बिहार एग्ज़िट पोल के बाद हालत ऐसी हो गई है कि अब बहाना भी कौन-सा बनाया जाए। कल तक हर तरह का नाटक आज़मा लिया—कभी ईवीएम पर आरोप, कभी वोट चोरी की कहानी, कभी जलेबी तलाने की नौटंकी, तो कभी खेत-खलिहान में पसीना बहाने का दिखावा। मछली पकड़ना, मखाना बनाना, नाव चलाना… जो-जो करने से सहानुभूति मिल सकती थी, सब कर लिया गया। लेकिन जब जनता ने साफ़ संकेत दे दिया कि वे ड्रामों से नहीं, काम से तय करेंगी—तब अब कहने को बचा ही क्या है?
राजनीति में जनता को समझना सबसे बड़ा हुनर है, और जब जनता ही समझ जाए कि सब दिखावा है, तो फिर नाटक कितने भी बड़े हों, असर नहीं होता। एग्ज़िट पोल के बाद बौखलाहट साफ़ दिख रही है—अब बहाना भी नहीं बन पा रहा और आरोप भी नहीं टिक रहे।
Disclaimer: यह पोस्ट केवल सोशल मीडिया चर्चाओं पर आधारित व्यंग्यात्मक सामग्री है।
#📢13 नवंबर के अपडेट 🗞️ #🆕 ताजा अपडेट #📢बिहार विधानसभा चुनाव 2025 #💪🏻मेरा वोट मेरा अधिकार👆🏻 #📢 ताज़ा खबर 🗞️