Umesh Pushkarna
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#🪔पापांकुशा एकादशी🌸 #🌞 Good Morning🌞 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏जय माता दी📿 #शुभ शुक्रवार
🪔पापांकुशा एकादशी🌸 - : 30 आश्विन शुक्ल पक्ष एकादशी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात शुक्रवार ०३ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ १७८ से आगे) ।। दोहा सं॰ २८ ।। (n II Hus zo 01 [I Opuhkana जौं न होति सीता सुधि पाई। मधुबन के फल सकहिं कि काई।। एहि बिधि मन बिचार कर राजा। आइ गए कपि सहित समाजा।। भावार्थः ्यदि सीताजी की खबर न पाई तो होती क्या वे मधुवन के फल खा सकते थे? इस प्रकार मन में विचार कर ही रहे थे कि समाज सुग्रीव राजा सहित वानर आ गए। क्रमशः : 30 आश्विन शुक्ल पक्ष एकादशी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात शुक्रवार ०३ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ १७८ से आगे) ।। दोहा सं॰ २८ ।। (n II Hus zo 01 [I Opuhkana जौं न होति सीता सुधि पाई। मधुबन के फल सकहिं कि काई।। एहि बिधि मन बिचार कर राजा। आइ गए कपि सहित समाजा।। भावार्थः ्यदि सीताजी की खबर न पाई तो होती क्या वे मधुवन के फल खा सकते थे? इस प्रकार मन में विचार कर ही रहे थे कि समाज सुग्रीव राजा सहित वानर आ गए। क्रमशः - ShareChat
#🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 #🏹दशहरा Status⌛ #🙏गांधी जयंती की शुभकामनाएं😇 #🌞 Good Morning🌞 #शुभ गुरुवार
🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 - शुभ दशहरा మేనన (on ODuahkahna रावण पर "श्रीरामकी" विजय, अधर्म पर "धर्म" की विजय, पर "अच्छाई" की विजय, SRIS पाप पर "पुण्य" की विजय। विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दशहरा మేనన (on ODuahkahna रावण पर "श्रीरामकी" विजय, अधर्म पर "धर्म" की विजय, पर "अच्छाई" की विजय, SRIS पाप पर "पुण्य" की विजय। विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। - ShareChat
#🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 #🌞 Good Morning🌞 #🙏गांधी जयंती की शुभकामनाएं😇 #🏹दशहरा Status⌛ शुभ गुरुवार #शुभ गुरुवार
🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 - ಕ( 39 आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात गुरुवार ०२ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७७ से आगे) दोहा सं॰ २८ ।। ( Gppuahkatna ते सब बन उजार जुबराज। पुकारे जाइ सुनि हरष कपि करि आए प्रभु काज।। सुग्रीव भावार्थः उन सबने जाकर पुकारा कि युवराज अंगद वन उजाड़ रहे हैं। यह 'afa| सुग्रीव वानर प्रभु का हुए कि सुनकर कार्य कर आए हैं। क्रमशः ಕ( 39 आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात गुरुवार ०२ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७७ से आगे) दोहा सं॰ २८ ।। ( Gppuahkatna ते सब बन उजार जुबराज। पुकारे जाइ सुनि हरष कपि करि आए प्रभु काज।। सुग्रीव भावार्थः उन सबने जाकर पुकारा कि युवराज अंगद वन उजाड़ रहे हैं। यह 'afa| सुग्रीव वानर प्रभु का हुए कि सुनकर कार्य कर आए हैं। क्रमशः - ShareChat
#🙏देवी सिद्धिदात्री⭐ #🙏जय माता दी📿 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🌞 Good Morning🌞 #शुभ बुधवार
🙏देवी सिद्धिदात्री⭐ - 5 जय माता दी नवरात्रि नवम दिवस शुभ बुधवार 01/10/2025 नवदुर्गा का नवम स्वरूप माँ सिद्धिदात्री आपकी माँ सिद्धिदात्री ।। सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। 0/ Opuhkana "ad & dR" "बुधवार" "बुध" बेसुध बेकल मैं मैया, तू बुद्धि की दाता है। जो भी तेरे दर पे आया, खाली कभी ना जाता है।। किसका बनूं और किसे बनाऊँ, सच्चा कहाँ पर नाता है। तेरे बिन इस दुनिया में, झूठा ही सब नाता है।। Wఐu ಹHal: 5 जय माता दी नवरात्रि नवम दिवस शुभ बुधवार 01/10/2025 नवदुर्गा का नवम स्वरूप माँ सिद्धिदात्री आपकी माँ सिद्धिदात्री ।। सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। 0/ Opuhkana "ad & dR" "बुधवार" "बुध" बेसुध बेकल मैं मैया, तू बुद्धि की दाता है। जो भी तेरे दर पे आया, खाली कभी ना जाता है।। किसका बनूं और किसे बनाऊँ, सच्चा कहाँ पर नाता है। तेरे बिन इस दुनिया में, झूठा ही सब नाता है।। Wఐu ಹHal: - ShareChat
#🙏देवी सिद्धिदात्री⭐ #🙏जय माता दी📿 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🌞 Good Morning🌞 #शुभ बुधवार
🙏देवी सिद्धिदात्री⭐ - : 35 आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात बुधवार ०१ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ १८० से आगे) ।। दोहा सं॰ २७ ।। II auls 7o 04 [I ( Gpushkana तब मधुबन भीतर सब आए। अंगद संमत मधु फल खाए।। रखवारे जब बरजन लागे। { प्रहार हनत सब भागे।। भावार्थः ्तब सब लोग मधुवन के भीतर आए और अंगद की सम्मति से सबने मधुर फल (या मधु और फल) खाए। जब रखवाले बरजने लगे, तब घूँसों की मार मारते ही सब रखवाले भाग छूटे। क्रमशः : 35 आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी 3]97 वि.सं. २०८२ प्रभात बुधवार ०१ अक्टूबर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ १८० से आगे) ।। दोहा सं॰ २७ ।। II auls 7o 04 [I ( Gpushkana तब मधुबन भीतर सब आए। अंगद संमत मधु फल खाए।। रखवारे जब बरजन लागे। { प्रहार हनत सब भागे।। भावार्थः ्तब सब लोग मधुवन के भीतर आए और अंगद की सम्मति से सबने मधुर फल (या मधु और फल) खाए। जब रखवाले बरजने लगे, तब घूँसों की मार मारते ही सब रखवाले भाग छूटे। क्रमशः - ShareChat
#🙏महागौरी🌷 #🌺महा अष्टमी 🙏 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🙏जय माता दी📿 #शुभ मंगलवार
🙏महागौरी🌷 - जयः माता दी 0@ Ouhkauna ரீeரிக आप सभी को पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जयः माता दी 0@ Ouhkauna ரீeரிக आप सभी को पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। - ShareChat
#🙏महागौरी🌷 #🌺महा अष्टमी 🙏 #🙏जय माता दी📿 #🙏नवरात्रि Status🙏 #शुभ मंगलवार
🙏महागौरी🌷 - ذ जय माता दी नवरात्रि अष्टम दिवस शुभ मंगलवार 30/09/2025 नवदुर्गा का अष्टम स्वरूप माँ महागौरी आपकी II Ti HFTI Il सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। Qep Ouhkauna "ad & dR" "मंगलवार" "मंगल" मेहर करो मेरी दाती, जयंती मंगला काली माँ। भद्रकाली कपालिनी दुर्गे , सच्ची जोताँ वाली माँ।। तू ही माता चिंतपूर्णी, काँगड़े वाली मोँ। 78 "रूप" तेरे चरणों में आया, लेकर झोली खाली मोँ।। ಹHal: ذ जय माता दी नवरात्रि अष्टम दिवस शुभ मंगलवार 30/09/2025 नवदुर्गा का अष्टम स्वरूप माँ महागौरी आपकी II Ti HFTI Il सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। Qep Ouhkauna "ad & dR" "मंगलवार" "मंगल" मेहर करो मेरी दाती, जयंती मंगला काली माँ। भद्रकाली कपालिनी दुर्गे , सच्ची जोताँ वाली माँ।। तू ही माता चिंतपूर्णी, काँगड़े वाली मोँ। 78 "रूप" तेरे चरणों में आया, लेकर झोली खाली मोँ।। ಹHal: - ShareChat
#🙏महागौरी🌷 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🙏जय माता दी📿 #🌺महा अष्टमी 🙏 #शुभ मंगलवार
🙏महागौरी🌷 - ظ आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी शुभ प्रभात বিয 2082 मंगलवार ३० सितम्बर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७५ से आगे) || ಫ೯ 7o 27 | | [I aus 7o 03 [[ U Oualkauu मिले सकल अति भए सुखारी। तलफत मीन पाव जिमि बारी।I हरषि चले रघुनायक पासा। कहत नवल इतिहासा।। भावार्थः सब हनुमान्जी से मिले और बहुत ही सुखी हुए, जैसे तड़पती हुई मछली को जल मिल गया हो। सब हर्षित होकर नएननए इतिहास (वृत्तांत) Yeod- | कहते हुए श्री रघुनाथजी के पास चले। क्रमशः ظ आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी शुभ प्रभात বিয 2082 मंगलवार ३० सितम्बर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७५ से आगे) || ಫ೯ 7o 27 | | [I aus 7o 03 [[ U Oualkauu मिले सकल अति भए सुखारी। तलफत मीन पाव जिमि बारी।I हरषि चले रघुनायक पासा। कहत नवल इतिहासा।। भावार्थः सब हनुमान्जी से मिले और बहुत ही सुखी हुए, जैसे तड़पती हुई मछली को जल मिल गया हो। सब हर्षित होकर नएननए इतिहास (वृत्तांत) Yeod- | कहते हुए श्री रघुनाथजी के पास चले। क्रमशः - ShareChat
#🙏देवी कालरात्री🙏 #🙏जय माता दी📿 #🙏नवरात्रि Status🙏 #💃गरबा और डांडिया स्पेशल💃 #शुभ सोमवार
🙏देवी कालरात्री🙏 - 5 ذ जय माता दी नवरात्रि सप्तम दिवस থুণ্ যীসবাৎ 29/09/2025 नवदुर्गा का सप्तम स्वरूप মাঁ ক্ূালযন্সি आपकी মাঁ কালবসি Il सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। Qep Gpushkatna "देवी के वार" "सोमवार" स्वभाव सुंदर माँ तेरा, तू दीनों की वाली है। "सोम" जो भी तेरे दर पे आया, गया कभी ना खाली है।। सुंदर तेरी शेर सवारी, मन को मोहने वाली है। तेरे चरणों में आया, लेकर झोली खाली है।। "रूप কসথ8 5 ذ जय माता दी नवरात्रि सप्तम दिवस থুণ্ যীসবাৎ 29/09/2025 नवदुर्गा का सप्तम स्वरूप মাঁ ক্ূালযন্সি आपकी মাঁ কালবসি Il सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। Qep Gpushkatna "देवी के वार" "सोमवार" स्वभाव सुंदर माँ तेरा, तू दीनों की वाली है। "सोम" जो भी तेरे दर पे आया, गया कभी ना खाली है।। सुंदर तेरी शेर सवारी, मन को मोहने वाली है। तेरे चरणों में आया, लेकर झोली खाली है।। "रूप কসথ8 - ShareChat
#🙏देवी कालरात्री🙏 #🙏नवरात्रि Status🙏 #🙏जय माता दी📿 #💃गरबा और डांडिया स्पेशल💃 #शुभ सोमवार
🙏देवी कालरात्री🙏 - ظ आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी 3]97 प्रभात वि.सं. २०८२ सोमवार २९ सितम्बर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७४ से आगे) ।। दोहा सं॰ २७ ।। 11 =4[5=0 02 11 (cp Oualkauu हरषे सब बिलोकि हनुमाना। नूतन जन्म कपिन्ह तब जाना।। मुख प्रसन्न तन तेज बिराजा। 6 कीन्हेसि रामचंद्र कर काजा।l भावार्थः ्हनुमान्जी को देखकर सब हर्षित हो गए और हनुमान्जी का तब वानरों ने अपना नया जन्म समझा। मुख प्रसन्न है और शरीर में तेज विराजमान है, (जिससे उन्होंने समझ लिया कि) ये श्री रामचंद्रजी का कार्य कर आए हैं। क्रमशः ظ आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी 3]97 प्रभात वि.सं. २०८२ सोमवार २९ सितम्बर २०२५ श्री रामचरितमानस पञ्चम सोपान "सुंदरकाण्ड" (गतांक सं॰ २७४ से आगे) ।। दोहा सं॰ २७ ।। 11 =4[5=0 02 11 (cp Oualkauu हरषे सब बिलोकि हनुमाना। नूतन जन्म कपिन्ह तब जाना।। मुख प्रसन्न तन तेज बिराजा। 6 कीन्हेसि रामचंद्र कर काजा।l भावार्थः ्हनुमान्जी को देखकर सब हर्षित हो गए और हनुमान्जी का तब वानरों ने अपना नया जन्म समझा। मुख प्रसन्न है और शरीर में तेज विराजमान है, (जिससे उन्होंने समझ लिया कि) ये श्री रामचंद्रजी का कार्य कर आए हैं। क्रमशः - ShareChat