Jeet Ka Sahara
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#📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 #🤔Reasoning✍ #🧠 रीजनिंग नॉलेज😎 #🙄फैक्ट्स✍ #📚एजुकेशन टिप्स & ट्रिक्स✍
📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 - वर्ष १९१२ में जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने अपनी प्रसिद्ध লিনিমমিক্ক মন 3াঁক্ বৃভিযা' ম যাতথান पुस्तक সযীয   ক্িয়া लिए राजस्थानी की भाषा के नाम  का / डॉ. जॉर्ज अब्राहम और पुरुषोत्तम मेनारिया ने कहा है कि राजस्थानी भाषा की उत्पत्ति शौरसेनी प्राकृत के नागर अपभ्रंश से हुई है। पत्रिका ` इंडियन एंटीक्वरी RR = अपनी डॉ. एल.पी॰ भाषा की उत्पत्ति और विकास पर प्रकाश में   राजस्थानी यह भाषा १२वीं शताब्दी के उनके   अनुसार, डाला | आसपास अस्तित्व में आई थी टेसिटोरी , माणिक्यलाल, मुंशी डॉ॰ मोतीलाल ভাঁ 5@.9. मेनारिया, कन्हैयालाल आदि ने माना है कि राजस्थानी अपभ्रंश से विकसित हुई है ग़ुर्जरी भाषा १७वीं शताब्दी में राजस्थानी भाषा एक स्वतंत्र भाषा के रूप में विकसित होने लगी और राजस्थानी भाषा के विकास को निम्नलिखित चरणों में समझाया गया है 5 से १३वीं सदी ११वीं अपभ्रंश गुर्जरी 1. १३वीं से १६वीं सदी प्राचीन   राजस्थानी మ 2 १६वीं सदी से १८वीं सदी राजस्थानी मध्य 3. आधुनिक ( हालिया ) राजस्थानी - १८वीं सदी से वर्तमान तक 4. १७०० से १९०० ईस्वी के बीच का समय राजस्थानी 57 ٤/ स्वर्ण युग   माना ಹT भाषा वर्ष १९१२ में जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने अपनी प्रसिद्ध লিনিমমিক্ক মন 3াঁক্ বৃভিযা' ম যাতথান पुस्तक সযীয   ক্িয়া लिए राजस्थानी की भाषा के नाम  का / डॉ. जॉर्ज अब्राहम और पुरुषोत्तम मेनारिया ने कहा है कि राजस्थानी भाषा की उत्पत्ति शौरसेनी प्राकृत के नागर अपभ्रंश से हुई है। पत्रिका ` इंडियन एंटीक्वरी RR = अपनी डॉ. एल.पी॰ भाषा की उत्पत्ति और विकास पर प्रकाश में   राजस्थानी यह भाषा १२वीं शताब्दी के उनके   अनुसार, डाला | आसपास अस्तित्व में आई थी टेसिटोरी , माणिक्यलाल, मुंशी डॉ॰ मोतीलाल ভাঁ 5@.9. मेनारिया, कन्हैयालाल आदि ने माना है कि राजस्थानी अपभ्रंश से विकसित हुई है ग़ुर्जरी भाषा १७वीं शताब्दी में राजस्थानी भाषा एक स्वतंत्र भाषा के रूप में विकसित होने लगी और राजस्थानी भाषा के विकास को निम्नलिखित चरणों में समझाया गया है 5 से १३वीं सदी ११वीं अपभ्रंश गुर्जरी 1. १३वीं से १६वीं सदी प्राचीन   राजस्थानी మ 2 १६वीं सदी से १८वीं सदी राजस्थानी मध्य 3. आधुनिक ( हालिया ) राजस्थानी - १८वीं सदी से वर्तमान तक 4. १७०० से १९०० ईस्वी के बीच का समय राजस्थानी 57 ٤/ स्वर्ण युग   माना ಹT भाषा - ShareChat
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📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 - रीति रिवाज व परम्पराएँ समावर्तन संस्कार शिक्षा पूर्ण होने पर होता है। 46 पाणिग्रहण संस्कार নিনাম संबंथित संस्कार अन्त्येष्टि संस्कार अंतिम संस्कार संबंधित राजस्थानी रस्म जन्म ಕ್ರಿ್ ಆಡಡಿ पर गाये जाने वाले गीत | जच्चा / होलर गीत संतान वाले गीत | की॰  मृत्यु शिशु गाय पर विधाता के लिए  गाये बेमाता गीत संतान के जन्म पर > जाने वाले गीत ।  எ बजायी थाली कांसे की जन्मोत्सव जन्म पर पुत्र छाजल बजाए जाते हैं। সুপ / ப க 5= ஈ 2 নথা मारवाड़ में ज्येष्ठ पुत्र का जन्मोत्सव ' दशोटण ' ব্হীতো : कहलाता है। जन्म से संबंधित एक रस्म 3ানল ঠাৎলা > जन्म के नौवें दिन होता है। यह न्हावण का प्रथम स्नान माना जाता है जच्चा व बच्चा 34 पीमचा वस्त्र ओढ़ा जाता है " महिला द्वारा इस दिन प्रसूता के जन्म पर पीला पीमचा तथा पुत्री के जन्म पर 97 ओढा जाता है। पीमचा তুলানী रीति रिवाज व परम्पराएँ समावर्तन संस्कार शिक्षा पूर्ण होने पर होता है। 46 पाणिग्रहण संस्कार নিনাম संबंथित संस्कार अन्त्येष्टि संस्कार अंतिम संस्कार संबंधित राजस्थानी रस्म जन्म ಕ್ರಿ್ ಆಡಡಿ पर गाये जाने वाले गीत | जच्चा / होलर गीत संतान वाले गीत | की॰  मृत्यु शिशु गाय पर विधाता के लिए  गाये बेमाता गीत संतान के जन्म पर > जाने वाले गीत ।  எ बजायी थाली कांसे की जन्मोत्सव जन्म पर पुत्र छाजल बजाए जाते हैं। সুপ / ப க 5= ஈ 2 নথা मारवाड़ में ज्येष्ठ पुत्र का जन्मोत्सव ' दशोटण ' ব্হীতো : कहलाता है। जन्म से संबंधित एक रस्म 3ানল ঠাৎলা > जन्म के नौवें दिन होता है। यह न्हावण का प्रथम स्नान माना जाता है जच्चा व बच्चा 34 पीमचा वस्त्र ओढ़ा जाता है " महिला द्वारा इस दिन प्रसूता के जन्म पर पीला पीमचा तथा पुत्री के जन्म पर 97 ओढा जाता है। पीमचा তুলানী - ShareChat
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📚एजुकेशन टिप्स & ट्रिक्स✍ - रीति रिवाज व परम्पराएँ अन्नप्रासन  ६ माह पच्यात संतान को प्रथम बार जन्म के > अन्न खिलाना | ತ51ಹ4' Iuet - इस संस्कार के तहत देवी - देववाओं के समज् संतान का मुंडन   किया जाता है। L> इसे जडुला ] कढा जात  है। ~HhI # त के संस्कार स *^چ कर्णभेद कर्णभेद तहत बालक का ٦٤ সনান किया  जाता @eT" अक्षरो काज्ञान ব্রস স্কায ক নমন' নালব্ধ 17 < है। कखाया जाता > সনানল" में रस संस्कार के तहत सर्वप्रथम संस्कृति करवाया जात है। সসাততস' का उच्चारण उपनयन संस्कार / जनेऊ संस्कार / यज्ञोपवीत संस्कार >इस संस्कार के तहत बिक्षा ग्रहण करने के बालक लिए गूर केपास भेजा जात है। तहत गुक ढ्वारा सर्वप्रयम गायत्री मंत्र इस सस्कार क का पाठ कराया जाग वेदारम्भ इस संस्कार के तहत गुझ ह्वारा नेढो का पठन > है। पाठन करवाया जाता ক্রহান |  गोदान  इस संस्कार कै तहत गुरू द्वारा संस्कार > _ब्रह्य़ाचर्य की शित्ता दी जाती है। रीति रिवाज व परम्पराएँ अन्नप्रासन  ६ माह पच्यात संतान को प्रथम बार जन्म के > अन्न खिलाना | ತ51ಹ4' Iuet - इस संस्कार के तहत देवी - देववाओं के समज् संतान का मुंडन   किया जाता है। L> इसे जडुला ] कढा जात  है। ~HhI # त के संस्कार स *^چ कर्णभेद कर्णभेद तहत बालक का ٦٤ সনান किया  जाता @eT" अक्षरो काज्ञान ব্রস স্কায ক নমন' নালব্ধ 17 < है। कखाया जाता > সনানল" में रस संस्कार के तहत सर्वप्रथम संस्कृति करवाया जात है। সসাততস' का उच्चारण उपनयन संस्कार / जनेऊ संस्कार / यज्ञोपवीत संस्कार >इस संस्कार के तहत बिक्षा ग्रहण करने के बालक लिए गूर केपास भेजा जात है। तहत गुक ढ्वारा सर्वप्रयम गायत्री मंत्र इस सस्कार क का पाठ कराया जाग वेदारम्भ इस संस्कार के तहत गुझ ह्वारा नेढो का पठन > है। पाठन करवाया जाता ক্রহান |  गोदान  इस संस्कार कै तहत गुरू द्वारा संस्कार > _ब्रह्य़ाचर्य की शित्ता दी जाती है। - ShareChat
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📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 - रीति रिवाज व परम्पराएँ हिन्दू धर्म के प्रमुख १६ संस्कार : जन्म से पूर्व के संस्कार गर्भाधान  মিনু का पहला संस्कार इसे ಔೌ धर्म भी कहा जाता है। माह पश्चात् यह गर्भाधारण   के दो या तीन पुंसवन तहत  पुत्र संस्कार के संस्कार होता ्है॰ इस  की जाती है 4 की यकुष्ें : TTT महिने में यह संस्कार गर्भाधारण सीमंतोन्नयन क 6 যা जच्चा व बच्चा को होता है। तहृत সং্ায इस के लिए देवी देवताओं बचाने घटनाओं अमंगलकारी की॰ पूजा की जाती है। তন্স ক নাc ক সজ্ায (2) पिता ತಹ್ यह संस्कार संतान के जन्म पर जातकर्म द्वारा   किया जाता है संस्कार के तहत संतान का नामकरण  नामकरण  इस &| किया जाता संतान को प्रथम बार घर के निष्क्रमण  इस संस्कार तहत सूर्य के दर्शन बाहर निकाला जाता है तथा उसे   चन्द्रमा तथा करवाए जाते है। रीति रिवाज व परम्पराएँ हिन्दू धर्म के प्रमुख १६ संस्कार : जन्म से पूर्व के संस्कार गर्भाधान  মিনু का पहला संस्कार इसे ಔೌ धर्म भी कहा जाता है। माह पश्चात् यह गर्भाधारण   के दो या तीन पुंसवन तहत  पुत्र संस्कार के संस्कार होता ्है॰ इस  की जाती है 4 की यकुष्ें : TTT महिने में यह संस्कार गर्भाधारण सीमंतोन्नयन क 6 যা जच्चा व बच्चा को होता है। तहृत সং্ায इस के लिए देवी देवताओं बचाने घटनाओं अमंगलकारी की॰ पूजा की जाती है। তন্স ক নাc ক সজ্ায (2) पिता ತಹ್ यह संस्कार संतान के जन्म पर जातकर्म द्वारा   किया जाता है संस्कार के तहत संतान का नामकरण  नामकरण  इस &| किया जाता संतान को प्रथम बार घर के निष्क्रमण  इस संस्कार तहत सूर्य के दर्शन बाहर निकाला जाता है तथा उसे   चन्द्रमा तथा करवाए जाते है। - ShareChat
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📚एजुकेशन टिप्स & ट्रिक्स✍ - गोगाजी फ निर्माग - राजाराम कुम्हार बिस्मिल्ला शब्द अंकित  #[:- गोगाजी की औल्डी >ননসান' বনবপ (- #f<) महाराजा गंगासिंह भाद्रपद पूर्णिमा | गोगामेड़ी पशु मेला  पूर्गिमा शरावग 5#4%4^ हैजो राजस्थान में सर्वाधिक लम्बी अवधि वाला पशुमेला लिए प्रसिद्व है। ~RuTuTaT नस्ल मेला नवमी IX H कृष्ग e जहारपीर ( जिंदापीर ) द्वारा महमूद उपनाम सांपों दबता गौरक्षक वता किसान खेत जोतने को नौ गांठे वाली पहले हल राखी बोथत १७वीं पीढी गोगाजी कायमसिंह चौहान ( मुसलमान बन गया ) F -4315 मुसलमान -ক্ামমস্বানী गोगाजी के मंदिर का पुजारी मुसलमान ।। माह हिंदू माह - 7 1* హ वाद्ययंत्र डेरू ( आम की लकड़ी से Aff) गोगाजी फ निर्माग - राजाराम कुम्हार बिस्मिल्ला शब्द अंकित  #[:- गोगाजी की औल्डी >ননসান' বনবপ (- #f<) महाराजा गंगासिंह भाद्रपद पूर्णिमा | गोगामेड़ी पशु मेला  पूर्गिमा शरावग 5#4%4^ हैजो राजस्थान में सर्वाधिक लम्बी अवधि वाला पशुमेला लिए प्रसिद्व है। ~RuTuTaT नस्ल मेला नवमी IX H कृष्ग e जहारपीर ( जिंदापीर ) द्वारा महमूद उपनाम सांपों दबता गौरक्षक वता किसान खेत जोतने को नौ गांठे वाली पहले हल राखी बोथत १७वीं पीढी गोगाजी कायमसिंह चौहान ( मुसलमान बन गया ) F -4315 मुसलमान -ক্ামমস্বানী गोगाजी के मंदिर का पुजारी मुसलमान ।। माह हिंदू माह - 7 1* హ वाद्ययंत्र डेरू ( आम की लकड़ी से Aff) - ShareChat
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📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 - गोगाजी जेबर चौहान Ri& बाछल दे নামন काछल दे पुत्र - गोगाजी [ अरर्जन , पुत्र সতন गोगाजी Vls A मृहमूद गजनवी (अरजन + सर्जन ) '4 : ५५ पुत्र व ६० भनीजे सांचौर से गाय लूटी | गायों की रक्षा हेतु गोगाजी वीरगति को प्राप्त | सहयोगी  भज्जु कोतवाल व जवाहर पांडया मुसलमानों से सवीधिक यूह (१) गोगाजी ने लडे.। गोगाजी व महमूद गजनवी के युद्घ का बर्णन &' ने अपने ग्रंथ f गोगाजी रा रावसल  में किया। ৫৫ 9 प्रमुख मंदिर लघुमेड़ी शीर्षमेड़ी / सिद्धमेड़ी  / गोगामेड़ी धुरमेड़ी | नोहर  ( हतुमानगढ़ ) सांचौर ददरेवा (शुफ ) (खालौर ) निर्माण - हिरोजगाह तुगलक  मकबरे नुमा आक्रृति - गोगाजी जेबर चौहान Ri& बाछल दे নামন काछल दे पुत्र - गोगाजी [ अरर्जन , पुत्र সতন गोगाजी Vls A मृहमूद गजनवी (अरजन + सर्जन ) '4 : ५५ पुत्र व ६० भनीजे सांचौर से गाय लूटी | गायों की रक्षा हेतु गोगाजी वीरगति को प्राप्त | सहयोगी  भज्जु कोतवाल व जवाहर पांडया मुसलमानों से सवीधिक यूह (१) गोगाजी ने लडे.। गोगाजी व महमूद गजनवी के युद्घ का बर्णन &' ने अपने ग्रंथ f गोगाजी रा रावसल  में किया। ৫৫ 9 प्रमुख मंदिर लघुमेड़ी शीर्षमेड़ी / सिद्धमेड़ी  / गोगामेड़ी धुरमेड़ी | नोहर  ( हतुमानगढ़ ) सांचौर ददरेवा (शुफ ) (खालौर ) निर्माण - हिरोजगाह तुगलक  मकबरे नुमा आक्रृति - - ShareChat
#📲मेरा पहला पोस्ट😍 #📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 #📚एजुकेशन टिप्स & ट्रिक्स✍ #🙄फैक्ट्स✍ #🗣️मौखिक अंग्रेजी सीखे
📲मेरा पहला पोस्ट😍 - गोगाजी #.=. 946 $. 41446 த-9) जन्म ঠীঠা লনমী ননইনা (ব্রুফ) তল্ম থাল _ KeLளa जेवर चौहान सिंह পিনা নাচ্ল $ মানা কলম ঐ पत्नी सुरियल (यूपी ) गोरखनाथ 35 नीली घोड़ी (गोगा बप्पा ) सवारी ক্াচল ঐ मौसी छावली गीत पुजारी चायल सफेद रंग ध्वजा मौसेरे भाई अरजन व सर्जन थान ( खेजड़ी वृक्ष के नीचे ) छोटा मंदिर गोगाजी #.=. 946 $. 41446 த-9) जन्म ঠীঠা লনমী ননইনা (ব্রুফ) তল্ম থাল _ KeLளa जेवर चौहान सिंह পিনা নাচ্ল $ মানা কলম ঐ पत्नी सुरियल (यूपी ) गोरखनाथ 35 नीली घोड़ी (गोगा बप्पा ) सवारी ক্াচল ঐ मौसी छावली गीत पुजारी चायल सफेद रंग ध्वजा मौसेरे भाई अरजन व सर्जन थान ( खेजड़ी वृक्ष के नीचे ) छोटा मंदिर - ShareChat