K. VISHVAKARMA
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@kam171979
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K. VISHVAKARMA
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जय श्री राम
🌞 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 📜 *देश के महान कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पैसे नहीं थे ... तब मंगलसूत्र बेचने की बात की थी।* 📜📜📜 यह जानकर सुखद आश्चर्य होता है कि पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे जी महाराज जैसे भागवताचार्य भी हुए हैं जो कथा के लिए एक रुपया भी नहीं लेते थे 🙏 मात्र तुलसी पत्र लेते थे। जहाँ भी वे भागवत कथा कहते थे, उसमें जो भी दान दक्षिणा चढ़ावा आता था, उसे उसी शहर या गाँव में गरीबों के कल्याणार्थ दान कर देते थे। कोई ट्रस्ट बनाया नहीं और किसी को शिष्य भी बनाया नहीं। अपना भोजन स्वयं बना कर ठाकुरजी को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते थे। डोंगरे जी महाराज कलयुग के दानवीर कर्ण थे । उनके अंतिम प्रवचन में चौपाटी में एक करोड़ रुपए जमा हुए थे, जो गोरखपुर के कैंसर अस्पताल के लिए दान किए गए थे। स्वंय कुछ नहीं लिया| डोंगरे जी महाराज की शादी हुई थी। प्रथम रात के समय उन्होंने अपनी धर्मपत्नी से कहा था, "देवी मैं चाहता हूं कि आप मेरे साथ १०८ भागवत कथा का पारायण करें, उसके बाद यदि आपकी इच्छा होगी तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे'। इसके बाद जहाँ जहाँ डोंगरे जी महाराज भागवत कथा करने जाते, उनकी पत्नी भी साथ जाती।१०८ भागवत कथा पूर्ण होने में करीब सात वर्ष बीत गए। तब डोंगरे जी महाराज पत्नी से बोले, *अब अगर आपकी आज्ञा हो तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर संतान उत्पन्न करें'। इस पर उनकी पत्नी ने कहा, 'आपके श्रीमुख से १०८ भागवत कथा श्रवण करने के पश्चात मैंने गोपाल को ही अपना पुत्र मान लिया है, इसलिए अब हमें संतान उत्पन्न करने की कोई आवश्यकता नहीं है"। धन्य हैं ऐसे पति-पत्नी, धन्य है उनकी भक्ति और उनका कृष्ण प्रेम। डोंगरे जी महाराज की पत्नी आबू में रहती थीं और डोंगरे जी महाराज देश दुनिया में भागवत कथा रस बरसाते थे। पत्नी की मृत्यु के पांच दिन पश्चात उन्हें इसका पता चला। वे अस्थि विसर्जन करने गए, उनके साथ मुंबई के बहुत बड़े सेठ थे "रतिभाई पटेल जी" | उन्होंने बाद में बताया कि डोंगरे जी महाराज ने उनसे कहा था ‘कि रति भाई मेरे पास तो कुछ है नहीं और अस्थि विसर्जन में कुछ तो लगेगा। क्या करें’ ? फिर महाराज आगे बोले थे, ‘ऐसा करो, पत्नी का मंगलसूत्र और कर्णफूल पड़ा होगा उसे बेचकर जो मिलेगा उसे अस्थि विसर्जन क्रिया में लगा देते हैं’। सेठ रतिभाई पटेल ने रोते हुए बताया था.... जिन महाराजश्री के इशारे पर लोग कुछ भी करने को तैयार रहते थे, वह महापुरुष कह रहा था कि पत्नी के अस्थि विसर्जन के लिए पैसे नहीं हैं। हम उसी समय मर क्यों न गए l फूट फूट कर रोने के अलावा मेरे मुँह से एक शब्द नहीं निकल रहा था। सनातन धर्म ही सर्वोपरि है । ऐसे संत और महात्मा आप को केवल सनातन संस्कृति में ही मिलते है। हमारे देश में बहुत सी बातें हैं जो हम सभी तक पहुंच नहीं पायी । मैं कोशिश करता रहता हूं कि हमारे देश की संस्कृति को हम सभी जाने। *ऐसे महान विरक्त महात्मा संत ....हुए है ।। 🚩🚩👏👏 -------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ ** 🌈 *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #आध्यात्म🕉️🙏🏻
📍 *SIR की दिलचस्प बातें:* *एक समाजशास्त्रीय की कलम से!* 🤓 SIR फॉर्म क्या आया— पूरा समाज पानी पूरी वाली लाइन की तरह खड़ा हो गया। तीन अक्षरों का फॉर्म, लेकिन इतना गहरा कि अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे लोगों का “हम तो सब जानते हैं” वाला भ्रम फट से टूट गया। 1️⃣ रिश्तों की रियलिटी चेक SIR ने साफ बता दिया- मां-बाप, दादा-दादी ही असली रिश्ते हैं, बाकी सब “जान-पहचान सूची” में आते हैं। और मज़ेदार बात ये कि— बेटियाँ शादी के बाद कितनी भी दूर चली जाएँ, रिश्ता मायके से ही साबित होता है— कागजों में, समाज में, और दिल में। 2️⃣ टूटे हुए रिश्तों में नेटवर्क सिग्नल वापस सालों से बात न करने वाले लोग अब फॉर्म भरवाने के नाम पर बीवी के मायके जा रहे हैं, बेटियाँ गाँव लौट रही हैं, लोग दस्तावेज़ ढूँढते-ढूँढते वंश-वृक्ष खोज रहे हैं। SIR ने वो रिश्ते जोड़ दिए जो व्हाट्सऐप भी नहीं जोड़ पाया। 3️⃣ धर्म का भ्रम… SIR के आगे फ़ेल हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई— सब एक ही काउंटर पर लाइन में खड़े, एक ही पेन से फॉर्म भरते हुए। SIR ने वो कर दिया जो नेताओं की रैलियाँ नहीं कर पाई सबको एक ही नाव में सवार कर दिया। 4️⃣ पुरानी यादें Rewind Mode में लोग आज फिर वही जगह ढूँढ रहे जहाँ— माँ-बाप रहा करते थे, दादा-दादी की छाया थी, और बचपन की धूल थी। किराएदार अपने मां-बाप का नाम उसी मकान मालिक से पूछ रहे हैं जिसे कभी किराया देना पड़ता था। इतिहास अब फेसबुक पोस्ट नहीं— घर-घर की खोज बन गया है। 5️⃣ शिक्षा की असली औकात सामने SIR ने बता दिया— यह दुनिया पैसा नहीं, दस्तावेज़ माँगती है। शिक्षा सिर्फ नौकरी नहीं, अपना वंश और पहचान जानने की योग्यता भी है। 6️⃣ पुरखे सिर्फ फोटो नहीं—साक्ष्य हैं SIR ने साबित कर दिया— मां-बाप मरकर भी काम आते हैं, वे कागज़ों में, यादों में, और वंश में ज़िंदा रहते हैं। इसलिए: उन्हें याद करो, सम्मान दो, और अपनी जड़ें बच्चों को भी बताओ। 7️⃣ सबसे चुभता सच जब किसी से पूछा— “तुम्हारे दादा-दादी, नाना-नानी का नाम?” तो आधे लोग नेटवर्क खोजते हैं, बाकी आधे गूगल नहीं, मम्मी को कॉल करते हैं। ये सिर्फ जानकारी नहीं— कटी हुई जड़ों की निशानी है। 📌 निष्कर्ष SIR अभी शुरू हुआ है… आगे कितने किस्से, कितनी कहानियाँ और कितने राज खुलेंगे— बस इंतज़ार करिए, देश भर में वंशावली का महाकाव्य लिखने वाला है। 🙏🏻 #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #अनमोल रिश्ते ##रिश्ते
#आध्यात्म🕉️🙏🏻 #सामाजिक समस्या# #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
आध्यात्म🕉️🙏🏻 - वाह रे इंसान लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है पर बेजुबान जीव को मार के खाता है। छोड देते है भोजन जिसमें एक बाल है। फिरक्यो खाते हो अंडा जिसमें एक मां का लाल है | एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है। और है। इंसान हर रोज मंदिर जाता भगवान बन जाता है फिर भी पत्थर बन जाता है लिए  एक औरत बेटे को जन्म देने के अपनी सुन्दरता त्याग देती है। और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी मां को त्याग देता है |  सिर्फ फूल जीवन में हर जगह हम जीत चाहते है।  वाले की दुकान ऐसी है, जहां हम कहते है कि हार चाहिए क्योंकि हम भगवान से जीत नही सकते। वाह रे इंसान लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है पर बेजुबान जीव को मार के खाता है। छोड देते है भोजन जिसमें एक बाल है। फिरक्यो खाते हो अंडा जिसमें एक मां का लाल है | एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है। और है। इंसान हर रोज मंदिर जाता भगवान बन जाता है फिर भी पत्थर बन जाता है लिए  एक औरत बेटे को जन्म देने के अपनी सुन्दरता त्याग देती है। और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी मां को त्याग देता है |  सिर्फ फूल जीवन में हर जगह हम जीत चाहते है।  वाले की दुकान ऐसी है, जहां हम कहते है कि हार चाहिए क्योंकि हम भगवान से जीत नही सकते। - ShareChat
आपदा में अवसर.... यही तो चाहते थे.. मोदी,योगी,अमित शाह,अजित डोभाल.... कि बिना विदेशी मुस्लिम ताक़तों के भारत में जन्मे, भारत में पले बढ़े, भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त, भारत में सरकारी नौकरी में सेट मुसलमानों का सिंडिकेट एक ऐसी बड़ी गलती कर बैठे.... कि मोदी के द्वारा तंत्र के हाथ खोल दिये जा सके..... और यही गलती कर भी दी भारत के पढ़े लिखे उच्च शिक्षा प्राप्त मुसलमानों के धड़े ने...... पिछले 11 वर्षों में एक नया खेला हुआ है मुस्लिमों के भीतर ही.... जो कि एक निर्धारित रणनीति के तहत अंजाम दिया गया.... 2014 से पहले गरीब अनपढ़ मुसलमानों का इस्तेमाल किया जाता था पढ़े लिखे मुसलमानों द्वारा भारत के खिलाफ.... परन्तु बुलडोजर एक्शन के ब्रह्मास्त्र ने गरीब मुसलमानों को हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ में भाग लेने से किनारा करने के लिए विवश कर दिया गया।।।। आर्थिक नुकसान गरीब मुसलमान सहन नहीं कर पाए... शुरू शुरू में तो मकान टूटने पर मुस्लिम संगठनों द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की गई.... परन्तु ताबड़तोड़ बुलडोजर एक्शन प्लान के कारण मुस्लिम खैरातअलियों के भी हाथ पाँव फूलने लग गए और आर्थिक सहायता प्रदान करने में ढिलाई पड़ने लग गई... इसके कारण गरीब मुसलमानों ने अपने बच्चों को काबू में करना शुरू कर दिया..... और मोदी के हटने तक शांत रहने की नीतियां अपनाना शुरू कर दिया.... चूँकि अमीर मुसलमानों के ऊपर विदेशी दबाव डाला जा रहा था भारत में मोदी को अस्थिर करने का.... और दूसरी ओर गरीब मुसलमानों द्वारा सहयोग नहीं मिल रहा था तो एकाएक पढ़े लिखे मुसलमानों ने विदेशी मुस्लिम ताकतों के दबाव में खुद ही आतंकी हमला करने के लिए मजबूर हो गए.... इस बार हुए इस्लामिक आतंकी हमले में शामिल पूरा सिंडिकेट भारत में ही जन्मा हुआ है और मदरसाच्छाप मानसिकता से ओत प्रोत भी है.... शुरुआत में सरकारी एजेंसियों को इन सभी पर सिर्फ कड़ी निगरानी रखने की रणनीति बनाई गई और इन्हें हजारों किलो विस्फोटक खरीदने, इधर उधर इकट्ठा करने व आपस में पूरा आतंकी नेटवर्क तैयार करने दिया गया.... जैसे ही ये प्लान के अंतिम चरण में पहुँचने ही वाले थे कि एकाएक कुछ ही घण्टो में अलग अलग स्थानों से इन पढ़े लिखे जिहादियों की धरपकड़ व विस्फोटक सामग्री की बरामदगी की जाने लगी...... एकाएक धरपकड़ होने से जिहादियों में हड़कंप मच गया और जो लोग गिरफ्तार नहीं हो पाए थे उन्होंने विस्फोटक सामग्री अलग थलग करने का काम अपने अपने हिसाब से ही करना शुरू कर दिया..... दिल्ली बम विस्फोट इसी आनन फानन की हड़बड़ी का ही नतीजा था.... कई पकड़ लिए गए और कुछेक बम विस्फोट में मर गए और उसके बाद बचे खुचों को भी दबोच लिया जा रहा है... असली खेल अब शुरू किया जाएगा..... अबकी बार पाकिस्तान को सबक सिखाने की बजाय भारत में कांग्रेस पोषय आधे मोर्चे के खुंदको पर सर्जिकल स्ट्राइक की जानी शुरू होगी..... जहाँ पर आज तक पुलिस,सेना व सुरक्षा एजेंसियों का घुसना बड़ा मुश्किल होता था अब इस आतंकी हमले के बाद उन दड़बों में भी हाथ डाल लिया जाएगा...... भारत के मुसलमानों की पूरी तरह से कागजाति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.... कितने मुल्ले, मौलबी,कितने मदरसे, कितनी मस्जिदें, कितनी आबादी इनमें पढ़ रही है और कौन कौन अपने बच्चों को इन मदरसों में पढ़ा कर गजवा के लिए तैयार कर रहे हैं... अब सब कुछ खंगाला जाना शुरू किया जाएगा .... दिल्ली में मुस्लिम आतंकी हमले के बाद भारत में हिन्दूओ द्वारा आधे मोर्चे की लड़ाई शुरू कर दी गई है.... मोदी सरकार ने सक्षम नेताओं व सक्षम अधिकारियों व एजेंटों के हाथ खोल दिए हैं.... भारत के आंतरिक मामलों में विश्व की कोई ताकत दखलंदाजी करने की हिम्मत नहीं करेगी..... आतंकवाद के खिलाफ मोदी की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर आ गई है हिन्दूओ...... मोदी ने अपना काम कर दिया है अब मोदी का तंत्र अपना काम शुरू कर चुका है..... हैरान मत होइएगा कि आपके शहर में हो सकता है कि आपके गली मोहल्लों में भी तंत्र के लोगों द्वारा आधे मोर्चे की निगरानी रखने की आहट सुनाई दे पड़े..... वैश्विक ताकतों को फटकारने के बाद अब मोदी ने स्व.CDS विपिन रावत जी द्वारा चेताए गए आधे मोर्चे के गृहयुद्ध के जिहादियों को कुचलने का काम शुरू कर दिया गया है.... भारत के मुसलमानों ने मोदी को मौका प्रदान कर दिया है.... अब सबके गिरेबाँ खंगाले जाएंगे और गान पर लात मारकर जिहादियों को मिट्टी में मिलाया जाएगा.... करोड़ों मुस्लिम घुसपैठिए तो जान बचाने व गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग खड़े होंगे.... बाकी के जिहादियों को मोदी का तंत्र सम्भाल लेगा...... नोबत आई तो गली मोहल्लों में तुम भी तैयार हो जाना भारत माँ की सन्तानों..... हर हर महादेव, जय जय श्री राम व अपने आराध्यों के जातीय युद्धघोशों की जयकार करते हुए मोर्चा संभाल लेना माँ भारती की रक्षा के लिए.... अपने अस्तित्व व अपने बच्चों की रक्षा के लिए तैयार हो जाना... क्योंकि जिहादियों द्वारा पतन के अंतिम दौर में जरूर कोई न कोई डायरेक्ट एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा हिन्दूओ के खिलाफ 1946 के बंगाल हिन्दू नरसंहार की तरह ही.... आधे मोर्चे पर युद्ध आरम्भ कर दिया गया है..... अपने हिस्से की तैयारियां शुरू कर लेना भारत माँ के सपूतों.... #पॉलिटिक्स #सामाजिक समस्या# #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
🌞🕉️🌞 🚩 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🧑‍🎤🧑‍🎤 संस्कारों का पतन ही हमारी मृत्यु हैं ❓❓ 👨‍🎤👩‍🎤 🪭एक गैर पुरुष द्वारा साड़ी खींचने पर जिस देश में महाभारत हो गई थी उस भारत स्त्री खुद अपनी साढ़ी उतरवा रही हैं। - पंडित जी महिलाओं को स्वयं तिलक भी नहीं लगाते पर शादियों में अब 🤷‍♀️🤷‍♀️ साढ़ी–ब्लाउज पहनाने 🤷‍♂️🤷वालों को बुलाया जाने लगा है।🤷‍♂️🤷‍♀️🤷 अब किसी भी अवसर पर🤷‍♀️🤷‍♀️ महिलाओं को साढ़ी पहनाने से लेकर मेहंदी, सैलून, टैटू सब काम पुरुष कर रहे है👨‍💼👨‍💼 आज औरतें स्वयं ही परपुरुष से न केवल जिम में अपने निजी अंगों का स्पर्श सुख भोग रही है बल्कि साढ़ी भी उतार पहन रही हैं । 🤷‍♀️🤷‍♀️ ये प्रगति नहीं 🚫 सनातन परंपरा का पतनहै।📜📜 राक्षसी प्रवृत्ति का बढ़ावा👹👺 ----------------- ------------------ 🤷‍♀️🤷‍♀️🤷‍♀️ ईश्वर ....…. प्रकृति ने नारी के शरीर पर स्तन दिए, ताकि वह अपनी संतान को स्तनपान करा कर उसका पालन पोषण कर सके। पर..? 🤭🤭😔 पिछले कुछ वर्षों से असंख्य 🤷‍♀️महिलाओं ने अपने स्तनों को सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स बढ़ाने का माध्यम बना लिया हैं।। एक देश 👮‍♀️👮🏻इजरायल है जहां लड़कियां👮🏻 देश की सुरक्षा के लिए कदम से कदम मिलाकर लड़ रही है। 👮🏻👮🏻 🇮🇳🇮🇳 एक देश हमारा भारत है जहां ज्यादातर लड़कियां यूट्यूब,इंस्टाग्राम पर नंगी होकर मुजरा कर रही है और दुःख इस बात का है मां-बाप / पति उन्हें मना करने के बजाय बहुत खुश हो रहें हैं और उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं!! Subscribers और Like करने वाले भाई इनके मजे ले रहे हैं और वाह वाह कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है आपकी सोच ग़लत है, उनको मैं बताना चाहता हूं कि समाज की कुछ मर्यादाएं भी होती हैं जिनका पालन करना सबके लिए अनिवार्य होता है ! ऐसे लोगों से मेरा प्रश्न है कि - मान लीजिए आप अपनी बहिन बेटियों की बहुत इज्जत करते हैं, आपकी सोच भी गंदी नहीं है तो क्या आपकी बहिन बेटियां आपके सामने निर्वस्त्र घूम सकती हैं ? नहीं ना ? 📜📜 इसलिए सामाजिक नियमों का पालन कीजिए, बच्चों को नैतिकता की शिक्षा दीजिए, व्यभिचार से दूर रहिए और देश की संस्कृति बचाने में अपना योगदान दीजिए🙏👏 सार्वजनिक जीवन में अश्लीलता का विरोध सदैव होगा, वीडियो ही बनाना है तो कुछ अच्छे वीडियो बनाएं, ऐसे वीडियो जो परिवार संग देखे जा सके! लोगों को अपना टैलेंट दिखाना है, अपने निजी अंग नही..✍️ ये प्रगति नहीं 🚫 सनातन परंपरा का पतन है।📜📜 राक्षसी प्रवृत्ति का बढ़ावा👹👺 जय हिंद 🇮🇳 🚩🚩👏👏 ------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ 🌈 *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है @🚩[卐] 𝙍𝙞𝙩𝙪_ 𝙗𝙖𝙟𝙥𝙖𝙞 [卐] #सामाजिक समस्या#
🌞🌞🌞 *सूर्य को हनुमान जी कैसे निगल गऐ* 🌞🌞🌞🌞🌞 🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🚩🚩 *पृथ्वी से 28 लाख गुना सूर्य हनुमान जी ने कैसे निगल लिया? क्या यह विज्ञान के साथ मजाक है????* 📜📜 *इस हिसाब से तो आपको हर उस चीज पर सवाल उठाने चाहिए जो की आसान नहीं है। जैसे कि हनुमान जी ने बिन थके इतना विशाल समुद्र कैसे पार कर लिया। अरे श्री हनुमान जी भगवान का अंश है उन्हे विभिन्न तरीके के वरदान प्राप्त हुए है। भगवान है।* 📜📜📜 *हनुमान जी के पास अष्ट महासिद्धि और नौ निधि हैं. ये अष्ट महासिद्धि अणिमा, लघिमा, महिमा, ईशित्व, प्राक्रम्य, गरिमा और वहित्व हैं। इन्ही सिद्धि के सहारे उनका सूर्य के पास जाना और उसे निगलना संभव हैं लेकिन हनुमान जी निगलते नहीं है।* 📜📜📜📜 *गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी हनुमान चालीसा के इस 18वीं चौपाई में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का वर्णन है।* 📜📜📜📜📜 *जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।* 👏👏 *लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।* यह दोहा अवधी भाषा में है इस दोहे का हिंदी भाषा में अर्थ है कि हनुमानजी ने एक युग सहस्त्र योजन की दूरी पर स्थित भानु यानी सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था (खाने ही वाले थे तभी देवराज इंद्र ने प्रहार कर दिया)। अगर आप यहां विज्ञान का तर्क देना चाहते है तो दे सकते है जैसे कि – अपनी लघिमा सिद्धि का उपयोग करके हनुमान जी अपना वजन सूक्ष्म मतलब न के बराबर कर सकते थे। जैसा हमने विज्ञान में पड़ा है कि जिस पार्टीकल का वजन ना के बराबर होता है वह पार्टीकल ही प्रकाश की गति से ट्रैवल कर सकता है क्योंकि उस स्थिति में उस पार्टीकल पर गुरुत्वाकर्षण बल और सेंटर ऑफ ग्रेविटी का असर नहीं होता हैं। इस तरह हनुमान जी प्रकाश की गति से भी तेज उड़कर सूर्य को निगलने के लिए पहुचे थे। *और ये भी जानिए कि* नासा के अनुसार सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 149 मिलियन किलोमीटर हैं और यह बात पहले ही हनुमान चालीसा के 18 वीं चौपाई में धरती और सूरज की बीच की दूरी का वर्णन किया गया है। हनुमान जी के अष्ट सिद्धि में से एक महिमा हैं। इस सिद्धि से वह अपने शरीर को जितना चाहे उतना बड़ा कर सकते थे। इसलिए हनुमान जी के सामने पूरी पृथ्वी ही एक फल के सामान हैं। विज्ञान के अनुसार कोई भी ऐसी वस्तु जिसका वजन ज्यादा और उसमे बहुत ऊर्जा हो वह ब्लैक होल बना सकती हैं और ब्लैक होल सूर्य को निगलने की क्षमता रखता हैं। जब ब्लैक होल सूर्य को निगल सकता है तो श्री हनुमान जी भगवान शिव के अवतार है। भगवान है। ब्रह्माण में कुछ भी असंभव नहीं हैं। *बदलाव :* आज से 70–80 साल पहले अगर कोई कहता कि इंसान अंतरिक्ष में जा सकता है तो लोग हंसते होंगे। 40–50 साल पहले कोई कहता की इंसान हजारों किलोमीटर की दूरी चंद घंटों में पूरी कर सकता है तो लोग हंसते होंगे। 20–30 साल पहले कोई कहता कि इंसान दूर बैठे दूसरे इंसान से बातचीत कर सकता है तो लोग हंसते होंगे। 15–20 साल पहले कोई कहता कि एक इंसान दूर बैठे दूसरे इंसान से फेस टू फेस देख सकता है तो लोग हंसते होंगे। *बदलाव – 2* हाल ही में चीन ने अपना खुद का एक कृत्रिम सूर्य बनाने में सफलता हासिल की है। आज हम लोग शहर में रहते है इसलिए इस खबर को सुन/पढ़ कर यकीन कर सकते है। लेकिन गांव में जाकर किसी से पूछोगे तो वह इस सवाल करने वाले की तरह आपका मजाक उड़ाएगा। और इस बात पर यकीन नही करेगा कि कोई देश (किसी देश के लोग) सूर्य को बना सकते है। अब आप समझ गए होंगे कि में क्या कहना चाहता हु! आगे भी विज्ञान की मदद से हम लाइटिंग स्पीड से सफर करने पर रिसर्च कर रहे है (और अभी यह मजाक लग रहा होगा।) लेकिन हमारी यह सोच अब तक सच साबित हुई है तो फिर हमारी संस्कृति के बारे में आप ऐसा क्यों सोचते है जैसे कि सब एक अंधविश्वास हो। हमारी संस्कृति हमारे दिल–दिमाग, इतिहास, किताबो और वेदों में निहित है जबकि विज्ञान अभी शुरुआत ही है इसलिए हम आज तक भी विज्ञान को सही तरीक़े से नहीं समझ पाए है तो फिर अपनी संस्कृति को आप एक लिमिट तक सही लेकिन ज़्यादा विज्ञान से तुलना कैसे कर सकते है। इसलिए कभी भी अपनी संस्कृति को विज्ञान से ज्यादा तुलना नही करनी चाहिए। कुछ चीजें ऐसी होती है जो अभी विज्ञान भी नही समझ सकता। *जय जय श्रीराम* 🚩🚩🌹 🌈🌈🌈🌈🌈🌈 #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #पूजा #आध्यात्म🕉️🙏🏻
बंगाल में SIR अभियान रोज़ नई आग उगल रही है ! घर-घर पहुंचते ही BLO को जो मिल रहा है, उससे दिल्ली तक हिल गई है, एक ही फोटो से 17-17 वोटर कार्ड, मृत हुई औरतें 2024 में भी वोट डाल रही थीं, 90 साल की बुढ़िया का फोटो 25 साल के जवान लड़के ने लगा रखा था ! चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए AI फेशियल रिकग्निशन ने तो कमाल कर दिया, एक ही क्लिक में सैकड़ों डुप्लीकेट पकड़ लिए जा रहे हैं ! यानि एक ही फोटो में अलग अलग नाम और अलग-अलग जगहों पर वोटिंग हुआ करती थी ! बॉर्डर पर तो अलग ही हंगामा है, हकीमपुर-ताराली पर रात-रात भर लाइन लगी है, बैग कंधे पर, बच्चे गोद में, सैकड़ों बांग्लादेशी रोते-गाते वापस जा रहे हैं, जो गुप्त रास्ते से बार्डर पार कर ले रहे हैं उनकी छोड़िए, BSF वालों ने भी 18 नवंबर को 500 लोगों को ऑन रिकॉर्ड पकड़ा है, जो कल तक कोलकाता में रिक्शा चला रहे थे, आज कह रहे हैं दादा बस, अबकी तो घर ही ठीक है ... ऊपर से फ्राड स्कैमर लोग OTP मांगकर धमका रहे हैं कि SIR फॉर्म नहीं भरा तो जेल होगी OTP बताओ ! मने फ्राड करने वालों ने यहां भी दिमाग लगा लिया SIR सिर्फ लिस्ट साफ नहीं कर रहा, बंगाल के 50 साल के वोटबैंक की गंदगी को भी बाहर निकाल रहा है ! ये आग अभी और भड़केगी ..... 🤗 #सामाजिक समस्या# #पॉलिटिक्स #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
🚩 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 👹👹👹 हिंदुओं के प्रति कांग्रेस की माया सदैव अपरंपार रही है और रहेगी 👹👹👺👺👺 हर हर मुस्लिम घर घर मुस्लिम सच्चर कमिशन क्या था जो 2005 में मनमोहन सिंह सरकार में काँग्रेस लायी थी। *कांग्रेस इस देश का संसाधन मुसलमानों को इस हद तक देना चाहती थी कि 2005 में मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को यह देश सौंपने के लिए और हिन्दुओं को बर्बाद करने के लिए सच्चर कमीशन बनाया", सच्चर कमीशन ने करीब 350 पन्नों की रिपोर्ट सरकार को दी थी..." *सच्चर कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार* *1- मुसलमानों को दलित और ST क्लास में आरक्षण दिया जाए *2- मुसलमानों के बच्चों की पढ़ाई फ्री हो और मुसलमान बच्चों को किताबें, कापियां मुफ्त में दीं जाएं *3- एमबीबीएस इंजीनियरिंग और आईआईटी में मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण हो *4-.बैंक मुसलमान को बिना किसी गारण्टी के लोन दें और यदि मुसलमान लोन न चुका सकें तो बैंक उस पर कोई कार्रवाई न करें *5- राज्य सरकार, बोर्ड निगम में ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को लाने के लिए 30% सीट मुसलमान को दें *6- केंद्र सरकार कानून बनाए जिससे सभी राज्य की विधानसभाओं में काम से कम 40% मुसलमानों को सीट रिजर्व किया जाए *7- केंद्र कानून बनाए जिससे संसद में दोनों सदनों में 30% मुस्लिम सांसद बनकर आएं *8- मुसलमानों को व्यापार करने के लिए हर शहर में अलग इंडस्ट्रियल जोन बनाया जाए, उनको मुफ्त में बिजली मिले और उन्हें 10 साल तक सभी टैक्स में माफ किया जाए, ताकि वह अपना बिजनेस कर सकें *9- मुसलमान लड़कियों की शादी में सरकार ₹5,00,000 की मदद करें *10- मुसलमानों को विदेश में पढ़ने के लिए हर साल सरकार कम से कम 10,000 मुसलमान बच्चों को स्कॉलरशिप दे *11- मुस्लिम इलाकों में बैंक खोले जाएं जो मुसलमान को मुफ्त में लोन दें, मुसलमान के लिए अलग से IIT और पॉलिटेक्निक खोले जाएं जिसमें सिर्फ मुसलमान बच्चे पढ़ें *12- जिस भी निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम 20% से ऊपर हों, उस चुनाव क्षेत्र को दलित या आदिवासियों के लिए लोकसभा या विधानसभा के लिए रिजर्व ना किया जाए- बल्कि उनको मुसलमान के लिए रिजर्व किया जाए *14- मदरसों की डिग्री को डिफेंस, सिविल और बैंकिंग एग्जाम के लिए मान्य करने की व्यवस्था करना। *15- हर एक मुसलमान को सरकार निजी कार, बाइक या कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए बिना ब्याज के लोन दे *आप गूगल पर सच्चर समिति की सिफारिश से सर्च करके उसे पढ़िए, आप चौंक जाएंगे कि किस हद तक कांग्रेस इसमें लगी थी कि भारत में हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनकर मुसलमानों को भारत का उच्च क्लास का नागरिक बना दिया जाए* और *हिन्दुओं को भीख माँगने पर मजबूर कर दिया जाए* 🌹हर हर मुस्लिम 🌹 🚩🚩👏👏 ------------------ 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ ** 🌈 *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #पॉलिटिक्स #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
🌞🕉️🌞 🚩 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🧑‍🎤🧑‍🎤 संस्कारों का पतन ही हमारी मृत्यु हैं ❓❓ 👨‍🎤👩‍🎤 🪭 1-सनातन परंपरा अनुसार शादी दिन में संपन्न कराना प्रारंभ करो ताकि सही समय लग्न मुहूर्त में जब विवाह संपन्न होता है सामाजिक जीवन सुखमय व्यतीत होता है 🤷‍♀️🤷‍♀️ 🤷‍♂️🤷 2-ईसाई धर्म, सिख धर्म, मुस्लिम, यह तीनों धर्म दिन में समस्त मांगलिक कार्यक्रम संपन्न कर (60% धनराशि हिंदुओं के कार्यक्रमों अनुसार सुरक्षित रखते हैं) 🤷‍♂️🤷‍♀️🤷 3-सनातन परंपरा से विपरीत हिंदू हल्दी, मेहंदी, बैंड, बाजा आतिशबाजी आदि ,आदि, नए-नए कार्यक्रम जोड़कर 60% धन हंसी-खुशी बर्बाद करते हैं जो किसी न किसी रूप में जिहादियों के पास जाता है इस धन से वह हमें मिटा रहे हैं। 4-सनातन परंपरा अनुसार पंडित जी ,माली,नाऊ,फांसी, कुम्हार , आदि का दक्षिण जो सात परजा लगाए जाते हैं उनको दक्षिण खर्चा देने में पूरा परिवार खानदान नातेदार फैसला करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं जो हमारी संस्कृति पर आश्रित है विचार योग्य 🤷‍♀️🤷‍♀️ 5-शादी में जूता चुराई रस्म राशि बढ़ती जा जाती है। जिनके सगी साली नहीं होती है किराए की(ममेरी फुफेरी) कर्तव्य निर्वाहन करती हैं समाज में उनका घोर अपमान हो जाता है क्योंकि परिवार चाहता है नेग के नाम पर इनको 11,21 ही देना पड़े पर सामाजिक स्तर पर ज्यादा मंगवाए जाते हैं दिखावे के लिए रस्म संपन्न होते ही किराए की सालियों से 51, 101 देकर बाकी रकम वापस ली जाती है उनके माता-पिता पर क्या बितती होगी विचार योग्य 👨‍💼👨‍💼 6- आजकल गांव में भी शादी के 3 दिन पहले और तीन दिन बाद तक घरेलू भोजन बनाने के लिए लोग बुलाए जाने लगे जो समाज के लिए शर्मनाक है गांव की मर्यादा परंपरा को पतन की ओर अग्रसर 🤷‍♀️🤷‍♀️ ये प्रगति नहीं 🚫 सनातन परंपरा का पतनहै।📜📜 राक्षसी प्रवृत्ति का बढ़ावा👹👺 🤷‍♀️🤷‍♀️🤷‍♀️ ➖➖➖➖➖➖ सनातन परंपरा अनुसार समाज में आवश्यकता है ➖➖➖➖➖➖ सनातन समाज 1- शादी सही समय पर सुनिश्चित करें 2-समस्त कार्यक्रमों को गुरुकुल छात्रों द्वारा कार्य प्रारंभ करें सनातन का पैसा सनातन के कार्य में (बोनस में नशेड़ी टीम गायब हो जाती है) 3-मांगलिक कार्यक्रम में ब्राह्मण, माली ,नाऊ, धोबी , आदि सातो सदस्य को दक्षिणा सही वस्त्र उपलब्ध कराए ➖➖➖➖➖ आदि आदि लेख असीमित है स्वयं विचार करें जय हिंद 🇮🇳 🚩🚩👏👏 ------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ ** 🌈 *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #सामाजिक समस्या#
🍦🍦🍦🍦🍦🍦🍦🍦 *भारतीय सनातनी परिवारों को* समाप्त करने की और तोड़ने की दो प्रकार की साजिश की गई पहले की परिवार को ही समाप्त कर दिया जाए इसके लिए तरह-तरह के एजेंडे चलाए गए जबरदस्ती नसबंदी हम दो हमारे दो का ट्रेंड सेट किया गया उसका प्रभाव आप सब देख रहे हैं। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *दूसरा पारिवारिक संबंधों को* ही समाप्त कर दिया जाए जाए, संबंध समाप्त हो जाएंगे तो परिवार अपने आप समाप्त हो जाएगा इसके तहत सबसे बड़ा एजेंडा सास बहू के संबंधों को लेकर चलाया गया और देवरानी जेठानी ननंद भोजाई इत्यादि जितने भी पारिवारिक संबंध थे उन सब को पिक्चरों और सीरियलों में नकारात्मक तरीकों से प्रस्तुत करके हमारे संबंधों को समाप्त किया गया और सीरियल और पिक्चर चलाने वाले कौन सी तकते हैं वह आप सबको पता होना चाहिए इसलिए आज हमने सास बहू के उन पवित्र संबंधों के विषय में विस्तार से चर्चा की है कि यह संबंध किस प्रकार से हमारे परिवार और समाज के लिए सकारात्मक और लाभदायक है इस पर आप जरूर विचार करें 📢📢📢📢📢📢📢 🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲 #सामाजिक समस्या# #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान