"मैं भी इंसान हूँ..."
कभी-कभी यूँ लगता है,
जैसे खुद से ही दूर हूँ।
हँसते हुए चेहरे के पीछे,
एक टूटता सा नूर हूँ।
सब कहते हैं, "मज़बूत बनो",
पर कोई नहीं समझता दर्द।
हर मुस्कान के पीछे छुपा है,
एक चुप सा सवाल हर वक़्त।
मैं भी चाहता हूँ कोई पूछे,
"थक गया है क्या तू आज?"
बस कोई बैठे पास मेरे,
बिना कहे समझे मेरे राज।
मैं भी इंसान हूँ आखिर,
मुझमें भी जज़्बात हैं।
मत समझो मुझे पत्थर सा,
मेरे भी कुछ हालात हैं।
अगर कभी चुप मिलूं तुमसे,
तो समझ लेना बस थका हूँ।
लड़ते-लड़ते हालातों से,
थोड़ा सा बस बिखरा हूँ। #💔 हार्ट ब्रेक स्टेटस