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हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
*🌞~ आज का हिन्दू #पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 09 दिसम्बर 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पञ्चमी दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात् षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - अश्लेशा रात्रि 02:22 दिसम्बर 10 तक तत्पश्चात् मघा*
*⛅योग - इन्द्र दोपहर 02:33 तक तत्पश्चात् वैधृति*
*⛅राहुकाल - दोपहर 03:01 से शाम 04:21 तक ( उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:57*
*⛅सूर्यास्त - 05:42 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से प्रातः 06:04 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:58 से दोपहर 12:41*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:53 से रात्रि 12:46 दिसम्बर 10 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*🌥️व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:57 से रात्रि 02:22 दिसम्बर 10 तक)*
*🌥️विशेष - पञ्चमी को बेल फल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
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*🔹स्वस्थ रहने के सरल सूत्र*🔹
*🔸प्रतिदिन योगासन करें, सम्भव न हो तो खुले हवादार स्थान में टहलें । सुबह की ताजी व शुद्ध वायु से शरीर में स्फूर्ति आती है तथा जीवनीशक्ति का विकास होता है ।*
*🔸रोज सुबह खाली पेट नीम की १५-२० पत्तियाँ खाने से उनमें विद्यमान जीवाणुनाशक 'इजेडिरेक्टिन' रसायन यकृत (लीवर) को स्वस्थ व मजबूत बनाता है । यह प्रयोग मोटापा घटाकर शरीर को सुडौल बनाता है ।*
*🔸भोजन में तेल, नमक व गर्म मसालों की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए । ये कई रोगों की जड़ हैं ।*
*🔸आँवला, नींबू, अदरक, हरड़ का उपयोग किसी-न-किसी रूप में प्रतिदिन करना चाहिए । ( रविवार और शुक्रवार को आँवला नहीं खाना चाहिए ।)*
*🔸 सौंफ को चबाकर खाने से या उसका रस चूसने से अथवा ४-५ ग्राम सौंफ का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से अफरा में लाभ होता है ।*
#✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🔯ज्योतिष #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय
*🔸गुनगुना पानी ३-३ घंटे के अंतराल पर पीने से अपच में राहत मिलती है ।*
भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा
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प्राचीन समय में तारकासुर नाम का एक महाभयंकर दैत्य हुआ था। जिसका वध शिव पुत्र कार्तिकेय के द्वारा हुआ था. उस तारकासुर के तीन पुत्र थे. जिनका नाम तारकाक्ष, विद्युन्माली, कमलाक्ष था. वह तीनो अपने पिता की तरह शिव द्रोही नहीं थे. वह तीनो परम शिवभक्त थे. यद्यपि देवताओं ने कुमार कार्तिकेय का सहारा लेकर उनके पिता का वध करवा दिया था इसलिए वह देवताओं से घृणा करते थे।
अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए वह तीनो मेरु पर्वत पर चले गए और मेरु पर्वत की एक कंदरा में समस्त भोगो का त्याग करके ब्रह्माजी की कठिन तपस्या करने लगे. उन तीनो की हजारों वर्षो की तपस्या के बाद ब्रह्माजी उनपर प्रसन्न हुए और वहां पर प्रकट हुए. ब्रह्माने प्रसन्न होकर उन तीनों को वरदान मांगने के लिए कहा।
ब्रह्माजी की बात सुनकर वह तीन असुर बोले परमपिता ब्रह्माजी अगर आप हम पर प्रसन्न हो तो हमें यह वर दे कि हम सभी के लिए अवध्य हो जाये. हमारे जरा और रोग जैसे शत्रु सदा के लिए नष्ट हो जाए. सभी देवता हमसे पराजित हो जाए. उनकी बात सुनकर ब्रह्मा ने उनसे कहा है महान असुरो इस सृष्टि में जिसने जन्म लिया उसे मरना तो पड़ता है है. किसी को अमरता का वरदान देना मेरे सामर्थ्य की बात नहीं है. इसलिये तुम कुछ ऐसा उपाय करके वरदान मांगो जिससे मृत्यु का तुम्हारे निकट आना असंभव हो जाए।
ब्रह्मा की बात सुनकर तीनो भाई विचार में पड़ गए और बहुत सोच विचार कर ब्रह्माजी से कहा है परमपिता हम तीनो के पास ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां रहकर हम देवताओं से सुरक्षित रह सके. आप हमारे लिए ऐसे तीन नगरों का निर्माण करवाए जहां पर पहूंचना देवताओं के लिए असंभव हो. वह तीनो नगर अदृश्य होकर अंतरीक्ष में घूमते रहे. उन नगरों में सभी प्रकार की सुख सुविधा हो. उसके बाद तारकाक्ष ने सुवर्णमय नगर का, विद्युन्माली ने चांदी का और कमलाक्ष ने वज्र के सामान लोहे के नगर का ब्रह्माजी से वरदान मांगा।
वह तीनो शिवजी के परमभक्त थे इसलिए उन्होंने सोचा कि शिवजी हमारा वध कभी नहीं करेंगे. यह सोचकर उन्होंने अपनी मृत्यु का विकल्प इस प्रकार पसंद किया. उन तारकपुत्रों ने ब्रह्माजी से कहा जब चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में स्थित हो और जब पुष्करावर्त के कालमेघो को की वर्षा हो रही हो तब तीनो नगर परस्पर एक दिशा में मिले अन्यथा न मिले. ऐसा दुर्लभ संयोग हजारों वर्षो में एक बार होता है तब भगवान शिव एक दुर्लभ रथ पर चड़कर एक ही बाण से इन तीन नगरों का नाश करे तो ही हमारा वध हो।
ब्रह्माजी ने उस समय उन दैत्यों से कहा ऐसा ही होगा उसके बाद उन्होंने मय दानव जो असुरो के शिल्पी है उनका आह्वान किया और उन्हें तारकासुर के पुत्रों के लिए तीन प्रकार के भवन निर्माण करने का आदेश दिया. वह तीनो भवन वरदान के अनुसार सुवर्ण, चांदी और लोहे के बने हुए थे. उस नगरों में कैलास शिखर के समान बड़े बड़े भवन थे. उन नगरों में सभी वृक्ष कल्पवृक्ष के समान कामना को पूर्ण करने वाले थे. उन नगरो में उन तीनो भाइयों ने बहुत लंबे समय तक सुख पूर्वक निवास किया।
उन असुरों ने बहुत लंबे समय तक वहां पर शिव की भक्ति करते हुए निवास किया. वह जानते थे कि शिव उनके भक्तो का कभी अहित नहीं करते. इसलिए वह निर्भय हो गए थे. उन्होंने देवताओं को अपने प्रभाव से दग्ध कर दिया था. उनके नगरों में वेद और पुराणों की ध्वनी गूंजती रहती थी. इस कारण से उनके नगर और भी शक्तिशाली बन रहे थे. एक तरफ वह शिव भक्ति के कारण बलवान बन रहे थे तो दूसरी तरफ उन्होंने पृथ्वी पर यज्ञों, हवनो और वेदध्वनी पर प्रतिबंध रख दिया. अग्निहोत्री ब्राह्मणों की हत्या कर दी जिससे देवताओं को बल प्राप्त न हो।
पुराणों बहुत से असुर बतलाये गए जो बड़े शिव भक्त थे. रावण भी एक महान शिव भक्त था परंतु जब भगवान का भक्त ही अधर्म का कारण बन जाये तो भगवान को स्वयं अपने भक्तो का उद्धार करना पड़ता है. ऐसा ही तारक पुत्रो के साथ हुआ. सभी देवतागण ब्रह्मा और विष्णु को साथ में लेकर शिवजी की शरण में चले गए और शिवजी से तारकासुर के पुत्रों के विनाश के लिए प्राथना की. उस समय शिवजी ने देवताओं से कहा जब तक वह तीन महान दैत्य मेरे भक्त है में उनका अहित नहीं करूँगा फिर भी वह तीनो मेरी भक्ति से बलवान होकर सृष्टि में अधर्म का फैलाव कर रहे है इसलिए तुम सब मिलकर ऐसा कुछ उपाय करो कि वह तीनों मेरी भक्ति से विमुख हो जाए।
शिवजी की आज्ञा के अनुसार देवताओं का यह कार्य करने के लिए भगवान विष्णु ने एक सुंदर दिव्य स्वरूप धारण किया. वह मुनि वेश में तीनो नगरों में गए और वहां वेदों के विरुद्ध उपदेश किया. उन नगरों के असुरों को अपने वाणी से शिव भक्ति से दूर कर दिया. उस वेद विरुद्ध उपदेश से प्रभावित होकर उन नगरों की स्त्रियों ने पतिव्रत धर्म छोड़ दिया. जब वह तीनो नगर शिव भक्ति से विमुख हो गए तब पुनः देवता गण शिवजी की पास आये और उन्हें उन तीन असुरों का उनके नगर के साथ नष्ट करने के लिए प्राथना की।
उस समय शिवजी ने देवताओं से कहा यद्यपि वह तीन असुर मेरी भक्ति से विमुख हुए है परंतु एक समय था वह मेरे परम भक्त है. इसलिए में उनका विनाश क्यों करू उनका विनाश भगवान विष्णु को करना चाहिए जिन्होंने उन्हें मेरी भक्ति से विमुख किया है. उस समय सभी देवता उदास हो गए. यह देखकर ब्रह्माजी ने शिवजी से कहा है प्रभु आप हम सब के राजा है. भगवान विष्णु आप के युवराज है और में आप का पुरोहित हूँ. यह सब देवता आप की प्रजा है जो आप की शरण में आई है. मेरे वरदान के अनुसार उन तीन असुर आप के आलावा सभी के लिए अवध्य है. इसलिए हम सब की रक्षा करे और उन असुरों का वध करे।
ब्रह्मा की बात सुनकर शिवजी ने मुस्कराते हुए कहा आप मुझे राजा कह रहे है परंतु मेरे पास कोई ऐसा रथ नहीं जो राजा के पास होता है और न ही मेरे पास कोई राजा के योग्य शस्त्र है. में उनका विनाश कैसे करू. उस समय ब्रह्माजी की आज्ञा से शिवजी से लिए एक दिव्य रथ का निर्माण करवाया गया. वह रथ सोने का बना हुआ था. उसके दाहिने चक्र में सूर्य और बाएं चक्र में चंद्रमा विद्यमान थे. अंतरीक्ष उस रथ का ऊपर का भाग था और मंदराचल उस रथ का बैठने का स्थान था. ब्रह्माजी उस रथ के सारथि बने. हिमालय से धनुष बनाया गया और वासुकी को प्रत्यंचा बनाया गया. भगवान विष्णु उस धनुष के बाण और अग्नि उस बाण की नोक बने. वेद उस रथ के अश्व बन गए. संसार में जो भी कुछ तत्व तह वह सभी उस रथ में मौजूद थे।
उस समय ब्रह्माजी ने भगवान शिव से रथ पर सवार होने के लिए प्राथना की. शिव के सवार होते ही वह रथ शिव के भार से निचे झुक गया. वेदरूपी अश्व शिवजी का भार सहन न कर पाए और जमीन पर बैठ गए. सबको लगा कोई भूकंप आ गया है. उस समय नंदी जी वहां पर उपस्थित हुए और उस रथ के निचे जाकर शिवजी के भार को स्वयं सहन करने लगे. वह भी बड़ी मुश्किल से शिवजी की कृपा से शिवजी का भार सहन कर सके।
उस समय भगवान शिव की आज्ञा से सभी देवतागण पशुभाव में स्थित हो गए. भगवान शिव उनके अधिपति हुए इसलिए उन्हें पशुपति भी कहा जाता है. उसके बाद ब्रह्मा ने उस रथ को हांकना शुरू किया परंतु वह रथ आगे नहीं बढ़ा तब शिव की आज्ञा से सभी देवताओं ने विघ्न को दुर करने वाले गणनायक गणपति से प्राथना की और वह रथ आगे बढ़ने लगा।
उसके बाद जब भगवान शिव ने अपना रौद्र स्वरूप धारण किया. उस समय संयोग वश वह तीनो नगर एक ही रेखा में बने हुए थे. शिव ने वह हिमालय स्वरूप धनुष पर विष्णु स्वरूप बाण का संधान किया. बाण के संधान करते ही शिवजी के क्रोध से प्रभावित होकर वह तीनो नगर जलने लगे. शिवजी के उस महान धनुष के द्वारा एक ही बाण में तारकासुर के तीनो पुत्रो का संहार हो गया. शिवजी की कृपा से उन तीनो असुरों को मोक्ष की प्राप्ति हुई. देवताओं का कार्य भी सिद्ध हुआ. उन तीन नगर में जो लोग शिव की भक्ति से विमुख नहीं हुए थे उनकी शिवजी ने रक्षा की. इस तरह भगवान शिव ने तारकासुर के तीनो पुतोर्ण का अंत किया और त्रिपुरारी कहलाये।
〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️🔸〰️〰️ #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #☝आज का ज्ञान
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 08 दिसम्बर 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी शाम 04:03 तक तत्पश्चात् पञ्चमी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य रात्रि 02:52 दिसम्बर 09 तक तत्पश्चात् अश्लेशा*
*⛅योग - ब्रह्म शाम 05:01 तक तत्पश्चात् इन्द्र*
*⛅राहुकाल - सुबह 08:17 से सुबह 09:37 तक ( उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:56*
*⛅सूर्यास्त - 05:42 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से प्रातः 06:03 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:57 से दोपहर 12:40*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:53 से रात्रि 12:46 दिसम्बर 09 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*🌥️व्रत पर्व विवरण - रविपुष्य योग ( प्रातः 04:11 से सूर्योदय तक), सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 04:11 से रात्रि 02:52 दिसम्बर 09 तक)*
*🌥️विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
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*🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹*
*🔸१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।*
*🔸२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।*
*🔸३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।*
*🔸४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।*
*🔸५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।* #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🔯ज्योतिष
प्रदोष व्रत 2026 तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि | Pradosh Vrat 2026 Calendar #प्रदोषव्रत2026 #Pradoshvrat2026 #🔯ज्योतिष #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
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#🌺राधा कृष्ण💞 #☝ मेरे विचार #📒 मेरी डायरी #🙏 राधा रानी #🌸 जय श्री कृष्ण😇
*🌞~ आज का हिन्दू #पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 07 दिसम्बर 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया शाम 06:24 तक तत्पश्चात् चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु प्रातः 04:11 दिसम्बर 08 तक तत्पश्चात् पुष्य*
*⛅योग - शुक्ल रात्रि 08:07 तक तत्पश्चात् ब्रह्म*
*⛅राहुकाल - शाम 04:21 से शाम 05:41 तक ( उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:55*
*⛅सूर्यास्त - 05:41 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से प्रातः 06:03 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:57 से दोपहर 12:40*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:52 से रात्रि 12:45 दिसम्बर 08 तक (उज्जैन मानक समयानुसार)*
*🌥️व्रत पर्व विवरण - अखुरथ संकष्टी चतुर्थी*
*🌥️विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
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*🔹पढ़ने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो ....*
*जिन बच्चों का पढ़ाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*
*१ ग्राम कपूर और मौलसिरी (बकुल) का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें ।*
*🔹बुखार दूर करने हेतु🔹*
*चरक संहिता के चित्किसा स्थान में ज्वर ( बुखार) की चित्किसा का विस्तृत वर्णन करने के बाद अंत में आचार्य श्री चरकजी ने कहा है :*
*विष्णुं सहस्रमूर्धानं चराचरपतिं विभुम ।*
*स्तुवन्नामह्स्त्रेण ज्वरान सर्वानपोहति ।*
*👉🏻 ‘हजार मस्तकवाले, चर-अचर के स्वामी, व्यापक भगवान की सहस्त्रनाम से स्तुति करने से अर्थात विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर छूट जाते हैं ।’*
*(पाठ रुग्ण स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी करें )*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*
*एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।* #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🔯ज्योतिष
एकादशी व्रत 2026 कैलेंडर | सभी एकादशी तिथि और दिन सूची | Ekadashi 2026 Dates
यहाँ देखें 2026 में सभी एकादशी व्रत की पूरी सूची दिन, तिथि, महत्व और नाम सहित। निर्जला, देवउठनी, मोक्षदा, पापमोचनी, जया, कामिका एकादशी कब है – सम्पूर्ण जानकारी। #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🔯ज्योतिष #✡️ज्योतिष समाधान 🌟 #Ekadashi2026 #HinduCalendar2026 #Vrat2026
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एकादशी व्रत 2026 कैलेंडर | सभी एकादशी तिथि और दिन सूची | Ekadashi 2026 Dates
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![✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आज का पंचांग {JE రీరె wwwradheradheje com @8@u] Rچ हेर्मत भंगलवार [ೊ- 09-12-2025 तिथि॰ पंचमी (१४१२८ से षष्ठी ) नक्षत्र आश्लेषा नक्षत्र ज्येष्ठा 5 नक्षत्र॰ आश्लेषा ল্লীল! वृश्चिक ऐन्द्र ಹತu- agಫ(14228ಣೆu) चन्द्र राशि॰ कर्क (२६:२१ से सिंह) सुूर्य राशि॰ वृश्चिक शुभ मुहूर्त ব্রীঘটিয়; নিন राहुकाल १५:०० १६:२० अशुभ रोग 06:५8 08818 ಊ9೫ 4qdz7 09339 10:593[3?7 3&08818 09:39 3%&] पुली काल १२४१९ 13830 ER 09339 १०:५९ शुभ efef5d 11:58| 12341 %27 @ೌ10859 १२४१९ शुभ ಣಟ೯ನೆ 09:07 09:4933? {12:19 13340 %2/ ಕಟ೯೯ೆ 22259= 23842 39೫ काल १३४० १५:०० अशुभ वर्ज्यम १५४१७ १६१५२ अशुभ शुभ15:00 १६:२० शुभ प्रदोष १७४४१ = २०:२१ शुभ &16:20 १७४४१ अशुभ ঘীভধু अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ और मगळमयह्यी Rauekadli@e आज का पंचांग {JE రీరె wwwradheradheje com @8@u] Rچ हेर्मत भंगलवार [ೊ- 09-12-2025 तिथि॰ पंचमी (१४१२८ से षष्ठी ) नक्षत्र आश्लेषा नक्षत्र ज्येष्ठा 5 नक्षत्र॰ आश्लेषा ল্লীল! वृश्चिक ऐन्द्र ಹತu- agಫ(14228ಣೆu) चन्द्र राशि॰ कर्क (२६:२१ से सिंह) सुूर्य राशि॰ वृश्चिक शुभ मुहूर्त ব্রীঘটিয়; নিন राहुकाल १५:०० १६:२० अशुभ रोग 06:५8 08818 ಊ9೫ 4qdz7 09339 10:593[3?7 3&08818 09:39 3%&] पुली काल १२४१९ 13830 ER 09339 १०:५९ शुभ efef5d 11:58| 12341 %27 @ೌ10859 १२४१९ शुभ ಣಟ೯ನೆ 09:07 09:4933? {12:19 13340 %2/ ಕಟ೯೯ೆ 22259= 23842 39೫ काल १३४० १५:०० अशुभ वर्ज्यम १५४१७ १६१५२ अशुभ शुभ15:00 १६:२० शुभ प्रदोष १७४४१ = २०:२१ शुभ &16:20 १७४४१ अशुभ ঘীভধু अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ और मगळमयह्यी Rauekadli@e - ShareChat ✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आज का पंचांग {JE రీరె wwwradheradheje com @8@u] Rچ हेर्मत भंगलवार [ೊ- 09-12-2025 तिथि॰ पंचमी (१४१२८ से षष्ठी ) नक्षत्र आश्लेषा नक्षत्र ज्येष्ठा 5 नक्षत्र॰ आश्लेषा ল্লীল! वृश्चिक ऐन्द्र ಹತu- agಫ(14228ಣೆu) चन्द्र राशि॰ कर्क (२६:२१ से सिंह) सुूर्य राशि॰ वृश्चिक शुभ मुहूर्त ব্রীঘটিয়; নিন राहुकाल १५:०० १६:२० अशुभ रोग 06:५8 08818 ಊ9೫ 4qdz7 09339 10:593[3?7 3&08818 09:39 3%&] पुली काल १२४१९ 13830 ER 09339 १०:५९ शुभ efef5d 11:58| 12341 %27 @ೌ10859 १२४१९ शुभ ಣಟ೯ನೆ 09:07 09:4933? {12:19 13340 %2/ ಕಟ೯೯ೆ 22259= 23842 39೫ काल १३४० १५:०० अशुभ वर्ज्यम १५४१७ १६१५२ अशुभ शुभ15:00 १६:२० शुभ प्रदोष १७४४१ = २०:२१ शुभ &16:20 १७४४१ अशुभ ঘীভধু अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ और मगळमयह्यी Rauekadli@e आज का पंचांग {JE రీరె wwwradheradheje com @8@u] Rچ हेर्मत भंगलवार [ೊ- 09-12-2025 तिथि॰ पंचमी (१४१२८ से षष्ठी ) नक्षत्र आश्लेषा नक्षत्र ज्येष्ठा 5 नक्षत्र॰ आश्लेषा ল্লীল! वृश्चिक ऐन्द्र ಹತu- agಫ(14228ಣೆu) चन्द्र राशि॰ कर्क (२६:२१ से सिंह) सुूर्य राशि॰ वृश्चिक शुभ मुहूर्त ব্রীঘটিয়; নিন राहुकाल १५:०० १६:२० अशुभ रोग 06:५8 08818 ಊ9೫ 4qdz7 09339 10:593[3?7 3&08818 09:39 3%&] पुली काल १२४१९ 13830 ER 09339 १०:५९ शुभ efef5d 11:58| 12341 %27 @ೌ10859 १२४१९ शुभ ಣಟ೯ನೆ 09:07 09:4933? {12:19 13340 %2/ ಕಟ೯೯ೆ 22259= 23842 39೫ काल १३४० १५:०० अशुभ वर्ज्यम १५४१७ १६१५२ अशुभ शुभ15:00 १६:२० शुभ प्रदोष १७४४१ = २०:२१ शुभ &16:20 १७४४१ अशुभ ঘীভধু अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ और मगळमयह्यी Rauekadli@e - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_953617_2539c380_1765195950886_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=886_sc.jpg)

![✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आजा का पंचांग पौष् Ue radheradheje com पक्ष- कृष्ण WWW Rچ» 84al सोमवार दिर्नाक 08 २ २०२५ निथि॰ (G0శరా) चतनुर्थी नक्षत्र प्रुष्य 5 नक्षत्र॰ ज्येष्ठा नक्षत्र॰ प्रुष्य लग्न- वृश्चिक ಟ- ೩ಷ करणा बालव (१६४०३से कौलव) चन्द्वरशि- कर्क सूर्य राशि॰ वुश्चिक शुभ मुहूर्त चीघडिया, दिन रहुकाल 088१8 09:38 33& &706:57 08818 ೩ 474410:59 १२४१९ अशुभ 476708818 09:38 &3? ಈನ 13839 घुली 14859 থ্ত [ 09:38 १0:५9 शुभ अभिजित ११४ऊ७ १२४४० शुभ 12319 अशुभ 10859 ಕಟ೯ನೆ 12240 १३२३ अशुभ उद्वेग १२४१९ १३४३९ अशुभ 878514849 15:32&? ಟ313839 1859 ೩೫ ಈ 1183913810 ಊೌ೫ लाभ १४१५9 १६:२० शुभ प्रदोष १४४० 20:218? अमृत १६:२० १७४४० शुभ ঘীভধু 26:529 अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ औरमगळमयह्यी RadheRadlefe] आजा का पंचांग पौष् Ue radheradheje com पक्ष- कृष्ण WWW Rچ» 84al सोमवार दिर्नाक 08 २ २०२५ निथि॰ (G0శరా) चतनुर्थी नक्षत्र प्रुष्य 5 नक्षत्र॰ ज्येष्ठा नक्षत्र॰ प्रुष्य लग्न- वृश्चिक ಟ- ೩ಷ करणा बालव (१६४०३से कौलव) चन्द्वरशि- कर्क सूर्य राशि॰ वुश्चिक शुभ मुहूर्त चीघडिया, दिन रहुकाल 088१8 09:38 33& &706:57 08818 ೩ 474410:59 १२४१९ अशुभ 476708818 09:38 &3? ಈನ 13839 घुली 14859 থ্ত [ 09:38 १0:५9 शुभ अभिजित ११४ऊ७ १२४४० शुभ 12319 अशुभ 10859 ಕಟ೯ನೆ 12240 १३२३ अशुभ उद्वेग १२४१९ १३४३९ अशुभ 878514849 15:32&? ಟ313839 1859 ೩೫ ಈ 1183913810 ಊೌ೫ लाभ १४१५9 १६:२० शुभ प्रदोष १४४० 20:218? अमृत १६:२० १७४४० शुभ ঘীভধু 26:529 अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ औरमगळमयह्यी RadheRadlefe] - ShareChat ✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आजा का पंचांग पौष् Ue radheradheje com पक्ष- कृष्ण WWW Rچ» 84al सोमवार दिर्नाक 08 २ २०२५ निथि॰ (G0శరా) चतनुर्थी नक्षत्र प्रुष्य 5 नक्षत्र॰ ज्येष्ठा नक्षत्र॰ प्रुष्य लग्न- वृश्चिक ಟ- ೩ಷ करणा बालव (१६४०३से कौलव) चन्द्वरशि- कर्क सूर्य राशि॰ वुश्चिक शुभ मुहूर्त चीघडिया, दिन रहुकाल 088१8 09:38 33& &706:57 08818 ೩ 474410:59 १२४१९ अशुभ 476708818 09:38 &3? ಈನ 13839 घुली 14859 থ্ত [ 09:38 १0:५9 शुभ अभिजित ११४ऊ७ १२४४० शुभ 12319 अशुभ 10859 ಕಟ೯ನೆ 12240 १३२३ अशुभ उद्वेग १२४१९ १३४३९ अशुभ 878514849 15:32&? ಟ313839 1859 ೩೫ ಈ 1183913810 ಊೌ೫ लाभ १४१५9 १६:२० शुभ प्रदोष १४४० 20:218? अमृत १६:२० १७४४० शुभ ঘীভধু 26:529 अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ औरमगळमयह्यी RadheRadlefe] आजा का पंचांग पौष् Ue radheradheje com पक्ष- कृष्ण WWW Rچ» 84al सोमवार दिर्नाक 08 २ २०२५ निथि॰ (G0శరా) चतनुर्थी नक्षत्र प्रुष्य 5 नक्षत्र॰ ज्येष्ठा नक्षत्र॰ प्रुष्य लग्न- वृश्चिक ಟ- ೩ಷ करणा बालव (१६४०३से कौलव) चन्द्वरशि- कर्क सूर्य राशि॰ वुश्चिक शुभ मुहूर्त चीघडिया, दिन रहुकाल 088१8 09:38 33& &706:57 08818 ೩ 474410:59 १२४१९ अशुभ 476708818 09:38 &3? ಈನ 13839 घुली 14859 থ্ত [ 09:38 १0:५9 शुभ अभिजित ११४ऊ७ १२४४० शुभ 12319 अशुभ 10859 ಕಟ೯ನೆ 12240 १३२३ अशुभ उद्वेग १२४१९ १३४३९ अशुभ 878514849 15:32&? ಟ313839 1859 ೩೫ ಈ 1183913810 ಊೌ೫ लाभ १४१५9 १६:२० शुभ प्रदोष १४४० 20:218? अमृत १६:२० १७४४० शुभ ঘীভধু 26:529 अहोरात्र अशुभ आपका दिन शृभ औरमगळमयह्यी RadheRadlefe] - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_815074_430cf84_1765112811181_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=181_sc.jpg)

![🌺राधा कृष्ण💞 - য্্িনীর্রন]৪} 8 [ कामयाव ह्ोनाा है॰ तबोलनेस्े = স্তুননী] 54 को आदत ह्ोनी चाहिये Radiekadlice য্্িনীর্রন]৪} 8 [ कामयाव ह्ोनाा है॰ तबोलनेस्े = স্তুননী] 54 को आदत ह्ोनी चाहिये Radiekadlice - ShareChat 🌺राधा कृष्ण💞 - য্্িনীর্রন]৪} 8 [ कामयाव ह्ोनाा है॰ तबोलनेस्े = স্তুননী] 54 को आदत ह्ोनी चाहिये Radiekadlice য্্িনীর্রন]৪} 8 [ कामयाव ह्ोनाा है॰ तबोलनेस्े = স্তুননী] 54 को आदत ह्ोनी चाहिये Radiekadlice - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_474482_2a3e4c91_1765062473120_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=120_sc.jpg)
![✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आज का पंचांग मास॰ पौष , 08T- ಹu] दिनु॰ 84al रविवार 44-0712-2025 (18:24349) fafe- नृतीया नक्षत्र पुनर्वसु सूर्य नक्षत्र॰ ज्येष्ठा चंद्रनक्षत्र॰ प्रुनर्वसु लग्न- वृश्चिक योगा- शुक्ल करणा- वणिज (O७:५० से विष्टि भद्र) मिथुन (२२:३७ से कर्क) चन्द्रराशि- सूर्य राशि- वृश्चिक शुभ मुहूर्त चौघडिया , दिन 0&106:57 राहुकाल १६:२० १७४४० अशुभ 08:१७ अशुभ यम घंटा१२:१८ १३:३९ अशुभ 0९:३8 शुभ ಫ08817 {s काल १५४५9 16:20 लाभ09:38 १०:५८ शुभ अभिजित ११:५७ १२:४० शुभ 1218 ೩೫ अमृत १०:५8 8738616814 १६:५७ अशुभ @1:18 १३:३९ अशुभ वर्ज्यम १७४०७ १८:३५ अशुभ ೩೫ 13.39 १४१५९ शुभ प्रदोष १७:४० - २०:२१ शुभ रोग १४४५९ १६:२० अशुभ उद्वेग १६:२० -१७४४० अशुभ आपका दिन शुभ और मंगळमय ह्यो www rodheradhejecom RadheRadhefe आज का पंचांग मास॰ पौष , 08T- ಹu] दिनु॰ 84al रविवार 44-0712-2025 (18:24349) fafe- नृतीया नक्षत्र पुनर्वसु सूर्य नक्षत्र॰ ज्येष्ठा चंद्रनक्षत्र॰ प्रुनर्वसु लग्न- वृश्चिक योगा- शुक्ल करणा- वणिज (O७:५० से विष्टि भद्र) मिथुन (२२:३७ से कर्क) चन्द्रराशि- सूर्य राशि- वृश्चिक शुभ मुहूर्त चौघडिया , दिन 0&106:57 राहुकाल १६:२० १७४४० अशुभ 08:१७ अशुभ यम घंटा१२:१८ १३:३९ अशुभ 0९:३8 शुभ ಫ08817 {s काल १५४५9 16:20 लाभ09:38 १०:५८ शुभ अभिजित ११:५७ १२:४० शुभ 1218 ೩೫ अमृत १०:५8 8738616814 १६:५७ अशुभ @1:18 १३:३९ अशुभ वर्ज्यम १७४०७ १८:३५ अशुभ ೩೫ 13.39 १४१५९ शुभ प्रदोष १७:४० - २०:२१ शुभ रोग १४४५९ १६:२० अशुभ उद्वेग १६:२० -१७४४० अशुभ आपका दिन शुभ और मंगळमय ह्यो www rodheradhejecom RadheRadhefe - ShareChat ✡️ज्योतिष समाधान 🌟 - आज का पंचांग मास॰ पौष , 08T- ಹu] दिनु॰ 84al रविवार 44-0712-2025 (18:24349) fafe- नृतीया नक्षत्र पुनर्वसु सूर्य नक्षत्र॰ ज्येष्ठा चंद्रनक्षत्र॰ प्रुनर्वसु लग्न- वृश्चिक योगा- शुक्ल करणा- वणिज (O७:५० से विष्टि भद्र) मिथुन (२२:३७ से कर्क) चन्द्रराशि- सूर्य राशि- वृश्चिक शुभ मुहूर्त चौघडिया , दिन 0&106:57 राहुकाल १६:२० १७४४० अशुभ 08:१७ अशुभ यम घंटा१२:१८ १३:३९ अशुभ 0९:३8 शुभ ಫ08817 {s काल १५४५9 16:20 लाभ09:38 १०:५८ शुभ अभिजित ११:५७ १२:४० शुभ 1218 ೩೫ अमृत १०:५8 8738616814 १६:५७ अशुभ @1:18 १३:३९ अशुभ वर्ज्यम १७४०७ १८:३५ अशुभ ೩೫ 13.39 १४१५९ शुभ प्रदोष १७:४० - २०:२१ शुभ रोग १४४५९ १६:२० अशुभ उद्वेग १६:२० -१७४४० अशुभ आपका दिन शुभ और मंगळमय ह्यो www rodheradhejecom RadheRadhefe आज का पंचांग मास॰ पौष , 08T- ಹu] दिनु॰ 84al रविवार 44-0712-2025 (18:24349) fafe- नृतीया नक्षत्र पुनर्वसु सूर्य नक्षत्र॰ ज्येष्ठा चंद्रनक्षत्र॰ प्रुनर्वसु लग्न- वृश्चिक योगा- शुक्ल करणा- वणिज (O७:५० से विष्टि भद्र) मिथुन (२२:३७ से कर्क) चन्द्रराशि- सूर्य राशि- वृश्चिक शुभ मुहूर्त चौघडिया , दिन 0&106:57 राहुकाल १६:२० १७४४० अशुभ 08:१७ अशुभ यम घंटा१२:१८ १३:३९ अशुभ 0९:३8 शुभ ಫ08817 {s काल १५४५9 16:20 लाभ09:38 १०:५८ शुभ अभिजित ११:५७ १२:४० शुभ 1218 ೩೫ अमृत १०:५8 8738616814 १६:५७ अशुभ @1:18 १३:३९ अशुभ वर्ज्यम १७४०७ १८:३५ अशुभ ೩೫ 13.39 १४१५९ शुभ प्रदोष १७:४० - २०:२१ शुभ रोग १४४५९ १६:२० अशुभ उद्वेग १६:२० -१७४४० अशुभ आपका दिन शुभ और मंगळमय ह्यो www rodheradhejecom RadheRadhefe - ShareChat](https://cdn4.sharechat.com/bd5223f_s1w/compressed_gm_40_img_100115_327023c4_1765023096961_sc.jpg?tenant=sc&referrer=user-profile-service%2FrequestType50&f=961_sc.jpg)


