Gopal Kaneria
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#🌷शुभ रविवार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🌷शुभ रविवार - नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष अष्टमी २८ दिसम्बर २०२५ शुभ रविवार श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय दशम विभूति योग गीता ज्ञान महर्षयः सप्त पूर्वे चत्वारौ मनवस्तथा मद्ावा मानसा जाता येषां लोक इमाः प्रजाः (೯) Il भावार्थ : सातों महान ऋषि और उनसे भी पहले उत्पन्न होने वाले चारों सनकादि कुमारों तथा स्वयंभू  मनु आदि यह सभी मेरे मन की इच्छा-्शक्ति से उत्पन्न हुए हैं॰ संसार के सभी लोकों के समस्त जीव इन्ही की ही सन्ताने है। (६) भाभो गीता पढे पढाए जीवननै लाए। आाज ही पंजीपन कराए joingeetacom] णआपका दिन शु् HucH STI" एर्व नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष अष्टमी २८ दिसम्बर २०२५ शुभ रविवार श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय दशम विभूति योग गीता ज्ञान महर्षयः सप्त पूर्वे चत्वारौ मनवस्तथा मद्ावा मानसा जाता येषां लोक इमाः प्रजाः (೯) Il भावार्थ : सातों महान ऋषि और उनसे भी पहले उत्पन्न होने वाले चारों सनकादि कुमारों तथा स्वयंभू  मनु आदि यह सभी मेरे मन की इच्छा-्शक्ति से उत्पन्न हुए हैं॰ संसार के सभी लोकों के समस्त जीव इन्ही की ही सन्ताने है। (६) भाभो गीता पढे पढाए जीवननै लाए। आाज ही पंजीपन कराए joingeetacom] णआपका दिन शु् HucH STI" एर्व - ShareChat
#🪔शुभ शनिवार🙏 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🪔शुभ शनिवार🙏 - नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष सप्तमी २७ दिसंबर २०२५ ೩೪ ೩Fಿa श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय दशम विभूति योग गीता ज्ञान बुद्धि्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः सुखं दुःखं भवोडभावो भयं चाभयमेव च II (४) तुष्टिस्तपो दानं यशोड्यशः अहिंसा समता भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः Il संशय को मिटाने वाली बुद्धि॰ मोह से मुक्ति दिलाने वाला ज्ञान, क्षमा भावार्थ का भाव, सत्य का आचरण, इंद्रियों का नियन्त्रण, मन की स्थिरता, सुखनदुःख अनुभूति, जन्म॰्मृत्यु का कारण, भय-्अभय की चिन्ता, अहिंसा का भाव, की समानता का भाव, संतुष्ट होने का स्वभाव, तपस्या की शक्ति, दानशीलता का भाव और यश-्अपयश की प्राप्ति में जो भी कारण होते हैं यह सभी چ ಗತ್ತದ ही उत्पन्न होते हैं। (४-५) अनेकों प्रकार के भाव मुझसे भाभो गीता पढे पढाए जीवन ने लाए। भाज ही पंजीपन कराए joingeetacom] णआपका दिन शु् 4T44 &t1" ರಕಕೆ नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष सप्तमी २७ दिसंबर २०२५ ೩೪ ೩Fಿa श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय दशम विभूति योग गीता ज्ञान बुद्धि्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः सुखं दुःखं भवोडभावो भयं चाभयमेव च II (४) तुष्टिस्तपो दानं यशोड्यशः अहिंसा समता भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः Il संशय को मिटाने वाली बुद्धि॰ मोह से मुक्ति दिलाने वाला ज्ञान, क्षमा भावार्थ का भाव, सत्य का आचरण, इंद्रियों का नियन्त्रण, मन की स्थिरता, सुखनदुःख अनुभूति, जन्म॰्मृत्यु का कारण, भय-्अभय की चिन्ता, अहिंसा का भाव, की समानता का भाव, संतुष्ट होने का स्वभाव, तपस्या की शक्ति, दानशीलता का भाव और यश-्अपयश की प्राप्ति में जो भी कारण होते हैं यह सभी چ ಗತ್ತದ ही उत्पन्न होते हैं। (४-५) अनेकों प्रकार के भाव मुझसे भाभो गीता पढे पढाए जीवन ने लाए। भाज ही पंजीपन कराए joingeetacom] णआपका दिन शु् 4T44 &t1" ರಕಕೆ - ShareChat
#🌸शुभ शुक्रवार🙏 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🌸शुभ शुक्रवार🙏 - नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष षष्ठी २६ दिसम्बर २०२५ शुभ शुक्रवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय दशम विभूति योग मामजमनार्दिँ च वैत्ति लौकमहैश्वरमू | था असम्मूढः स मर्त्येषु सर्वपापैः प्रमुच्यतै Il (३) भावार्थ : जो मनुष्य मुझे जन्म ्मृत्यु रहित, आदि-अंत और सभी लोकों का महान ईश्वरीय रूप को जान रहि॰ जाता है, वह मृत्यु को प्राप्त होने वाला मनुष्य मोह से मुक्त होकर सभी पापों से मुक्त हो जाता है। (३) भाभो गीता पढे, पढाए जीवनने लाए। आाज ही पंजीपन कराए joingeetacom | णआपका दिन शु् মঁফলমত্র ফী০" ga नयश्री कृष्ण फ पौष मास शुक्लपक्ष षष्ठी २६ दिसम्बर २०२५ शुभ शुक्रवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय दशम विभूति योग मामजमनार्दिँ च वैत्ति लौकमहैश्वरमू | था असम्मूढः स मर्त्येषु सर्वपापैः प्रमुच्यतै Il (३) भावार्थ : जो मनुष्य मुझे जन्म ्मृत्यु रहित, आदि-अंत और सभी लोकों का महान ईश्वरीय रूप को जान रहि॰ जाता है, वह मृत्यु को प्राप्त होने वाला मनुष्य मोह से मुक्त होकर सभी पापों से मुक्त हो जाता है। (३) भाभो गीता पढे, पढाए जीवनने लाए। आाज ही पंजीपन कराए joingeetacom | णआपका दिन शु् মঁফলমত্র ফী০" ga - ShareChat
#🌷शुभ गुरुवार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🌷शुभ गुरुवार - नयश्री कृष्ण फ पौष माह शुक्लपक्ष पंचमीं २५ दिसंबर २०२५ शुभ गुरुवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय दशम विभूति योग विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ন মী अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः (२) 11 मेरे ऐश्वर्य के प्रभाव को न तो कोई भावार्थ देवतागण जानते हैं और न ही कोई महान ऋषिगण ही जानते हैं, क्योंकि मैं ही सभी प्रकार से देवताओं और महर्षियों को उत्पन्न करने वाला हूँ। (२) ಇತಟರ ಣರ್ಣಿ್ಪಣಿಔತಾಡರತರೇ3 कोजन्ख् दिवस् ٥٥٤٤٦٥ [] भाभो गीता पढे पढाए जीवन नें लाए। भाज ही पंजीपन कराएं joingeetacom| णआपका दिन शुभ 4A4 8t1" एव नयश्री कृष्ण फ पौष माह शुक्लपक्ष पंचमीं २५ दिसंबर २०२५ शुभ गुरुवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय दशम विभूति योग विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ন মী अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः (२) 11 मेरे ऐश्वर्य के प्रभाव को न तो कोई भावार्थ देवतागण जानते हैं और न ही कोई महान ऋषिगण ही जानते हैं, क्योंकि मैं ही सभी प्रकार से देवताओं और महर्षियों को उत्पन्न करने वाला हूँ। (२) ಇತಟರ ಣರ್ಣಿ್ಪಣಿಔತಾಡರತರೇ3 कोजन्ख् दिवस् ٥٥٤٤٦٥ [] भाभो गीता पढे पढाए जीवन नें लाए। भाज ही पंजीपन कराएं joingeetacom| णआपका दिन शुभ 4A4 8t1" एव - ShareChat
#🌷शुभ बुधवार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🕉️सनातन धर्म🚩
🌷शुभ बुधवार - অয়কুw১ पौष माह शुक्लपक्ष चतुर्थी 24 1 2025 शुभ बुधवार श्रीमद्भगवद्गीता अथ दशमोडध्यायः विभूति योग गीता ज्ञान भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः ] यत्तेड्हं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया Il (१) भावार्थ = श्री भगवान् ने कहा हे महाबाहु अर्जुन। तू मेरे परम प्रभावशाली वचनों को फिर से सुन, क्योंकि मैं तुझे अत्यन्त प्रिय मानता हूँ इसलिये तेरे हित के लिये कहता हूँ। (१ ) गीता पढें , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingeeta com | "आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।" অয়কুw১ पौष माह शुक्लपक्ष चतुर्थी 24 1 2025 शुभ बुधवार श्रीमद्भगवद्गीता अथ दशमोडध्यायः विभूति योग गीता ज्ञान भूय एव महाबाहो श्रृणु मे परमं वचः ] यत्तेड्हं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया Il (१) भावार्थ = श्री भगवान् ने कहा हे महाबाहु अर्जुन। तू मेरे परम प्रभावशाली वचनों को फिर से सुन, क्योंकि मैं तुझे अत्यन्त प्रिय मानता हूँ इसलिये तेरे हित के लिये कहता हूँ। (१ ) गीता पढें , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingeeta com | "आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।" - ShareChat
#🙏शुभ मंगलवार🌸 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏शुभ मंगलवार🌸 - गीता ज्ञान ஆஆீத पौष माह शुक्लपक्ष तृतीया २३ दिसम्बर २०२५ शुभ मंगलवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय ९ राज विद्या राज गुह्यः योग मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु मन्मना भव ్ मामेवैष्यसि युक्त्वैवमात्मानं मत्परायणः (38) I हे अर्जुन! तू मुझमें ही मन को स्थिर कर, मेरा ही भावार्थ சிஸ और मुझे ही प्रणाम कर, इस प्रकार भक्त बन, मेरी कर अपने मन को मुझ परमात्मा में पूर्ण रूप से स्थिर करके मेरी शरण होकर तू निश्चित रूप से मुझे ही प्राप्त होगा। (३४) तत्सदिति श्रीमद्भगवद्नीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे 3 कृष्णार्जुनसंवादे राजविद्यायोगो नाम नवमोडध्यायः श्री Il गीता पढ़ेै , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingeela com गीता ज्ञान ஆஆீத पौष माह शुक्लपक्ष तृतीया २३ दिसम्बर २०२५ शुभ मंगलवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय ९ राज विद्या राज गुह्यः योग मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु मन्मना भव ్ मामेवैष्यसि युक्त्वैवमात्मानं मत्परायणः (38) I हे अर्जुन! तू मुझमें ही मन को स्थिर कर, मेरा ही भावार्थ சிஸ और मुझे ही प्रणाम कर, इस प्रकार भक्त बन, मेरी कर अपने मन को मुझ परमात्मा में पूर्ण रूप से स्थिर करके मेरी शरण होकर तू निश्चित रूप से मुझे ही प्राप्त होगा। (३४) तत्सदिति श्रीमद्भगवद्नीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे 3 कृष्णार्जुनसंवादे राजविद्यायोगो नाम नवमोडध्यायः श्री Il गीता पढ़ेै , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingeela com - ShareChat
#🌷शुभ सोमवार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🌷शुभ सोमवार - गीता ज्ञान पौष माह शुक्लपक्ष द्वितीया २२ दिसम्बर २०२५ शुभ सोमवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय ९ राज विद्या राज गुह्यः योग किं पुनर्ब्राह्मणाः पुण्या भक्ता राजर्षयस्तथा अनित्यमसुखं लोकमिमं प्राप्य भजस्व माम् II (३३) भावार्थ : तो फिर पुण्यात्मा ब्राह्म्णों, भक्तों और राजर्षि क्षत्रियों का तो कहना ही क्या है, इसलिए तू क्षण में नष्ट होने वाले दुख से भरे हुए इस जीवन में निरंतर मेरा ही स्मरण कर। (३३) गीता पढ़ेै , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingeela com गीता ज्ञान पौष माह शुक्लपक्ष द्वितीया २२ दिसम्बर २०२५ शुभ सोमवार श्रीमद्भगवद्नीता अध्याय ९ राज विद्या राज गुह्यः योग किं पुनर्ब्राह्मणाः पुण्या भक्ता राजर्षयस्तथा अनित्यमसुखं लोकमिमं प्राप्य भजस्व माम् II (३३) भावार्थ : तो फिर पुण्यात्मा ब्राह्म्णों, भक्तों और राजर्षि क्षत्रियों का तो कहना ही क्या है, इसलिए तू क्षण में नष्ट होने वाले दुख से भरे हुए इस जीवन में निरंतर मेरा ही स्मरण कर। (३३) गीता पढ़ेै , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingeela com - ShareChat
#🌷शुभ रविवार #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🕉️सनातन धर्म🚩
🌷शुभ रविवार - गीता ज्ञान पौष माह शुक्लपक्ष प्रतिपदा २१ दिसंबर २०२५ शुभ रविवार श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय राज विद्या राज गुह्यः योग मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येषपि स्यु पापयोनयः स्त्रियो वेश्यास्तथा शूद्रास्तेषपि यान्ति परां गतिम् II (३२) भावार्थ : हे पृथापुत्र! स्त्री, वैश्य, शूद्र अन्य किसी भी निम्न-्योनि र्में उत्पन्न होने वाले मनुष्य हों, वह भी मेरी शरण-ग्रहण करके मेरे परम-्धाम को ही प्राप्त होते हैं। (३२) गीता पढ़े , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingoota colm गीता ज्ञान पौष माह शुक्लपक्ष प्रतिपदा २१ दिसंबर २०२५ शुभ रविवार श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय राज विद्या राज गुह्यः योग मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येषपि स्यु पापयोनयः स्त्रियो वेश्यास्तथा शूद्रास्तेषपि यान्ति परां गतिम् II (३२) भावार्थ : हे पृथापुत्र! स्त्री, वैश्य, शूद्र अन्य किसी भी निम्न-्योनि र्में उत्पन्न होने वाले मनुष्य हों, वह भी मेरी शरण-ग्रहण करके मेरे परम-्धाम को ही प्राप्त होते हैं। (३२) गीता पढ़े , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन करें joingoota colm - ShareChat
#🪔शुभ शनिवार🙏 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🕉️सनातन धर्म🚩 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🪔शुभ शनिवार🙏 - नयश्रीकूष्णट पौष माह कृष्णपक्ष संवत्  २०८२ अमावस्या 20 frar 2025 शुभ शनिवार iটllklণী राज विद्या राज गुह्यः योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय ९ क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शश्वच्छान्ति निगच्छति [ कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति Il (38) भावार्थ : हे अर्जुन। वह शीघ्र ही मन से शुद्ध होकर धर्म का आचरण करता हुआ चिर स्थायी परम शान्ति को प्राप्त होता है, इसलिये तू निश्चिन्त होकर घोषित कर दे कि मेरा भक्त कभी नष्ट नहीं होता है। (३१) गीता पढ़ें , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingeeta com आपका दिन शुभ मंगलमय होे। एवं नयश्रीकूष्णट पौष माह कृष्णपक्ष संवत्  २०८२ अमावस्या 20 frar 2025 शुभ शनिवार iটllklণী राज विद्या राज गुह्यः योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय ९ क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शश्वच्छान्ति निगच्छति [ कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति Il (38) भावार्थ : हे अर्जुन। वह शीघ्र ही मन से शुद्ध होकर धर्म का आचरण करता हुआ चिर स्थायी परम शान्ति को प्राप्त होता है, इसलिये तू निश्चिन्त होकर घोषित कर दे कि मेरा भक्त कभी नष्ट नहीं होता है। (३१) गीता पढ़ें , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingeeta com आपका दिन शुभ मंगलमय होे। एवं - ShareChat
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🙏शुभ मंगलवार🌸 - नयश्रीकृष्णट पौष माह कृष्णपक्ष ~qd' द्वादशी ২০৫ २६ दिसम्बर २०२५ शुभ मंगलवार घीता जञान राज विद्या राज गुह्यः योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय ९ अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक् | साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः Il (३० ) भावार्थ : यदि कोई भी अत्यन्त दुराचारी मनुष्य अनन्यन्भाव से मेरा निरन्तर स्मरण करता है, तो वह निश्चित रूप से साधु ही समझना चाहिये, क्योंकि वह सम्पूर्ण रूप से मेरी भक्ति में ही स्थित है। (३० ) गीता पढ़े , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingoota com आपका दिन शुभ मंगलमय होे। एवं नयश्रीकृष्णट पौष माह कृष्णपक्ष ~qd' द्वादशी ২০৫ २६ दिसम्बर २०२५ शुभ मंगलवार घीता जञान राज विद्या राज गुह्यः योग श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय ९ अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक् | साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः Il (३० ) भावार्थ : यदि कोई भी अत्यन्त दुराचारी मनुष्य अनन्यन्भाव से मेरा निरन्तर स्मरण करता है, तो वह निश्चित रूप से साधु ही समझना चाहिये, क्योंकि वह सम्पूर्ण रूप से मेरी भक्ति में ही स्थित है। (३० ) गीता पढ़े , पढाएं जीवन में लाएं। आज ही पंजीयन कराएं joingoota com आपका दिन शुभ मंगलमय होे। एवं - ShareChat