K. VISHVAKARMA
ShareChat
click to see wallet page
@kam171979
kam171979
K. VISHVAKARMA
@kam171979
जय श्री राम
*इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।* *हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है।* 01 *अग्नि विद्या* (Metallurgy) 02 *वायु विद्या* (Flight) 03 *जल विद्या* (Navigation) 04 *अंतरिक्ष विद्या* (Space Science) 05 *पृथ्वी विद्या* (Environment) 06 *सूर्य विद्या* (Solar Study) 07 *चन्द्र व लोक विद्या* (Lunar Study) 08 *मेघ विद्या* (Weather Forecast) 09 *पदार्थ विद्युत विद्या* (Battery) 10 *सौर ऊर्जा विद्या* (Solar Energy) 11 *दिन रात्रि विद्या* 12 *सृष्टि विद्या* (Space Research) 13 *खगोल विद्या* (Astronomy) 14 *भूगोल विद्या* (Geography) 15 *काल विद्या* (Time) 16 *भूगर्भ विद्या* (Geology Mining) 17 *रत्न व धातु विद्या* (Gems & Metals) 18 *आकर्षण विद्या* (Gravity) 19 *प्रकाश विद्या* (Solar Energy) 20 *तार विद्या* (Communication) 21 *विमान विद्या* (Plane) 22 *जलयान विद्या* (Water Vessels) 23 *अग्नेय अस्त्र विद्या* (Arms & Ammunition) 24 *जीव जंतु विज्ञान विद्या* (Zoology Botany) 25 *यज्ञ विद्या* (Material Sic) *ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की।* 26 *वाणिज्य* (Commerce) 27 *कृषि* (Agriculture) 28 *पशुपालन* (Animal Husbandry) 29 *पक्षिपलन* (Bird Keeping) 30 *पशु प्रशिक्षण* (Animal Training) 31 *यान यन्त्रकार* (Mechanics) 32 *रथकार* (Vehicle Designing) 33 *रतन्कार* (Gems) 34 *सुवर्णकार* (Jewellery Designing) 35 *वस्त्रकार* (Textile) 36 *कुम्भकार* (Pottery) 37 *लोहकार* (Metallurgy) 38 *तक्षक* 39 *रंगसाज* (Dying) 40 *खटवाकर* 41 *रज्जुकर* (Logistics) 42 *वास्तुकार* (Architect) 43 *पाकविद्या* (Cooking) 44 *सारथ्य* (Driving) 45 *नदी प्रबन्धक* (Water Management) 46 *सुचिकार* (Data Entry) 47 *गोशाला प्रबन्धक* (Animal Husbandry) 48 *उद्यान पाल* (Horticulture) 49 *वन पाल* (Forestry) 50 *नापित* (Paramedical) *जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा ?* *मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।* *1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा।* *अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।* *मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है–* *“कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।”* *इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया। जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा-पीटा, जेल में डाला।* *गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।* *मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि-* *“इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”* *उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है ?* *हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है।* *हमने अपना इतिहास गवां दिया है। क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।* *आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए ! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने असफल कैसे होते जा रहें हैं ?* *किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए।* *जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता।* *हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। सरकारें आएंगी जाएंगी, इनसे बहुत उम्मीद करना बेवकूफी होगी, जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे।* *जागना होगा और कोई विकल्प नहीं।* #सामाजिक समस्या# #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान
*महाभारत से पहले कृष्ण भी गए थे दुर्योधन के दरबार में. यह प्रस्ताव लेकर, कि हम युद्ध नहीं चाहते....* *तुम पूरा राज्य रखो.... पाँडवों को सिर्फ पाँच गाँव दे दो...* *वे चैन से रह लेंगे, तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे.* बेटे ने पूछा - "पर इतना *unreasonable proposal* लेकर कृष्ण गए क्यों थे ? अगर दुर्योधन प्रोपोजल एक्सेप्ट कर लेता तो..? पिता :- नहीं करता....! कृष्ण को पता था कि वह प्रोपोजल एक्सेप्ट नहीं करेगा... *उसके मूल चरित्र के विरुद्ध था*. फिर कृष्ण ऐसा प्रोपोजल लेकर गए ही क्यों थे..? *वे तो सिर्फ यह सिद्ध करने गए थे कि दुर्योधन कितना अन्यायी था.* वे पाँडवों को सिर्फ यह दिखाने गए थे, कि देख लो... युद्ध तो तुमको लड़ना ही होगा... हर हाल में... अब भी कोई शंका है तो निकाल दो....मन से. तुम कितना भी संतोषी हो जाओ, कितना भी चाहो कि "घर में चैन से बैठूँ "... *दुर्योधन तुमसे हर हाल में लड़ेगा ही*. *"लड़ना.... या ना लड़ना" - तुम्हारा ऑप्शन नहीं है..."* *फिर भी बेचारे अर्जुन को आखिर तक शंका रही... "सब अपने ही तो बंधु बांधव हैं...."😞* *दुर्योधन को कभी शंका नही थी*... *उसे हमेशा पता था कि "उसे युद्ध करना ही है... "उसने गणित लगा रखा था....* *हिन्दुओं को भी समझ लेना होगा कि ऑप्शन नहीं* है... आपने तो पाँच गाँव का प्रोपोजल भी देकर देख लिया... देश के दो टुकड़े मंजूर कर लिए, *(उस में भी हिंदू ही खदेड़ा गया अपनी जमीन जायदाद ज्यों की त्यों छोड़कर....)* हर बात पर *विशेषाधिकार* देकर देख लिया.... *हज के लिए सबसीडी* देकर देख ली, उनके लिए अलग नियम कानून (धारा 370) बनवा कर देख लिए... *"आप चाहे जो कर लीजिए, उनकी माँगें नहीं रुकने वाली"* उन्हें सबसे स्वादिष्ट उसी *गौमाता* का माँस लगेगा जो आपके लिए पवित्र है, उसके बिना उन्हें भयानक कुपोषण हो रहा है. उन्हें "सबसे प्यारी" वही मस्जिदें हैं, जो हजारों साल पुराने *"आपके" ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ कर बनी हैं....* उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उसी आवाज से है *जो मंदिरों की घंटियों और पूजा-पंडालों से है.* ये माँगें *गाय* को काटने तक नहीं रुकेंगी... यह समस्या मंदिरों तक नहीं रहने वाली, यह घर तक आने वाली है... *बहू-बेटियों* तक जाने वाली है... *आज का तर्क है*:- तुम्हें गाय इतनी प्यारी है तो *सड़कों पर क्यों घूम रही है ?* हम तो काट कर खाएँगे.... हमारे मजहब में लिखा है ! कल कहेंगे, *"तुम्हारी बेटी की इतनी इज्जत है तो वह घर से निकलती ही क्यों है ?* *उन्हें समस्या गाय से नहीं है*, *हमारे "अस्तित्व" से है*. जब तक हो, उन्हें कुछ ना कुछ प्रॉब्लम रहेगी. *इसलिए हे अर्जुन*, *और डाउट मत पालो*... *25 साल पहले कश्मीरी हिन्दुओं का सब कुछ छिन गया..... वे शरणार्थी कैंपों में रहे, पर फिर भी वे आतंकवादी नहीं बनते....* जबकि कश्मीरी मुस्लिमों को सब कुछ दिया गया.... वे फिर भी आतंकवादी बन कर जन्नत को जहन्नुम बना रहे हैं । *पिछले साल की बाढ़ में सेना के जवानों ने जिनकी जानें बचाई वो आज उन्हीं जवानों को पत्थरों से कुचल डालने पर आमादा हैं....* इसे ही कहते हैं संस्कार..... ये अंतर है *"धर्म"* और *"मजहब"* में..!! एक जमाना था जब लोग मामूली चोर के जनाजे में शामिल होना भी शर्मिंदगी समझते थे.... *और एक ये गद्दार और देशद्रोही लोग हैं जो खुले आम... पूरी बेशर्मी से एक आतंकवादी के जनाजे में शामिल हैं..!* - *सन्देश साफ़ है,,,* एक कौम, देश और तमाम दूसरी कौमों के खिलाफ युद्ध छेड़ चुकी है.... *अब भी अगर आपको नहीं दिखता है तो...* *यकीनन आप अंधे हैं !* *या फिर शत प्रतिशत देश के गद्दार..!!* आज तक हिंदुओं ने किसी को हज पर जाने से नहीं रोका... *लेकिन हमारी अमरनाथ यात्रा हर साल बाधित होती है* ! *फिर भी हम ही असहिष्णु हैं.....?* *ये तो कमाल की धर्मनिरपेक्षता है भाई* #पॉलिटिक्स #सामाजिक समस्या#
#पॉलिटिक्स #राजनीतिक व्यंग्य
पॉलिटिक्स - कांग्रेस पार्टी से ज़्यादा सीटें महिंद्रा गाडी में महिंद्रा का नया ऐड कांग्रेस पार्टी से ज़्यादा सीटें महिंद्रा गाडी में महिंद्रा का नया ऐड - ShareChat
🌞🕉️🌞 🚩 🪔🪔🪔 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🙄 ये हैं पांच “डॉक्टर” —डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल अहमद, डॉ. शाहीन, डॉ. मोहिउद्दीन सईद, डॉ. मोहम्मद उमर। नाम सुनकर लगा होगा — कोई मेडिकल टीम है! पर नहीं जनाब... ये हॉस्पिटल के स्टाफ नहीं, “जन्नत मिशन” के स्टाफ हैं! आतंकवादी हैं सारे के सारे !! ☠️ डाक्टर की डिग्रियाँ लीं, सालों पढ़ाई की, लाखों रुपए खर्च किए पर दिमाग 🧠 में भरा वही पुराना ज़हर। सोचिए—जब आख़िर में “डॉक्टर” नहीं, आतंकी ही बनना था, तो इतनी पढ़ाई-लिखाई की नौटंकी की ही क्यों? Mulla मोदी घर दे दी, राशन दे दी,आयुष्मान कार्ड दे दी,मुसलमानों के लिए 550 से अधिक सरकारी योजनाएं, नौकरियां देकर, हिन्दुओं का हक छिन कर दिया गया और दिया जा रहा है कोई वोटके लिए तो कोई गांधी, नेहरू, khangress से भी बड़ा मुसलमानों का खलीफा बनने.विश्वास,दिल जीतने का पागलों वाली सनक देश को तेजी से हिन्दुओं का सफाया करवाकर इस्लामिक देश बनाने में शामिल ये सभी नेता और पार्टियां लेकिन अंत वहीं होता है जहाँ से सब 1450 साल शुरू हुआ था।😡😡😡😡 🚩🚩👏👏 -------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #सामाजिक समस्या#
🌞🕉️🌞 🚩 🪔🪔🪔 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🕉️🕉️ 2027 तक धार्मिक भावनाओं में बहकर भंडारे बंद कर दो और आमदनी के लिए भंडारा करके सभी को खिलाने से बेहतर है कि, हिंदू अपना पैसा धर्म के लिए लड़ने वाले युवाओं का केस लड़ने उनकी जमानत करवाने में खर्च करे। धर्म के लिए कटर बनों एक बनों हिन्दु बचेगा तो धर्म रहेगा हिन्दुओं से धर्म है धर्म से हिन्दुओं नही 🔱🔱 2️⃣ जेहादी अनपढ़ रहे तो जनसंख्या विस्फोट और पढ़-लिख गए तो बम विस्फोट.. कुछ भी हो जाए वो फटेंगे जरूर..!! 🔱🔱🔱 3️⃣ कर्म तुरंत नहीं बोलता पर जब बोलता है तो सबको चुप कर देता है 🔱🔱🔱🔱 4️⃣ बिना स्वार्थ किसी का भला करके देखिए आपकी तमाम उलझनें ईश्वर सुलझा देगा ➖➖➖➖➖ 5️⃣ विस्फोटक और हथियार अब्दुल के घर से मिलते है ... लेकिन कांग्रेसी और अब्दुल मिलकर एक साथ कहते हैं की . नफरत RSS वाले फैलाते है .. ➖➖➖➖➖ 6️⃣ पाक में इतने आतंकी नही, जितने हमारे देश मे गद्दार हैं। 🚩🚩👏👏 -------------------- 📜📜 ➖➖➖➖➖➖ *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #सामाजिक समस्या#
🌞🕉️🌞 🚩 🕉️🌞🚩🌹🙏🙏 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ --------------------------- *🌍 क्या आने वाला समय कुंवारेपन का युग होगा?* एक हालिया अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, अगले छह वर्षों में विश्व की लगभग 45% लड़कियाँ अविवाहित रह जाएँगी। यह रिपोर्ट 1 फरवरी 2025 को प्रकाशित लोकमत अख़बार में छपी थी, जो मॉर्गन स्टेनली संस्था द्वारा किए गए एक विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। *🔍 सर्वेक्षण के प्रमुख कारण:* •आज की लड़कियाँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और करियर को प्राथमिकता दे रही हैं। •वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं और किसी पर निर्भर रहना नहीं चाहतीं। •उन्हें स्वतंत्रता प्रिय है और वे अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेना चाहती हैं। •विवाह, मातृत्व और पारिवारिक बंधनों को वे अक्सर अपनी प्रगति में बाधा मानने लगी हैं। *🎯 समाज पर संभावित प्रभाव:* •यदि यह प्रवृत्ति बनी रही, तो पारंपरिक परिवार प्रणाली और सामाजिक संरचना बिखर सकती है। •जनसंख्या में गिरावट, कुंवारे लड़कों की संख्या में वृद्धि, और वृद्धावस्था में अकेलेपन की समस्याएँ सामने आ सकती हैं। •प्रश्न यह भी उठता है प्रगति, पद और पैसा किस काम आएँगे, जब जीवन के अंत में साथ देने वाला कोई न होगा? *📣 एक चिंतनीय उदाहरण:* कई माता-पिता लड़कियों के रिश्ते तो ढूँढ रहे हैं, पर स्वयं लड़की की विवाह में रुचि नहीं होती। इसके कारण हर रिश्ता नकारा जा रहा है। *🔔 समाज के लिए अपील:* समाज के एक बड़े वर्ग को इस बदलाव की गंभीरता का अभी अनुमान नहीं है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम समय रहते चेतें। लड़कियों के विवाह के लिए उपयुक्त आयु 23 से 26 वर्ष के बीच हो इसके लिए सामूहिक स्तर पर जागरूकता और पहल जरूरी है। *यह विषय किसी के विरोध में नहीं, बल्कि भविष्य की स्थिरता और संतुलन की चिंता के तहत उठाया गया है।* *समाज, परिवार और व्यक्तिगत जीवन तीनों को संतुलित रखना ही सच्ची प्रगति है।* 🚩🚩💧💧👏👏 👏👏 ➖➖➖➖➖➖ 🚩🚩 *सदैव प्रसन्न रहिये!!* *जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!*➖➖➖➖➖➖ #सामाजिक समस्या#
*आज हम हुलिया सुधरवाने मोहल्ले के सैलून जा पहुंचे..* *नाई ने पहले मुंह पर पानी का फुहारा मारा, फिर क्रीम लगाकर मालिश की.. उसके बाद तौलिये से रगड़ कर मुंह साफ किया, फोम लगाया, रेजर में नया ब्लेड लगाया, शेव की, मूंछें और भवें सेट कीं, बढ़िया आफ्टर शेव लोशन लगाया, बोरोलीन पोता, फिर आखिर में हल्का सा पाउडर फाइनल टच दिया..* *हमने कहा "जरा नाक के बाल निकाल दे.." उसने साथ में कान पर खड़े दो चार बालों पर भी कैंची फिरा दी। फिर हम बेशर्मी से बनियान उतार कर खड़े हो गये.. हाथ ऊपर उठाया, उसने बगल के भी बाल साफ कर दिये। उसके बाद उसने कंधे-पीठ पर हाथ मारा और थोड़ी देर मालिश भी कर दी..* *हम अनमने से उठे, शीशे में आगे-पीछे कई एंगल से खुद को निहारा.. रितिक रोशन बनने में कुछ कमी सी लग रही थी, वो संशकित हमें घूर रहा था। शीशे के सामने कई बार अगवाड़ा-पिछवाड़ा ऐंठने के बाद आखिरकार हमें कमी मिल ही गई- मूंछ में दो बाल सफेद दिख रहे थे.. उन्हें भी निकलवाया और फाइनली पचास रुपया उसके हवाले करके यह सोचते हुए घर की राह ली कि "साली महंगाई कितनी बढ़ गई है, जरा सी दाढ़ी के पचास रुपये.?!* *सोचिये कि उसने हमारे पचास के नोट के बदले कितना कुछ किया.? जबकि बात तो सिर्फ दाढ़ी बनाने की हुई थी, नाक, कान, बगल के बाल साफ करने और मालिश की बात तो नहीं हुई थी न.?* *अब गंभीरता से सोचिये कि एक वोट के बदले आपके लिये क्या-क्या नहीं किया गया.? वादा तो सिर्फ राम मंदिर, 370 और समान नागरिक संहिता का था न.? पर उसने तो-* *•ईरान का ₹ 48,000 करोड़ ऋण चुकाया,* *•संयुक्त आरब अमीरात का ₹ 40,000 करोड़ ऋण चुकाया,* *•भारतीय ईंधन कंपनियों का ₹ 1,33,000 करोड़ घाटा पूरा किया,* *•इंडियन एयरलाइंस का ₹ 58,000 करोड़ घाटा पूरा किया,* *•भारतीय रेलवे का ₹ 22,000 करोड़ घाटा पूरा किया,* *•बीएसएनएल का ₹ 1,500 करोड़ घाटा पूरा किया,* *•देश का ₹ 2,50,000 करोड़ का विदेशी कर्ज ब्याज के साथ चुकाया,* *•सेनाओं को आधुनिक संसाधन देकर उन्हें विश्वस्तरीय बनाया,* *•18,500 गांवों का विद्युतीकरण कराया,* *•गरीबों को 8 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया,* *•हजारों किलोमीटर नई सड़कें बनाईं,* *•युवाओं को ₹ 1,50,000 करोड़ के ऋण दिये,* *•आयुष्मान भारत में 50 करोड़ नागरिकों के लिए ₹1,50,000 करोड़ की वैद्यकीय बीमा योजना आरंभ की,* *•राम मंदिर भी बनवाया,* *•370 भी हटाई,* *•कश्मीर को केंद्रशासित कर दिया, •लद्दाख को अलग कर दिया,* *•पाकिस्तान की हालत खजैले कुत्ते जैसी कर दी,* *•CAA लागू किया,* *•ढाई लाख रुपये मकान बनाने को दिया,* *•घर घर शौचालय बनवाया,* *•मुफ्त के सिलेंडर दिये,* *•किसान कर्जमाफी कर के देश की इकोनामी को खतरे में डाला, किसी का तुष्टीकरण नहीं किया।* *भले लाखों कार्यकर्ता नाराज हुए, पर भाई भतीजावाद नहीं किया।* *•इसके अतिरिक्त NRC और NPR समेत देश और नागरिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाओं पर काम चल रहा है..* *लेकिन हमारे मन में गुस्से से बार-बार एक ही सवाल उठता है- "साला क्या जमाना आ गया है, एक वोट के बदले बस इत्ता सा ही.?! कुछ भी तो नहीं किया मोदी ने..."* *कितने बेशर्म हैं हम, पता नहीं कब सुधरेंगे.? जागो और जगाओ वन्देमातरम जय मां भारती मोदी है तो मुमकिन है🙏 #सामाजिक समस्या# #पॉलिटिक्स
🌞🕉️🌞 🚩 🪔🪔🪔 *शास्त्र📜 शस्त्र⚔️* *प्रतिदिन पूजन करे* ⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️ 🪔 🪔🪔 🪔🪔🪔 *आरती क्यों करते हैं ?* 🪔🪔🪔🪔🪔🪔 *🔸हिन्दुओं के धार्मिक कार्यों में संध्योपासना तथा किसी भी मांगलिक पूजन में आरती का एक विशेष स्थान है । शास्त्रों में आरती को ‘आरात्रिक’ अथवा ‘नीराजन’ भी कहा गया है ।* *🔸 आरती की महिमा, विधि, उसके वैज्ञानिक महत्त्व आदि के बारे में बताते रहे हैं बल्कि अपने सत्संग – समारोहों में सामूहिक आरती द्वारा उसके लाभों का प्रत्यक्ष अनुभव भी करवाते रहे हैं ।* *🔸 “आरती एक प्रकार से वातावरण में शुद्धिकरण करने तथा अपने और दूसरे के आभामंडलों में सामंजस्य लाने की एक व्यवस्था है । हम आरती करते हैं तो उससे आभा, ऊर्जा मिलती है । हिन्दू धर्म के ऋषियों ने शुभ प्रसंगों पर एवं भगवान की, संतो की आरती करने की जो खोज की है । वह हानिकारक जीवाणुओं को दूर रखती है, एक-दूसरे के मनोभावों का समन्वय करती है और आध्यात्मिक उन्नति में बड़ा योगदान देती है ।* *🔸शुभ कर्म करने के पहले आरती होती है तो शुभ कर्म शीघ्रता से फल देता है । शुभ कर्म करने के बाद अगर आरती करते हैं तो शुभ कर्म में कोई कमी रह गयी हो तो वह पूर्ण हो जाती है । स्कन्द पुराण में आरती की महिमा का वर्णन है । भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं :* *मंत्रहीनं क्रियाहीनं यत्कृतं पूजनं मम ।* *सर्व सम्पूर्णतामेति कृते नीराजने सुत ।।* *🔸‘जो मन्त्रहीन एवं क्रियाहीन (आवश्यक विधि-विधानरहित) मेरा पूजन किया गया है, वह मेरी आरती कर देने पर सर्वथा परिपूर्ण हो जाता है ।’ (स्कन्द पुराण, वैष्णव खंड, मार्गशीर्ष माहात्म्य : ९:३७)* *🔹ज्योत की संख्या का रहस्य🔹* *🔸सामान्यत: ५ ज्योतवाले दीपक से आरती की जाती है, जिसे ‘पंचदीप’ कहा जाता है । आरती में या तो एक ज्योत हो या तो तीन हों या तो पाँच हों । ज्योत विषम संख्या (१,३,५,....) में जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है । यदि ज्योत की संख्या सम (२,४,६,...) हो तो ऊर्जा - संवहन की क्रिया निष्क्रिय हो जाती है ।* *🔹अतिथि की आरती क्यों ?🔹* *🔸हर व्यक्ति के शरीर से ऊर्जा, आभा निकलती रहती है । कोई अतिथि आता है तो हम उसकी आरती करते हैं क्योंकि सनातन संस्कृति में अतिथि को देवता माना गया है । हर मनुष्य की अपनी आभा है तो घर में रहनेवालों की आभा को उस अतिथि की नयी आभा विक्षिप्त न करे और वह अपने को पराया न पाये इसलिए आरती की जाती है । इससे उसको स्नेह-का-स्नेह मिल गया और घर की आभा में घुल-मिल गये । कैसी सुंदर व्यवस्था है सनातन धर्म की !”* 🚩🚩👏👏 -------------------- *सदैव प्रसन्न रहिये!!* जो प्राप्त है-पर्याप्त है #आध्यात्म🕉️🙏🏻 #पूजा
*"एक नेक काम" हम सभी कर सकते हैं* हम सभी धीरे-धीरे वृद्ध हो रहे हैं, इसलिए हम सबको सतर्क हो जाना चाहिए। कृपया एक मिनट निकालकर यह संदेश पढ़ें। यह आपके, आपके परिवार, पड़ोसियों और दोस्तों के लिए उपयोगी हो सकता है।पुराने सहपाठियों की एक पुनर्मिलन सभा हुई थी।एक महिला उस दिन एक बारबेक्यू पार्टी में अचानक फिसल कर गिर गईं। दोस्तों ने उन्हें डॉक्टर को दिखाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा, “मैं ठीक हूँ।” उन्हें लगा कि शायद नई सैंडल की वजह से ईंट से टकराकर वे गिर पड़ी होंगी। सबने उन्हें संभाला, खाने की प्लेट दी और वे बाकी समय हँसती-बतियाती रहीं। लेकिन बाद में उनके पति ने सभी को फोन कर बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और शाम 6 बजे उनका निधन हो गया — क्योंकि पार्टी के दौरान ही उन्हें स्ट्रोक (आघात) हुआ था। अगर वहाँ मौजूद लोग स्ट्रोक के लक्षण पहचान पाते, तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। स्ट्रोक से पहले कुछ चेतावनी संकेत होते हैं और समय पर इलाज मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। एक न्यूरोसर्जन ने बताया कि यदि वे तीन घंटे के भीतर स्ट्रोक के मरीज तक पहुँच जाएँ, तो मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। *स्ट्रोक की पहचान कैसे करें?* तीन सरल चरण याद रखें: *S*, *T*, और *R* S - Smile (मुस्कुराना): मरीज से कहें मुस्कुराने को। अगर चेहरा एक तरफ झुक जाए, तो समझिए खतरा है। T-Talk (बोलना): मरीज से कहें एक सामान्य वाक्य बोलने को, जैसे “आज आसमान साफ़ है।” अगर वह ठीक से नहीं बोल पा रहा है, तो यह भी संकेत है। R - Raise (हाथ उठाना): कहें कि दोनों हाथ उठाए। अगर एक हाथ नीचे गिर रहा है या उठा नहीं पा रहा है, तो यह भी संकेत है। एक और संकेत: मरीज से कहें जीभ बाहर निकाले। अगर जीभ एक ओर मुड़ जाए, तो यह भी स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए फौरन एम्बुलेंस या नज़दीकी अस्पताल में संपर्क करें और सभी लक्षण विस्तार से बताएं। “जब आप किसी और को गुलाब देते हैं, तो उसकी खुशबू आपके हाथों में भी रह जाती है!” “इस संदेश को फैलाएं, पुण्य की सुगंध आपके दिल में बस जाएगी!” *चाहे आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों, ये नेक और पुण्य काम तो कर ही सकते हैं* *मानव सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें* 🙏🙏🙏🙏🙏 #स्वास्थ्य
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 भारत के प्रसिद्ध ग्यारह संत और उनके चमत्कार 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 "जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा, तब-तब परमात्मा ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर धर्म की स्थापना की है।" इसी तरह, समय-समय पर अनेक महान संत-महात्मा भी जन्मे, जिन्होंने अपने तप, त्याग, ज्ञान और चमत्कारों से समाज को नई दिशा दी। आइए जानते हैं भारत के ऐसे ही ग्यारह संतों के जीवन से जुड़ी दिव्य घटनाएँ— 🌷 1. संत एकनाथ जी 〰️〰️〰️〰️ महाराष्ट्र के महान संतों में गिने जाने वाले संत एकनाथ जी ने जाति-पांति की संकीर्णता को तोड़कर भक्ति का मार्ग दिखाया। वे ब्राह्मण होते हुए भी सभी जातियों को समान मानते थे। चमत्कार: एक बार उनके अनुयायी सन्यासी को मार्ग में एक मृत गधा मिला। उसने भावपूर्वक कहा— "तू परमात्मा है।" क्षणभर में वह गधा जीवित हो उठा। जब लोग इस अद्भुत घटना से चकित हुए, तब संत एकनाथ जी ने कहा— “जब मन परमात्मा में लीन हो जाता है, तब सृष्टि भी उसी भाव में प्राणवान हो उठती है।” 🌷 2. संत तुकाराम जी 〰️〰️〰️〰️ भगवान विट्ठल के परम भक्त तुकाराम जी का जीवन कठिनाइयों और उपहास से भरा रहा, पर उनकी भक्ति अडिग रही। चमत्कार: एक बार एक ब्राह्मण ने उनसे कहा कि अपनी सारी पोथियाँ नदी में बहा दो। तुकाराम जी ने विनम्रता से वैसा ही किया। परंतु बाद में पश्चाताप हुआ, तो वे मंदिर के बाहर तेरह दिन तक भूखे-प्यासे रोते रहे। चौदहवें दिन भगवान विट्ठल स्वयं प्रकट हुए और उनकी सभी पोथियाँ उन्हें लौटा दीं। इसके बाद संत तुकाराम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैल गई। 🌷 3. संत ज्ञानेश्वर जी 〰️〰️〰️〰️ मात्र 15 वर्ष की आयु में “ज्ञानेश्वरी” जैसी दिव्य ग्रंथ की रचना करने वाले संत ज्ञानेश्वर जी ने लोगों को ईर्ष्या-द्वेष से दूर रहकर भक्ति का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी। उनका जन्म भी चमत्कारिक था — जब उनकी माता रुक्मिणी को संत रामानंद ने “पुत्रवती भव” का आशीर्वाद दिया, तब उनके पिता संन्यास छोड़कर गृहस्थ बने, और इस दिव्य आत्मा का अवतरण हुआ। 🌷 4. संत नामदेव जी 〰️〰️〰️〰️ संत नामदेव ने मराठी और हिन्दी दोनों में भक्ति-साहित्य की रचना की। उन्होंने जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर हर व्यक्ति को ईश्वर का अंश बताया। चमत्कार: एक बार जब उन्हें मंदिर में भजन करने से रोका गया, तो वे पीछे जाकर गाने लगे। भगवान शिव प्रसन्न हुए और मंदिर का मुख ही पीछे की ओर घूम गया, ताकि वे नामदेव के कीर्तन का आनंद ले सकें। 🌷 5. समर्थ स्वामी रामदास जी 〰️〰️〰️〰️ महाराष्ट्र के वीर संत समर्थ रामदास जी, छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु माने जाते हैं। उन्होंने संयम, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम दिखाया। चमत्कार: एक विधवा स्त्री उनके चरणों में रोते हुए गिरी। स्वामी जी ने ध्यानावस्था में उसे “पुत्रवती भव” का आशीर्वाद दे दिया। लोगों के सामने उसका मृत पति पुनर्जीवित हो उठा! यह देखकर सबने उन्हें साक्षात् भगवान का स्वरूप माना। 🌷 6. देवरहा बाबा 〰️〰️〰️〰️ देवरिया (उत्तर प्रदेश) के सरयू तट पर मचान पर रहने वाले यह संत अति चमत्कारी माने जाते थे। उनकी आयु और जन्म रहस्यमयी रहे। चमत्कार: एक बालक को सांप ने काट लिया। बाबा ने उस सांप को आदेश दिया — “विष खींच लो।” सभी के सामने सांप ने विष वापस खींच लिया, और बालक स्वस्थ हो गया। लोगों ने उन्हें जीवित सिद्धपुरुष कहा। 🌷 7. संत जलाराम बापा 〰️〰️〰️〰️ गुजरात के वीरपुर में जन्मे जलाराम बापा को “सेवा और सद्भावना” का प्रतीक माना जाता है। वे बिना भेदभाव के हर भूखे को भोजन कराते थे। चमत्कार: उनके भक्त का पुत्र मर गया था। बापा ने करुणा से कहा — “बेटा, तू गहरी नींद से जाग!” क्षण भर में वह मृत बालक उठ बैठा। इस घटना के बाद उन्हें जीवित भगवान कहा जाने लगा। 🌷 8. श्री रामकृष्ण परमहंस 〰️〰️〰️〰️ माँ काली के अनन्य भक्त रामकृष्ण परमहंस ने धर्मों की एकता और ईश्वर की सर्वव्यापकता का संदेश दिया। चमत्कार: कुछ विरोधियों ने उन्हें अपमानित करने के लिए वेश्याओं के साथ कमरे में बंद किया। पर वे ध्यान में लीन हो गए। उनकी दिव्यता से प्रभावित होकर सभी वेश्याएँ रो पड़ीं और भक्ति के मार्ग पर चल पड़ीं। इन्हीं की कृपा से स्वामी विवेकानंद को माँ काली के दर्शन हुए। 🌷 9. गुरु नानक देव जी 〰️〰️〰️〰️ सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी ने “एक ओंकार सतनाम” का उपदेश दिया — ईश्वर एक है, और सबमें वही विद्यमान है। चमत्कार: मक्का में विश्राम करते समय उनका पैर काबा की ओर था। एक मौलवी ने उन्हें डाँटा और पैर दूसरी ओर कर दिए। परंतु काबा उसी दिशा में घूम गया! यह देखकर सबने उनके चरणों में शीश झुका दिया। 🌷 10. बाबा रामदेव जी 〰️〰️〰️〰️ राजस्थान के रुणिचा धाम में जन्मे बाबा रामदेव पीर हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। चमत्कार: एक भक्त सेठ की गर्दन लुटेरों ने काट दी। उसकी पत्नी के विलाप पर बाबा प्रकट हुए और सेठ की गर्दन जोड़ दी। सबने यह देखकर कहा — “यह तो जीवित देवता हैं।” 🌷 11. संत रैदास जी 〰️〰️〰️〰️ चर्मकार परिवार में जन्मे संत रविदास जी ने मानवता को ही सर्वोच्च धर्म बताया। चमत्कार: एक बार गंगा में चढ़ाई गई सुपारी गंगा मैया ने स्वयं अपने #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #ईश्वर आस्था हाथों में ले ली और ब्राह्मण को सोने का कंगन देते हुए कहा — “यह रविदास को देना।” लोगों के आग्रह पर जब उन्होंने फिर जल से कंगन निकाला, तो सब नतमस्तक हो गए। 🌸 संदेश इन संतों ने संसार को यह सिखाया कि — “जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। ” सच्चे मन से की गई सेवा, प्रेम और भक्ति ही जीवन को सफल बनाती है। भगवान किसी एक जाति या संप्रदाय के नहीं, वे हर प्राणी के हृदय में विराजमान हैं। इसलिए आइए, ईर्ष्या, द्वेष और घृणा छोड़कर, प्रेम, करुणा और सेवा के पथ पर चलें। 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ ✨ “संत वही, जो अपने चमत्कार से नहीं, अपने प्रेम से हृदय जीत ले।” ------