Divyansh Garg
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भक्ति पथ धारा
#😊कृष्ण कथाएं #🌸 जय श्री कृष्ण😇 #🙏 राधा रानी #🌸 बोलो राधे राधे #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏
😊कृष्ण कथाएं - Gopashtakam Gau Sewa Sansthan Gிரிசர்qal करके सुखी होना चाहते ह्ैं उनका विनाश निश्चित है। Gopashtakam Gau Sewa Sansthan Gிரிசர்qal करके सुखी होना चाहते ह्ैं उनका विनाश निश्चित है। - ShareChat
#🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 #🌸 बोलो राधे राधे #🙏 राधा रानी #🌸 जय श्री कृष्ण😇 #😊कृष्ण कथाएं
🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 - श्रीराधासर्वेश्वरो विजयते भगवननिंबार्काचार्य नम प्ग्ुर्बिदा ज्ाना दादपजै॰ ग्रुल्तबिन सिलै द ख८० निंबार्क गुल्तशरुण याहौ, स्ाफल ह्वौयसब कााम" गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता, गुरु के बिना राम नहीं मिलते। निम्बार्क गुरु की शरण ग्रहण करो, तभी सभी कार्य सफल होंगे। श्रीराधासर्वेश्वरो विजयते भगवननिंबार्काचार्य नम प्ग्ुर्बिदा ज्ाना दादपजै॰ ग्रुल्तबिन सिलै द ख८० निंबार्क गुल्तशरुण याहौ, स्ाफल ह्वौयसब कााम" गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता, गुरु के बिना राम नहीं मिलते। निम्बार्क गुरु की शरण ग्रहण करो, तभी सभी कार्य सफल होंगे। - ShareChat
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😊कृष्ण कथाएं - GOD GOD & ONLY GOD हमारे मन में छिपा कपट प्रभु को बड़ा अप्रिय लगता है | .bhaktivichar.in WWW. Chapter no 13, Serial no 017 GOD GOD & ONLY GOD हमारे मन में छिपा कपट प्रभु को बड़ा अप्रिय लगता है | .bhaktivichar.in WWW. Chapter no 13, Serial no 017 - ShareChat
#🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 #🌸 बोलो राधे राधे #🙏 राधा रानी #🌸 जय श्री कृष्ण😇 #😊कृष्ण कथाएं
🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 - IlefleR:II| यदि कभी किसी जीवको तुम्हारे द्वारा कुछ भी कष्ट पहुँच जाय तो उससे क्षमा माँगो , अभिमान छोड़कर उसके सामने हाथ जोड़कर उससे दया-भिक्षा चाहो, हजार आदमियों के सामने भी अपना अपराध स्वीकार करनेमें संकोच न करो,उसकी सेवा करके अपने प्रति उसके हृदयमें सहानुभूति और प्रेम उत्पन्न कराओ। (आनन्द की लहरे , पृष्ठ संख्या - २०) पूज्य भाईजी हनुमानप्रसादजी पोद्दार IlefleR:II| यदि कभी किसी जीवको तुम्हारे द्वारा कुछ भी कष्ट पहुँच जाय तो उससे क्षमा माँगो , अभिमान छोड़कर उसके सामने हाथ जोड़कर उससे दया-भिक्षा चाहो, हजार आदमियों के सामने भी अपना अपराध स्वीकार करनेमें संकोच न करो,उसकी सेवा करके अपने प्रति उसके हृदयमें सहानुभूति और प्रेम उत्पन्न कराओ। (आनन्द की लहरे , पृष्ठ संख्या - २०) पूज्य भाईजी हनुमानप्रसादजी पोद्दार - ShareChat
एक समय की बात है, जब किशोरी जी को यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाते है तो उन्हें बहुत बुरा लगा.. उन्होंने कृष्ण को चोरी छोड़ देने का बहुत आग्रह किया। पर जब ठाकुर जी अपनी माँ की नहीं सुनते तो अपनी प्रियतमा की कहा से सुनते। उन्होंने माखन चोरी की अपनी लीला को जारी रखा। एक दिन राधा रानी ठाकुर को सबक सिखाने के लिए उनसे रूठ गयी। अनेक दिन बीत गए पर वो कृष्ण से मिलने नहीं आई। जब कृष्णा उन्हें मनाने गया तो वहां भी उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। तो अपनी राधा को मनाने के लिए इस लीलाधर को एक लीला सूझी। ब्रज में लील्या गोदने वाली स्त्री को लालिहारण कहा जाता है। तो कृष्ण घूंघट ओढ़ कर एक लालिहारण का भेष बनाकर बरसाने की गलियों में पुकार करते हुए घूमने लगे। जब वो बरसाने, राधा रानी की ऊंची अटरिया के नीचे आये तो आवाज़ देने लगे। मै दूर गाँव से आई हूँ, देख तुम्हारी ऊंची अटारी, दीदार की मैं प्यासी, दर्शन दो वृषभानु दुलारी। हाथ जोड़ विनंती करूँ, अर्ज मान लो हमारी, आपकी गलिन गुहार करूँ, लील्या गुदवा लो प्यारी।। जब किशोरी जी ने यह आवाज सुनी तो तुरंत विशाखा सखी को भेजा और उस लालिहारण को बुलाने के लिए कहा। घूंघट में अपने मुँह को छिपाते हुए कृष्ण किशोरी जी के सामने पहुंचे और उनका हाथ पकड़ कर बोले कि कहो सुकमारी तुम्हारे हाथ पे किसका नाम लिखूं। तो किशोरी जी ने उत्तर दिया कि केवल हाथ पर नहीं मुझे तो पूरे श्री अंग पर लील्या गुदवाना है और क्या लिखवाना है, किशोरी जी बता रही हैं। *माथे पे मदन मोहन, पलकों पे पीताम्बर धारी* *नासिका पे नटवर, कपोलों पे कृष्ण मुरारी* *अधरों पे अच्युत, गर्दन पे गोवर्धन धारी* *कानो में केशव, भृकटी पे चार भुजा धारी* *छाती पे छलिया, और कमर पे कन्हैया* *जंघाओं पे जनार्दन, उदर पे ऊखल बंधैया* *गुदाओं पर ग्वाल, नाभि पे नाग नथैया* *बाहों पे लिख बनवारी, हथेली पे हलधर के भैया* *नखों पे लिख नारायण, पैरों पे जग पालनहारी* *चरणों में चोर चित का, मन में मोर मुकट धारी* *नैनो में तू गोद दे, नंदनंदन की सूरत प्यारी और* *रोम रोम पे लिख दे मेरे, रसिया रास बिहारी* जब ठाकुर जी ने सुना कि राधा अपने रोम रोम पर मेरा नाम लिखवाना चाहती है, तो ख़ुशी से बौरा गए प्रभू उन्हें अपनी सुध न रही, वो भूल गए कि वो एक लालिहारण के वेश में बरसाने के महल में राधा के सामने ही बैठे हैं। वो खड़े होकर जोर जोर से नाचने लगे। उनके इस व्यवहार से किशोरी जी को बड़ा आश्चर्य हुआ की इस लालिहारण को क्या हो गया। .....और तभी उनका घूंघट गिर गया और ललिता सखी को उनकी सांवरी सूरत का दर्शन हो गया और वो जोर से बोल उठी कि अरे….. ये तो बांके बिहारी ही है। अपने प्रेम के इज़हार पर किशोरी जी बहुत लज्जित हो गयी और अब उनके पास कन्हैया को क्षमा करने के आलावा कोई रास्ता न था। ठाकुर जी भी किशोरी का अपने प्रति अपार प्रेम जानकर गदगद् और भाव विभोर हो गए। जय जय श्री राधे❤️🙏 लाडली लाल की जय❤️🙏 #😊कृष्ण कथाएं #🌸 जय श्री कृष्ण😇 #🙏 राधा रानी #🌸 बोलो राधे राधे #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏
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🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 - IlsflfR:Il यत्र गावः प्रसन्नाः स्युः प्रसन्नास्तत्र सम्पदः | स्युर्विषण्णास्तत्र संपदः Il  यत्र गावो विषण्णाः अर्थात जहां गायें प्रसन्न रहती हैं वहां समस्त सम्पदाएं प्रसन्न होकर प्राप्त रहती हैं और जहां रहती हैं वहां संपदाएं गायें சி होकर சி लुप्त हो जाती हैं।  साधक - सर्जवनी (१८/४४) वर्तमानमें भी अकाल, अनावृष्टि, भूकम्प आपसी कलह आदि के होने में गायोंकी हत्या मुख्य कारण है। अतः अपनी पूरी शक्ति लगाकर हर हालतमें गायोंकी रक्षा करना, उनको कत्लखानोंमें जाने স্ত্াসী্ীয से रोकना हमारा परम कर्तव्य है।  श्रीराममसु ख्रद्देस महाराज IlsflfR:Il यत्र गावः प्रसन्नाः स्युः प्रसन्नास्तत्र सम्पदः | स्युर्विषण्णास्तत्र संपदः Il  यत्र गावो विषण्णाः अर्थात जहां गायें प्रसन्न रहती हैं वहां समस्त सम्पदाएं प्रसन्न होकर प्राप्त रहती हैं और जहां रहती हैं वहां संपदाएं गायें சி होकर சி लुप्त हो जाती हैं।  साधक - सर्जवनी (१८/४४) वर्तमानमें भी अकाल, अनावृष्टि, भूकम्प आपसी कलह आदि के होने में गायोंकी हत्या मुख्य कारण है। अतः अपनी पूरी शक्ति लगाकर हर हालतमें गायोंकी रक्षा करना, उनको कत्लखानोंमें जाने স্ত্াসী্ীয से रोकना हमारा परम कर्तव्य है।  श्रीराममसु ख्रद्देस महाराज - ShareChat
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😊कृष्ण कथाएं - II ऊँ श्रीपरमात्मने नमः Il भगवान् श्रीकृष्ण ही सर्वोपरि पूर्ण परमात्मा हैं।वे ही समग्र परमात्मा हैं। उनके अन्तर्गत ही सगुण - निराकार और निर्गुण - निराकार आ जाते हैं अतः इनका प्रेम प्राप्त करना ही मनुष्यका परम पुरुषार्थ है। परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज साधक संजीवनी ८| १६ से II ऊँ श्रीपरमात्मने नमः Il भगवान् श्रीकृष्ण ही सर्वोपरि पूर्ण परमात्मा हैं।वे ही समग्र परमात्मा हैं। उनके अन्तर्गत ही सगुण - निराकार और निर्गुण - निराकार आ जाते हैं अतः इनका प्रेम प्राप्त करना ही मनुष्यका परम पुरुषार्थ है। परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज साधक संजीवनी ८| १६ से - ShareChat
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🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 - भगवान राम की कथा जहाँ हो वहाँ हनुमान जी अवश्य आते हैं है वहाँ गोविन्द और जहाँ गौमाता  रहती थते ही आते भगवान राम की कथा जहाँ हो वहाँ हनुमान जी अवश्य आते हैं है वहाँ गोविन्द और जहाँ गौमाता  रहती थते ही आते - ShareChat
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😊कृष्ण कथाएं - GOD GOD & ONLY GOD कितना छल, कपट, हमें प्रतिकार अपमान, पीड़ा़, वेदना, कष्ट , क्लेश, संताप, दुःख अभाव संसारसे मिलता है पर फिर भी हम प्रभु के सन्मुख प्रभु को नहीं बल्कि संसार जाकर को ही मांगते हैं | यहहमार कितना बड़ा दुर्भाग्य है न iomakevicharL WWWE Chapter no 13 Serial 7o 016 GOD GOD & ONLY GOD कितना छल, कपट, हमें प्रतिकार अपमान, पीड़ा़, वेदना, कष्ट , क्लेश, संताप, दुःख अभाव संसारसे मिलता है पर फिर भी हम प्रभु के सन्मुख प्रभु को नहीं बल्कि संसार जाकर को ही मांगते हैं | यहहमार कितना बड़ा दुर्भाग्य है न iomakevicharL WWWE Chapter no 13 Serial 7o 016 - ShareChat
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🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 - GOD GOD & ONLY GOD लिए মনধ ৯র सदैव प्रभु के हृदय में करुणा की उठती रहती लहरें ೯ | bhaktivicharin WWW Chapter no 13, Serial no 014 GOD GOD & ONLY GOD लिए মনধ ৯র सदैव प्रभु के हृदय में करुणा की उठती रहती लहरें ೯ | bhaktivicharin WWW Chapter no 13, Serial no 014 - ShareChat