चतुर्दशी📿 #🙏राम राम जी #🙏 श्री राम #🙏जय माता दी📿 #🙏गुरु महिमा😇
🌺नरक चतुर्दशी📿 - ShareChat
00:49
#🪔दिवाली Coming Soon⌛ वर्ष 2025 में दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाने का कारण यह है कि लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण 'प्रदोष काल' और 'निशीथ काल' 20 अक्टूबर की शाम को ही पड़ रहा है, जबकि 21 अक्टूबर को यह नहीं है। अमावस्या तिथि की गणना दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस साल, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त दीपावली पर लक्ष्मी पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में की जाती है। चूँकि 20 अक्टूबर को सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या शुरू हो जाएगी, इसलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह सबसे उपयुक्त दिन है। 21 अक्टूबर को दीपावली न मनाने का कारण चूँकि 21 अक्टूबर को अमावस्या का समय शाम को समाप्त हो रहा है, इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ प्रदोष काल नहीं मिलेगा। इसी वजह से ज्यादातर ज्योतिषियों और पंचांगों के अनुसार 20 अक्टूबर को दीपावली मनाना उचित है। अन्य कारक अलग-अलग स्थानों के पंचांगों और ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर कभी-कभी तिथियों को लेकर थोड़ा भ्रम हो सकता है। लेकिन, मुख्य नियम यह है कि जब भी अमावस्या तिथि प्रदोष काल में पड़े, उसी दिन दीपावली मनाई जाती है। इसी कारण अधिकांश विद्वानों ने 20 अक्टूबर की तिथि पर सहमति जताई #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞 #🙏 श्री राम #🙏राम राम जी
#🪙हैप्पी धनतेरस🛍️ #🙏राम राम जी #🙏 श्री राम #🌞 Good Morning🌞 #🙏जय माता दी📿
🪙हैप्पी धनतेरस🛍️ - ShareChat
00:55
#🌸शुभ शुक्रवार🙏 सूफी फकीर हसन जब मरा। उससे किसी ने पूछा कि तेरे गुरु कितने थे? उसने कहाः गिनाना बहुत मुश्किल होगा। क्योंकि इतने-इतने गुरु थे कि मैं तुम्हें कहां गिनाऊंगा! गांव-गांव मेेरे गुरु फैले हैं। जिससे मैंने सीखा, वही मेरा गुरु है। जहां मेरा सिर झुका, वहीं मेरा गुरु।’ फिर भी जिद्द की लोगों ने कि कुछ तो कहो, तो उसने कहा, ‘तुम मानते नहीं, इसलिए सुनो। पहला गुरु था मेरा–एक चोर।’ वे तो लोग बहुत चौंके, उन्होंने कहाः चोर? कहते क्या हो! होश में हो। मरते वक्त कहीं एैसा तो नहीं कि दिमाग गड़बड़ा गया है! चोर और गुरु?’ उसने कहाः हां, चोर और गुरु। मैं एक गांव में आधी रात पहुंचा। रास्ता भटक गया था। सब लोग सो गए थे, एक चोर ही जग रहा था। वह अपनी तैयारी कर रहा था जाने की। वह घर से निकल ही रहा था। मैंने उससे कहाः ‘भाई, अब मैं कहां जाऊं? रात आधी हो गई। दरवाजे सब बंद हैं। धर्मशालाएं भी बंद हो गईं। किसको जगाऊ नींद से? तू मुझे रात ठहरने देगा?’ उसने कहाः ‘स्वागत आपका।’ ‘लेकिन’, उसने कहाः ‘एक बात मैं जाहिर कर दूं मैं चोर हूं। मैं आदमी अच्छे घर का नहीं हूं। तुम अजनबी मालूम पड़ते हो। इस गांव में कोई आदमी मेरे घर में नहीं आना चाहेगा। मैं दूसरों के घर में जाता हूं, तो लोग नहीं घुसने देते। मेेरे घर तो कौन आएगा? मुझे भी रात अंधेरे में जब लोग सो जात हैं, तब उनके घरों में जाना पड़ता हैं। और मेरे घर के पास से लोग बच कर निकलते हैं। मैं जाहिर चोर हूं। इस गांव का जो नवाब है, वह भी मुझसे डरता और कंपता है। पुलिसवाले थक आते हैं। तुम अपने हाथ आ रहे हो! मैं तुम्हें वचन नहीं देता। रात-बेरात लूट लूं! तो तुम जानो। ’ हसन ने कहा कि मैंने इतना सच्चा और ईमानदार आदमी कभी देखा ही नहीं था, जो खुद कहे कि मैं चोर हूं! और सावधान कर दे। यह तो साधु का लक्षण है। तो रुक गया। हसन ने कहा कि मैं रुकूंगा। तू मुझे लूट ही लेे, तो मुझे खुशी होगी। सुबह-सुबह चोर वापस लौटा। हसन ने दरवाजा खोला। पूछाः ‘कुछ मिला?’ उसने कहाः ‘आज तो नहीं मिला, लेकिन फिर रात कोशिश करूंगा।’ ऐसा, हसन ने कहा, एक महीने तक मैं उसके घर रुका, और एक महीने तक उसे कभी कुछ न मिला। वह रोज शाम जाता, उसी उत्साह उसी उमंग से–औैर रोज सुबह जब मैं पूछता–कुछ मिला भाई? तो वह कहता, अभी तो नहीं मिला। लेकिन क्या है, मिलेगा। आज नहीं तो कल नहीं तो परसों। कोशिश जारी रहनी चाहिए। तो हसन ने कहा कि जब मैं परमात्मा की तलाश में गांव-गांव, जंगल-जंगल भटकता था और रोज हार जाता था, और रोज-रोज सोचता था कि है भी ईश्वर या नहीं, तब मुझे उस चोर की याद आती थी,कि वह चोर साधारण संपत्ति चुराने चला था; मैं परमात्मा को चुराने चला हूं। मैं परम संपत्ति का अधिकारी बनने चला हूं। उस चोर के मन में कभी निराशा न आई; मेरे भी निराशा का कोई कारण नहीं है। ऐसे मैं लगा ही रहा। इस चोर ने मुझे बचाया; नहीं तो मैं कई दफा भाग गया होता, छोड़ कर यह सब खोज। तो जिस दिन मुझे परमात्मा मिला, मैंने पहला धन्यवाद अपने उस चोर-गुरु को दिया। तब तो लोग उत्सुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘कुछ और कहो; इसके पहले कि तुम विदा हो जाओ। यह तो बड़ी आश्चर्य की बात तुमने कही; बड़ी सार्थक भी। उसने कहाः और एक दूसरे गांव में ऐसा हुआ; मैं गांव में प्रवेश किया। एक छोटा सा बच्चा, हाथ में दीया लिए जा रहा था किसी मजार पर चढ़ाने को। मैंने उससे पूछा कि ‘बेटे, दीया तूने ही जलाया? उसने कहा, ‘हां, मैंने ही जलाया।’ तो मैंने उससे कहा कि ‘मुझे यह बता, यह रोशनी कहां से आती है? तूने ही जलाया। तूने यह रोशनी आते देखी? यह कहां से आती हैं?’ मैं सिर्फ मजाक कर रहा था–हसन ने कहा। छोटा बच्चा, प्यारा बच्चा था; मैं उसे थोड़ी पहेली में डालना चाहता था। लेकिन उसने बड़ी झंझट कर दी। उसने फूंक मार कर दीया बुझा दिया, और कहा कि सुनो, तुमने देखा; ज्योति चली गई; कहां चली गई? मुझे झुक कर उसके पैर छूने पड़े। मैं सोचता था, वह बच्चा है, वह मेरा अहंकार था। मैं सोचता था, मैं उसे उलझा दंूगा, वह मेरा अहंकार था। उसने मुझे उलझा दिया। उसने मेरे सामने एक प्रश्न-चिह्न खड़ा कर दिया। ऐसे हसन ने अपने गुरुओं की कहानियां कहीं। तीसरा गुरु हसन ने कहा, एक कुत्ता था। मैं बैठा था एक नदी के किनारे–हसन ने कहा–और एक कुत्ता आया, प्यास से तड़फड़ाता। धूप घनी है, मरुस्थल है। नदी के किनारे तो आया, लेकिन जैसे उसने झांक कर देखा, उसे दूसरा कुत्ता दिखाई पड़ा पानी में, तो वह डर गया। तो वह पीछे हट गया। प्यास खींचे पानी की तरफ; भय खींचे पानी के विपरीत। जब भी जाए, नदी के पास, तो अपनी झलक दिखाई पड़े; घबड़ा जाए। पीछे लौट आए। मगर रुक भी न सके पीछे, क्योंकि प्यास तड़फा रही है। पसीना-पसीना हो रहा है। उसका कंठ दिखाई पड़ रहा है कि सूखा जा रहा है। और मैं बैठा देखता रहा। देखता रहा। फिर उसने हिम्मत की और एक छलांग लगा दी–आंख बंद करके कूद ही गया पानी में। फिर दिल खोल कर पानी पीया, और दिल खोल कर नहाया। कूदते ही वह जो पानी में तस्वीर बनती थी, मिट गई। हसन ने कहा, ऐसी ही हालत मेरी रही। परमात्मा में झांक-झांक कर देखता था, डर-डर जाता था। अपना ही अहंकार वहां दिखाई पड़ता था, वही मुझे डरा देता था। लौट-लौट आता। लेकिन प्यास भी गहरी थी। उस कुत्ते की याद करता; उस कुत्ते की याद करता; सोचता। एक दिन छलांग मार दी; कूद ही गया; सब मिट गया। मैं भी मिट गया; अहंकार की छाया बनती थी, वह भी मिट गई; खूब दिल भर के पीया। कहै कबीर मैं पूरा पाया #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞 #🙏 श्री राम #🙏राम राम जी
🌸शुभ शुक्रवार🙏 - 9 Grok 9 Grok - ShareChat
#🆕 ताजा अपडेट #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞 #🚀SC बूस्ट के साथ Views को सुपरचार्ज करें #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
🆕 ताजा अपडेट - 66 कभी किसी पे आंख बंद करके भरोसा न करे. क्योंकि ये दुनिया इतनी भी अच्छी नहीं की॰. आपके भरोसे को कायम रख सके !! maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 66 कभी किसी पे आंख बंद करके भरोसा न करे. क्योंकि ये दुनिया इतनी भी अच्छी नहीं की॰. आपके भरोसे को कायम रख सके !! maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 - ShareChat