
❣️𝑲𝒖𝒎𝒂𝒓💞 𝑹𝒂𝒖𝒏𝒂𝒌💞 𝑲𝒂𝒔𝒉𝒚𝒂𝒑❣️
@k_r_kashyap
🚩भगवा की ताकत के आगे, ब्रम्हांड भी सर झुकाता हैं,
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गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है, इस वर्ष गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती मनाई जाएगी।
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आपको और आपके परिवार को गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
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💕प्रभु कृपा का प्रभाव कण कण में है
💅🏼 परमात्मा गुणों का भण्डार हैं। हम उनकी ओर एक कदम बढ़ाएँ तो वो हमारी ओर छः कदम बढ़ाते हैं। इस का तात्पर्य यह कदापि नहीं कि परमात्मा हमसे दूर हैं। अपितु तात्पर्य यह कि यदि हम सद्गुणों को आत्मसात करते हैं तो यह परमात्मा को आत्मसात करने के समान है। हमारा प्रत्येक सत्कर्म परमात्मा की ओर उठाया हुआ एक कदम है। इसके साथ ही, अन्य सद्गुण भी आने लगेंगे। किन्तु इस प्रक्रिया का कहीं तो शुभारम्भ करना होगा, कम से कम एक सद्गुण तो विकसित करने की इच्छा होनी चाहिए l यदि हमारी ओर से कोई प्रयास ही नहीं होगा तो हम परमात्म-कृपा पाने में असमर्थ रहेंगे। इसमें परमात्मा का कोई दोष नहीं, दोष तो हमारा है। यह सदा स्मरण रहे। परमात्मा की ओर हम कम से कम एक कदम तो बढायें, तभी तो हम उनकी कृपा के पात्र बनेंगे।
तीन कृपाएँ हैं, जिनको पाकर जीव कृतार्थ होता है -
👉 #ईश्वर_कृपा - ईश्वर कृपा से हम सबको दुर्लभ मानव शरीर मिला हुआ है l
👉 #गुरु_कृपा - गुरु की कृपा से मानव देह की सार्थकता का ज्ञान हुआ और भवसागर से पार जाने का रास्ता मिला l यदि सद्गुरु मिल जाए तो यह कृपा सुलभ है l
👉 #आत्म कृपा - यही सबसे कठिन एवं दुर्लभ है l जिसके बिना ईश्वर कृपा और गुरु कृपा भी बेकार चली जाती है l अतः, परमात्म-कृपा की प्राप्ति हेतु, पहले आत्म-कृपा का होना आवश्यक है। हम तक परमात्म-कृपा इसीलिये नहीं पहुँचती क्योंकि आत्म-कृपा का अभाव है। हमारी अंतरात्मा कहती है कि, “ऐसा करो” पर हमारी बुद्धि कहती है नहीं , हमारी अंतरात्मा कहती है कि “थोड़ी विनम्रता से पेश आओ”, जबकि मन कहता है, “मैं क्यों विनम्र बनूं? मैं उसके सम्मुख क्यों झुकूं?” । परमात्मा की ओर पहला कदम उठाने के लिए, हमें अपने अभिमान से छुटकारा पाना होगा।इसमें परमात्मा का कोई दोष नहीं, दोष तो हमारा है।
☘ व्रत का प्रमुख सीख व मुख्य उदेश्य मनुष्य के भीतर दैवीय गुणों को जाग्रत करना है। केवल निराहार रहना व्रत का उदेश्य नही अपितु निर्विकार रहना जरुर है। सत्कर्म करने की भावना जग जाए, सत्य के मार्ग पर चलने का भाव जग जाए तो यही जीव की वास्तविक जागृति है। हमारे भीतर भी धर्म जाग्रत हो जाये।
श्री ठाकुर जी के ऐश्वर्य वैभव जानना भाग्य की बात है और उनको पाना महाभाग्य की बात है l श्री ठाकुर जी ने कभी यह नहीं कहा कि मैं कोई चमत्कार दिखा कर तुम्हारे दुख दूर कर दूँगा, अपितु उदाहरण देकर सिद्ध किय़ा l स्वयं भगवान राम और श्री कृष्ण को अपने भोग भोगने पड़े तो हम तो अल्पजीव हैं, फ़िर हम अपने भोगों से कैसे बच सकते हैं l
एक भक्त को जीवन में कभी भी यह विचार नहीं करना चाहिए कि वह अकेला हैं, क्योंकि भले ही कोई साथ दिखे या न दिखे ठाकुरजी सदैव ही साथ थे, साथ हैं और साथ सदैव रहें l श्री ठाकुर जी के ऐश्वर्य वैभव जानना भाग्य की बात है और उनको पाना महाभाग्य की बात है l 🌹
🙏 राधे राधे , जय श्री कृष्ण, श्री कृष्ण शरणम् , प्रेम से बोलो... राधे राधे 🌺 #🪔कार्तिक पूर्णिमा 🌺 #👏भगवान विष्णु की अद्भुत लीला😇 #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻गुरबानी #🌸 जय श्री कृष्ण😇
।। सर्वापदुद्धारक हनुमत् स्तोत्रम् ।।
ॐ अस्य श्री आपदुद्धारक हनुमत् स्तोत्र महामन्त्र कवचस्य, विभीषण ऋषिः, हनुमान् देवता, सर्वापदुद्धारक श्रीहनुमत्प्रसादेन मम सर्वापन्निवृत्त्यर्थे, सर्वकार्यानुकूल्य सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।
ध्यानम्-
वामे करे वैरिभिदं वहन्तं
शैलं परे शृङ्खलहारिटङ्कम्।
दधानमच्छच्छवियज्ञसूत्रं
भजे ज्वलत्कुण्डलमाञ्जनेयम्।।
संवीतकौपीन मुदञ्चिताङ्गुलिं
समुज्ज्वलन्मौञ्जिमथोपवीतिनम्।
सकुण्डलं लम्बिशिखासमावृतं
तमाञ्जनेयं शरणं प्रपद्ये।।
आपन्नाखिललोकार्तिहारिणे श्रीहनूमते।
अकस्मादागतोत्पात नाशनाय नमो नमः।।
सीतावियुक्तश्रीरामशोकदुःखभयापह।
तापत्रितयसंहारिन् आञ्जनेय नमोऽस्तु ते।।
आधिव्याधि महामारी ग्रहपीडापहारिणे।
प्राणापहर्त्रेदैत्यानां रामप्राणात्मने नमः।।
संसारसागरावर्त कर्तव्यभ्रान्तचेतसाम्।
शरणागतमर्त्यानां शरण्याय नमोऽस्तु ते।।
वज्रदेहाय कालाग्निरुद्रायाऽमिततेजसे।
ब्रह्मास्त्रस्तम्भनायास्मै नमः श्रीरुद्रमूर्तये।।
रामेष्टं करुणापूर्णं हनूमन्तं भयापहम्।।
शत्रुनाशकरं भीमं सर्वाभीष्टप्रदायकम्।।
कारागृहे प्रयाणे वा सङ्ग्रामे शत्रुसङ्कटे।
जले स्थले तथाऽऽकाशे वाहनेषु चतुष्पथे।।
गजसिंह महाव्याघ्र चोर भीषण कानने।
ये स्मरन्ति हनूमन्तं तेषां नास्ति विपत् क्वचित्।।
सर्ववानरमुख्यानां प्राणभूतात्मने नमः।
शरण्याय वरेण्याय वायुपुत्राय ते नमः।।
प्रदोषे वा प्रभाते वा ये स्मरन्त्यञ्जनासुतम्।
अर्थसिद्धिं जयं कीर्तिं प्राप्नुवन्ति न संशयः।।
जप्त्वा स्तोत्रमिदं मन्त्रं प्रतिवारं पठेन्नरः।
राजस्थाने सभास्थाने प्राप्ते वादे लभेज्जयम्।।
विभीषणकृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतो नरः।
सर्वापद्भ्यो विमुच्येत नाऽत्र कार्या विचारणा।।
मन्त्र-
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोकनिवारक।
शत्रून् संहर मां रक्ष श्रियं दापय भो हरे।।
।। इति विभीषणकृतं सर्वापदुद्धारक श्रीहनुमत् स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।। #🙏🏻गुरबानी #🙏गुरुपर्व की शुभकामनाएं ✨ #🙏गुरु महिमा😇 #🪔कार्तिक पूर्णिमा 🌺 #👏भगवान विष्णु की अद्भुत लीला😇
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![🪔कार्तिक पूर्णिमा 🌺 - যাঙা হান] से प्रार्थना हे वृषभानु नंदनी राधा रानी, आपकी करुणा से ही भक्ति का मार्ग मिलता है। W; आपके चरणाों में शाति और सच्चा सुख है। जिह्म Rி पर सदा राधे- राधे॰ का नाम रहे, ৪মাই মন ম মন্সা ঈম और भक्ति बनी रहे। हे राधा रानी, आपकी कृपा दृष्टि से ही जीवन धन्य हो जाता है। "राधे राधे बोलना ही सबसे बड़ी साधना है॰ যাঙা হান] से प्रार्थना हे वृषभानु नंदनी राधा रानी, आपकी करुणा से ही भक्ति का मार्ग मिलता है। W; आपके चरणाों में शाति और सच्चा सुख है। जिह्म Rி पर सदा राधे- राधे॰ का नाम रहे, ৪মাই মন ম মন্সা ঈম और भक्ति बनी रहे। हे राधा रानी, आपकी कृपा दृष्टि से ही जीवन धन्य हो जाता है। "राधे राधे बोलना ही सबसे बड़ी साधना है॰ - ShareChat 🪔कार्तिक पूर्णिमा 🌺 - যাঙা হান] से प्रार्थना हे वृषभानु नंदनी राधा रानी, आपकी करुणा से ही भक्ति का मार्ग मिलता है। W; आपके चरणाों में शाति और सच्चा सुख है। जिह्म Rி पर सदा राधे- राधे॰ का नाम रहे, ৪মাই মন ম মন্সা ঈম और भक्ति बनी रहे। हे राधा रानी, आपकी कृपा दृष्टि से ही जीवन धन्य हो जाता है। "राधे राधे बोलना ही सबसे बड़ी साधना है॰ যাঙা হান] से प्रार्थना हे वृषभानु नंदनी राधा रानी, आपकी करुणा से ही भक्ति का मार्ग मिलता है। W; आपके चरणाों में शाति और सच्चा सुख है। जिह्म Rி पर सदा राधे- राधे॰ का नाम रहे, ৪মাই মন ম মন্সা ঈম और भक्ति बनी रहे। हे राधा रानी, आपकी कृपा दृष्टि से ही जीवन धन्य हो जाता है। "राधे राधे बोलना ही सबसे बड़ी साधना है॰ - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_994805_1e59eb8_1762303993461_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=461_sc.jpg)
